वित्तीय वर्ष 2020-21 में राशि निकासी हेतु वित्तीय अनुशासन बनाये रखने के सम्बंध में
No: 2219 Dated: Apr, 08 2020
सेवा में,
विषय :- वित्तीय वर्ष 2020-21 में राशि निकासी हेतु वित्तीय अनुशासन बनाये रखने के संबंध में।
महाशय.
बिहार कोषागार संहिता, 2011 के नियम-176 के प्रावधानानुसार "कोषागार से राशि की निकासी खर्च जरुरी होने पर ही किया जाय" एवं नियम-177 के अनुसार "बजट में उपबंधित राशि को व्ययगत होने से बचाने हेतु राशि की निकासी नहीं किया जाय। यदि निकासी की गयी अग्रिम राशि 31 मार्च तक व्यय नहीं होने वाली है, तो उसे ससमय 31 मार्च के पूर्व कोषागार में वापस जमा करा दिया जाय।"
बिहार कोषागार संहिता, 2011 के नियम-34 के अनुसार राज्य सरकार के अन्तर्गत किसी पदाधिकारी/प्राधिकार को बैंक में खाता खोलने एवं कोषागार से राशि की निकासी कर उसमें संचित करने के पूर्व वित्त विभाग की सहमति प्राप्त करना अनिवार्य है।
2. आप अवगत हैं कि वित्त विभाग द्वारा वित्तीय अनुशासन बनाये जाने के संबंध में समय-समय पर दिशा-निर्देश निर्गत किया जाता रहा है।
3. तद्नुसार राशि की निकासी के संदर्भ में वित्तीय अनुशासन बनाये रखने के संबंध में निम्नांकित दिशा-निर्देश निर्गत किये जाते हैं:
(i) सभी स्कीमों में, पी०एल०/पी0डी0 खाते में राशि हस्तांतरण हेतु ए0सी0 विपत्र की निकासी किया जा सकेगा किन्तु अन्य मामलों में ए0सी0 विपत्र पर राशि की निकासी प्रतिबंधित रहेगी।
(ii) सहायक अनुदान मद में राशि की निकासी के पूर्व यह आवश्यक होगा कि पूर्व में निकासी की गई सहायक अनुदान की राशि का कम से कम 50 प्रतिशत की राशि का उपयोगिता महालेखाकार कार्यालय को उपलब्ध कराया गया हो।
(iii) किसी भी स्कीम में राशि की निकासी कर विभागीय/कार्यालय के बैंक खाते में रखा जाना अनुमान्य नहीं होगा, बशर्ते कि भारत सरकार के मार्गदर्शिका के आनुसार Matching Share की राशि को बैंक में रखे जाने की अनिवार्यता न हो।
(iv) पी०एल०/पी0डी0 खाते से केवल Vendor/Contractor/Payee को सीधे भुगतान हेतु निकासी होगी। पी०एल०/पी0डी0 खाताधारी के अपने बैंक खाते में मात्र कर की स्रोत पर कटौती, एजेन्सी चार्ज इत्यादि का हस्तांतरण ही अनुमान्य होगा।
(v) स्थापना प्रतिबद्ध व्यय मद में ए0सी0 विपत्र या प्रोफार्मा इन्वायस पर कोई निकासी नहीं की जा सकेगी।
4. किसी भी स्कीम में DBT/RTGS के माध्यम से लाभार्थियों को भुगतान करने हेतु मुख्यालय स्तर पर संबंधित स्कीम के लिए केवल एक अलग बैंक खाता प्रत्येक स्कीम के लिए संधारित होगा जिसके माध्यम से लाभार्थियों को राशि नियमानुसार आंतरित किया जायेगा। इसके लिए उपर्युक्त कंडिका-3 का बंधेज लागू नहीं होगा। किसी भी परिस्थति में क्षेत्रीय कार्यालयों यथा जिला एवं प्रखण्ड आदि स्तर पर अलग अलग बैंक खाते स्कीमों में DBT/RTGS करने के लिए नहीं खोले जाएंगे। DBT/RTGS केवल मुख्यालय में संधारित बैंक खाते से ही सम्पूर्ण राज्य में किये जायेगे।
5. वैसे संविदा कर्मी, जिसका CEMS Software में Employee Detail का मैपिंग अद्यतन नहीं होने के कारण वेतन भुगतान में हो रही कठिनाई के मद्देनजर संबंधित निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी द्वारा आवश्यक राशि बैंक खाते में संधारित कर RTGS के माध्यम से उन कर्मियों को देय मानदेय का भुगतान करते हैं, वैसे सभी मामलों में बैंक खाते में राशि संधारित कर RTGS के माध्यम से कर्मियों को मानदेय भुगतान की व्यवस्था संबंधित छूट, वर्तमान में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर दिनांक 30.06.2020 तक के लिए निर्धारित की जाती है । इसके पश्चात् इन कर्मियों का भुगतान CFMS Software के माध्यम से कर्मियों के बैंक खाते में करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय तथा इसके लिए Employee Detail Software में प्रविष्टि करानी होगी।
6. निम्नलिखित मामलों में उक्त कंडिका-3 में वर्णित प्रतिबंध लागू नहीं होंगे।
(i) Covid-19 से संबंधित सभी प्रकार के विपत्र।
(ii) विधि व्यवस्था एवं आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी प्रकार के विपत्र।
(iii) GeM से खरीद हेतु SGPA खाते में हस्तांतरित किये जाने वाले अग्रिम विपत्र।
(iv) बिहार राज्यपाल सचिवालय/बिहार विधान मंडल सचिवालय/उच्च न्यायालय/लोकायुक्त कार्यालय/बिहार लोक सेवा आयोग/ बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग/बिहार मानवाधिकार आयोग/ राज्य सूचना आयोग कार्यालयों के विपत्र।
(v) न्यायालय के विशिष्ट आदेश से आच्छादित विपत्र।
(vi) निर्वाचन कार्य से संबंधित विपत्र ।
(vii) वेतन/पेंशन, सहायक अनुदान वेतन एवं संविदा कर्मियों को मानदेय से संबंधित विपत्र ।
यह आदेश पत्र निर्गत के तिथि से प्रभावी होगा।