वित्तीय वर्ष 2023-24 में निधि निकासी एवम व्यय नियंत्रण की व्यवस्था के सम्बंध में
No: 493 Dated: Jan, 15 2024
वित्तीय वर्ष 2023-24 में निधि निकासी एवम व्यय नियंत्रण की व्यवस्था के सम्बंध में
प्रसंग : वित्त विभागीय पत्रांक 3151 दिनांक 31.03.2023 पत्रांक-6482 दिनांक- 25.07.2023, पत्रांक-6981 दिनांक 08.08.2023 एवं 10995 दिनांक 12.12.2023
उपर्युक्त विषय के संबंध में कहना है कि वित्त विभागीय स्थायी अनुदेश पत्रांक- 2561 दिनांक 17.04.1998 की कंडिका-2 के आलोक में सभी विभागो/नियंत्री पदाधिकारियों द्वारा योजना तथा गैर योजना मद (सम्प्रति स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय तथा स्कीम) के अन्तर्गत अपने विभाग/कार्यालय से संबंधित सभी शीर्षो में चार-चार माह की अवधि के लिये अपने कार्यालय तथा अधीनस्थ निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों के कार्यालयों के लिये निम्नांकित प्रकार से राशि का आवंटन किया जाना है :-
(क) 01 अप्रैल से 31 जुलाई तक बजट से प्रावधानित राशि का 33 प्रतिशत
(ख) 01 अगस्त से 30 नवम्बर तक बजट में प्रावधानित कुल राशि का 32 प्रतिशत अर्थात संचयात्मक रूप से बजट में प्रावधानित कुल राशि के 65 प्रतिशत तक
(ग) 01 दिसम्बर से 31 मार्च तक बजट में प्रावधानित राशि का 35 प्रतिशत अर्थात् संचयात्मक रूप से बजट में प्रावधानित कुल राशि का शत प्रतिशत ।
विदित हो किं प्रासंगिक विभागीय पत्रों द्वारा क्रमशः प्रथम एवं द्वितीय चौमाही के लिये स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय तथा स्कीम में सिलिंग शिथिल करने संबंधी दिशा-निर्देश दिया गया है । संदर्भित स्थायी अनुदेश की कंडिका-2 (ग) के अनुपालन मे तृतीय चौगाही के परिपेक्ष्य में वित्तीय वर्ष-2023-24 के लिए तत्काल प्रभाव से स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय तथा स्कीम दोनो मदो में निम्नांकित शर्तों के साथ बजट उपबंध के अधीन व्यय हेतु शत-प्रतिशत शिथिलीकरण किया जाता है।
1. कोषागार से राशि की निकासी कर पी०एल०/पी०डी० अथवा किसी जमा शीर्ष (Deposit Head) में राशि वित्त विभागीय पूर्वानुमति के बगैर हस्तांतरित नहीं की जायेगी ।
2. केन्द्रीय प्रायोजित स्कीम से संबंधित SNA को छोड़कर अन्य किसी भी मामले में कोषागार से राशि की निकासी कर बैंक खाते में Park नहीं किया जायेगा ।
3. विभिन्न प्रकार के नियमानुसार कार्य अग्रिम (यथा लामबंदी अग्रिम (Mohillation Advance), सुरक्षित अग्रिम सामग्री और खरीद अग्रिम एवं अन्य अग्रिम) को छोड़कर अन्य किसी भी मामले में एक करोड़ से अधिक राशि की अग्रिम निकासी वित्त विभाग की सहमति के पश्चात ही की जा सकेगी।