No: 885 Dated: Feb, 03 2020

डॉ. एस. सिद्धार्थ, भा.प्र.से.
प्रधान सचिव
वित्त विभाग
बिहार सरकार

सेवा में,

                   सभी अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव,
                   सभी विभागाध्यक्ष, सभी प्रमंडलीय आयुक्त,
                   सभी जिला पदाधिकारी, सभी कोषागार पदाधिकारी ।

विषय    :-   वित्तीय वर्ष 2019-20 के अंतिम 02 माहों यथा फरवरी एवं मार्च में वित्तीय अनुशासन बनाये रखने के संबंध में।

महाशय,

                    बिहार कोषागार संहिता, 2011 के नियम-176 के प्रावधानानुसार "कोषागार से राशि की निकासी खर्च जरुरी होने पर ही किया जाय' एवं नियम-177 के अनुसार “बजट में उपबंधित राशि को व्ययगत होने से बचाने हेतु राशि की निकासी नहीं किया जाय। यदि निकासी की गयी अग्रिम राशि 31 मार्च तक व्यय नहीं होने वाली है, तो उसे ससमय 31 मार्च के पूर्व कोषागार में वापस जमा करा दिया जाय।

                बिहार कोषागार संहिता, 2011 के नियम-34 के अनुसार राज्य सरकार के अन्तर्गत किसी पदाधिकारी/प्राधिकार को बैंक में खाता खोलने एवं कोषागार से राशि की निकासी कर उसमें संचित करने के पूर्व वित्त विभाग की सहमति प्राप्त करना अनिवार्य है।

2. आप अवगत हैं कि वित्त विभाग द्वारा वित्तीय अनुशासन बनाये जाने के संबंध में समय-समय पर दिशा-निर्देश निर्गत किया जाता रहा है।

3. तद्नुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 के अंतिम 02 माहों में राशि की निकासी के संदर्भ में वित्तीय अनुशासन बनाये रखने के संबंध में निम्नांकित दिशा-निर्देश निर्गत किये जाते हैं:

    (i) सभी स्कीमों में ₹1.00 करोड़ से अधिक के ए0सी0 विपत्र, सहायक अनुदान मद से निकासी कर अन्य संस्थाओं/एजेन्सियौं को राशि देने संबंधित विपत्र एवं पी0एल0 / पी0डी0 में राशि हस्तांतरण से संबंधित विपत्र की निकासी के पूर्व इस पर औचित्य के साथ वित्त विभाग से सहमति प्राप्त करनी होगी।

    (ii) किसी भी स्कीम में राशि की निकासी कर विभागीय /कार्यालय के बैंक खाते में रखा जाना अनुमान्य नहीं होगा, बशर्ते की भारत सरकार के मार्गदर्शिका के अनुसार Matching Share की राशि को बैंक में रखे जाने की अनिवार्यता न हो।

    (iii) पी0एल0 खाते से राशि निकाल कर बैंक खाते में नहीं रखे जायेंगे, बशर्ते की भारत सरकार के मार्गदर्शिका के अनुसार Matching Share की राशि को बैंक में रखे जाने की अनिवार्यता न हो।

    (iv) स्थापना प्रतिबद्ध व्यय मद में ए0सी0 विपत्र या प्रोफार्मा इन्वायस पर कोई निकासी नहींकी जा सकेगी।

4. निम्नलिखित मामलों में उक्त कंडिका-3 में वर्णित प्रतिबंध लागू नहीं होंगे।

    (i) बिहार राज्यपाल सचिवालय/बिहार विधान मंडल सचिवालय/उच्च न्यायालय/लोकायुक्त कार्यालय/बिहार लोक सेवा आयोग/बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग/बिहार मानवाधिकार आयोग/ राज्य सूचना आयोग कार्यालयों के विपत्र ।

    (ii) न्यायालय के विशिष्ट आदेश से आच्छादित विपत्र।

    (iii) निर्वाचन कार्य से संबंधित विपत्र ।

    (iv) वेतन / पेंशन, सहायक अनुदान वेतन एवं संविदा कर्मियों को मानदेय से संबंधित विपत्र ।

5. यह आदेश पत्र निर्गत के तिथि से प्रभावी होगा, जो 31 मार्च, 2020 तक लागू रहेंगे।

विश्वासभाजन

(डॉ० एस सिद्धार्थ

प्रधान सचिव

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