No: F 16-20/2012 Dated: Sep, 30 2013

पूंजी निवेशकों को आवंटित सरकारी पट्टे की भूमियों के अभिहस्‍तांकन संबंधी नीति/निर्देश

राज्य सरकार, एतदद्वारा पूंजी की भूमियों के अभिहस्तांकन उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य की विभिन्न नीतियों के अंतर्गत कतिपय सुविधाओं / रियायतों के साथ शासकीय भूमि आबंटित की जाती है, किन्तु ऐसी आबंटित भूमि को अभिहस्तांकित कर वित्तीय संस्थाओं / बैंकों से उद्योग के लिए धन जुटाने के लिए कोई निर्देश नहीं हैं। विचार यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक से अनुज्ञप्ति प्राप्त अनुसूचितं बैंकों एवं कम्पनी अधिनियम, 1956 की धारा 4 (1) के अंतर्गत घोषित लोक वित्तीय संस्थाओं के पक्ष में पट्टाधिकारों का अभिहस्तांकन उचित होगा। उल्लेखनीय है कि अभिहस्तांकन (conveyance) बंधक (mortgage ) नहीं है, न ही बंटिती को पट्टाधिकार के अभिहस्तांकन की पूर्ण शक्ति (full power ) या समग्र प्राधिकार ( absolute authority) है। अभिहस्तांकन की बंटिती की शक्ति सीमित है।

2. राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया जाकर उद्योगों को बढ़ावा देने की दृष्टि से राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड चार कमांक 1 के अंतर्गत विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 16-14/2013 / सात / शा. 2ए दिनांक 30.05.2013 जो कि राजपत्र दिनांक 30. 05.2013 में प्रकाशित है, के अनुक्रम में आबंटित सरकारी भूमियों में परियोजना के लिए ऋण प्राप्त करने हेतु निम्नलिखित शर्तों पर भूमि अभिहस्तांकन की अनुमति दी जा सकेगी :-

(1) भूमि पर राज्य सरकार को देय प्रभार प्रथम दायित्व होंगे, किसी बँक / वित्तीय संस्था या अन्य का नही;

(2) भूमि के अभिहस्तांकन के उपरान्त भी भूमि का उपयोग यथापूर्व प्रयोजन के लिये ही किया जा सकेगा, प्रयोजन परिवर्तन नही किया जा सकेगा; 

(3) पट्टाधारी से किसी राशि की वसूली के लिये किसी न्यायालय / प्राधिकरण / प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत वाद / दावे में राज्य सरकार आवश्यक पक्षकार होगी। अभिहस्तांकिती ऐसा वाद या दावा राज्य सरकार को पक्षकार बनाए बिना प्रस्तुत नहीं कर सकेगा;

(4) अभिहस्तांकिती अपनी देय राशि प्रथमतः अभिहस्तांकित भूमि पर स्थित समस्त चल सम्पत्ति से वसूल कर सकेगा, उसके बाद भूमि पर स्थापित संरचना से वसूल कर सकेगा;

(5) पट्टेदार और वित्तीय संस्थाओं के बीच ऋण की शर्तों के तहत वसूली की कार्यवाही करने के पूर्व वित्तीय संस्था को कम से कम 3 माह पूर्व राज्य सरकार को नोटिस देना होगा;

(6) वित्तीय संस्थाओं द्वारा वसूली के अनुक्रम में अभिहस्तांकित भूमि के लीज का हस्तांतरण पट्टे की शेष अवधि के लिए होगा और इसके पश्चात् हस्तांतरिती को पट्टे का नवीनीकरण कराना होगा:

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