No: 3026 Dated: Feb, 20 2024

बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली के संबंध में

विषय:- बिहार सचिवालय सेवा के सहायक प्रशाखा पदाधिकारी/प्रशाखा पदाधिकारी के विरुद्ध विभागाध्यक्ष/कार्यालय प्रधान द्वारा अधिरोपित दण्ड/निलंबन के आदेश से संबंधित अपील/पुनर्विलोकन अर्जी/पुनरीक्षण पर विचार हेतु सक्षम प्राधिकार के संबंध में।

उपर्युक्त विषय के संबंध में कहना है कि बिहार सरकारी सेवकों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई संचालित करने हेतु सक्षम प्राधिकार एवं प्रक्रिया का निर्धारण बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005 में किया गया है। नियमावली के प्रावधान के आलोक में किसी सरकारी सेवक के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई का संचालन एवं दण्ड अधिरोपण की शक्ति अनुशासनिक प्राधिकार में निहित की गयी है, जबकि दिये गये दण्ड अथवा निलंबन आदेश के विरूद्ध अपील की सुनवाई कर निर्णय लेने की शक्ति अपीलीय प्राधिकार में निहित है।

2. प्रासंगिक नियमावली के नियम नियम-2 (झ) में अनुशासनिक प्राधिकार को परिभाषित किया गया है, जिसके आलोक में किसी सरकारी सेवक का नियुक्ति प्राधिकार अथवा उसके द्वारा प्राधिकृत कोई अन्य प्राधिकार ही उसका अनुशासनिक प्राधिकार होगा।

3. उक्त प्रावधानों के आलोक में बिहार सचिवालय सेवा के सहायक प्रशाखा पदाधिकारी एवं प्रशाखा पदाधिकारी के नियुक्ति प्राधिकार होने के कारण क्रमशः अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव एवं माननीय मंत्री सामान्य प्रशासन विभाग उनके अनुशासनिक प्राधिकार हैं। साथ ही उक्त नियुक्ति प्राधिकारों द्वारा अपनी अनुशासनिक प्राधिकार की शक्ति को प्रत्यायोजित करने का निर्णय लिया गया है, जिसे तत्कालीन कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग (सम्प्रति सामान्य प्रशासन विभाग) के आदेश ज्ञापांक- 2940 दिनांक - 19.05.2008 द्वारा संसूचित किया गया है। उक्त प्रत्यायोजित शक्ति के आलोक में ही प्रशासी विभाग के विभागाध्यक्ष/कार्यालय प्रधान द्वारा बिहार सचिवालय सेवा के सहायक प्रशाखा पदाधिकारी एवं प्रशाखा पदाधिकारी, जो तत्समय उनके विभाग/कार्यालय में पदस्थापित हों, के विरूद्ध यथेष्ट कारण रहने पर उन्हें लघु दण्ड देने तथा/अथवा निलंबित करने की शक्ति का प्रयोग किया जाता है।

4. प्रासंगिक नियमावली के प्रावधानों के आलोक में सामान्य प्रशासन विभाग के अधिसूचना संख्या 2815 दिनांक 30.12.2005 - सहपठित- अधिसूचना संख्या 2378 दिनांक 28.04.2008 द्वारा बिहार सचिवालय सेवा के सहायक प्रशाखा पदाधिकारी के संदर्भ में सदस्य राजस्व पर्षद को अपीलीय प्राधिकार घोषित किया गया है। 

5. साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना संख्या- 13239 दिनांक – 05.11.2021 द्वारा बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील ) नियमावली, 2005 के नियम - 24 एवं 28 के प्रावधानों के तहत बिहार सचिवालय सेवा के सहायक प्रशाखा पदाधिकारी के संदर्भ में सदस्य राजस्व पर्षद को अपीलीय प्राधिकार एवं माननीय मंत्री सामान्य प्रशासन विभाग को अपीलीय प्राधिकार के आदेश के विरुद्ध पुनरीक्षण हेतु पुनरीक्षण प्राधिकार विनिर्दिष्ट किया गया है।

6. उपर्युक्त कंडिका- 3, 4 एवं 5 के प्रावधान से स्पष्ट है कि बिहार सचिवालय सेवा के सहायक प्रशाखा पदाधिकारी एवं प्रशाखा पदाधिकारी के संदर्भ में मात्र अनुशासनिक प्राधिकार की शक्ति ही संबंधित विभागाध्यक्ष/कार्यालय प्रधान में प्रत्यायोजित की गयी है। अपीलीय प्राधिकार अथवा पुनरीक्षण के प्राधिकार की शक्ति प्रत्यायोजित नहीं की गयी है।

  परन्तु कतिपय ऐसे दृष्टांत सामान्य प्रशासन विभाग के संज्ञान में आये हैं जिनमें विभागाध्यक्ष द्वारा अनुशासनिक प्राधिकार की प्रत्यायोजित शक्ति का प्रयोग कर बिहार सचिवालय सेवा के सहायक प्रशाखा पदाधिकारी/प्रशाखा पदाधिकारी के विरूद्ध अधिरोपित दण्ड को पुनः अपीलीय प्राधिकार/पुनरीक्षण प्राधिकार की हैसियत से निरस्त/पुनरीक्षित किया गया है। क्योंकि विभागाध्यक्ष/कार्यालय प्रधान को अपीलीय प्राधिकार की शक्ति प्रत्यायोजित नहीं की गयी है, अतः ऐसे मामलों में अपीलीय प्राधिकार की हैसियत से अधिरोपित दण्ड को उनके द्वारा निरस्त/पुनरीक्षित किया जाना नियसम्मत नहीं है और ऐसा कोई आदेश विधिसम्मत भी नहीं माना जायेगा।

7. अतः स्पष्ट किया जाता है कि विभागाध्यक्ष / कार्यालय प्रधान द्वारा बिहार सचिवालय सेवा के सहायक प्रशाखा पदाधिकारी एवं प्रशाखा पदाधिकारी जो तत्समय उनके विभाग / कार्यालय में पदस्थापित हों, के विरूद्ध यथेष्ट कारण रहने पर उन्हें लघु दण्ड देने तथा / अथवा निलंबित करने की अनुशासनिक प्राधिकार की प्रत्यायोजित शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है। परन्तु ऐसे मामलों में उनके द्वारा अधिरोपित दण्ड को स्वयं उनके द्वारा अपीलीय प्राधिकार के रूप में निरस्त / पुनरीक्षित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि ऐसा किया जाना नियसम्मत नहीं माना जायेगा।

8. अतः अनुरोध है कि वर्णित तथ्यों से अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों / कर्मियों को अवगत कराते हुए इसका अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया जाय।

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