भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में धारा 17-ए जोड़े जाने के फलस्वरूप पुलिस अधिकारी द्वारा लोक सेवकों (शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारी) के विरूद्ध जांच या पूछताछ या अन्वेषण करने हेतु पूर्वानुमति जारी करने की प्रक्रिया बाबत्
No: एफ 15-01/2014/1-10 Dated: Dec, 26 2020
विषय:- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में धारा 17-ए जोड़े जाने के फलस्वरूप पुलिस अधिकारी द्वारा लोक सेवकों (शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारी) के विरूद्ध जांच या पूछताछ या अन्वेषण करने हेतु पूर्वानुमति जारी करने की प्रक्रिया बाबत्।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17-ए के अनुसार किसी लोक सेवक के द्वारा शासकीय कृत्य या कर्तव्यों के निर्वहन में की गई सिफारिशों या किए गए विनिश्चय के संबंध में अपराधों की जांच या पूछताछ या अन्वेषण किसी पुलिस अधिकारी द्वारा बिना राज्य शासन की पूर्वानुमति के नहीं किया जा सकता।
ऐसी पूर्वानुमति प्राप्त करने के लिए निम्नानुसार प्रक्रिया निर्धारित की जाती है:-
(1) राज्य शासन की धारा 17-ए के अंतर्गत पूर्वानुमति प्राप्त करने के लिए अन्वेषण एजेंसी का प्रमुख ऐसे शासकीय कृत्य या कर्तव्यों के निर्वहन में की गई सिफारिशों या किए गए विनिश्चय जिसके संबंध में कथित अपराध की जांच या पूछताछ या अन्वेषण करने के लिए समस्त वांछित अभिलेख सहित अपना प्रतिवेदन संबंधित प्रशासकीय विभाग को प्रेषित करेगा।
(2) प्रशासकीय विभाग परीक्षण कर प्रकरण में अपने स्पष्ट अभिमत सहित समन्वय में प्रस्तुत करेगा। तदानुसार प्राप्त आदेश के अनुसार अन्वेषण एजेंसी को पूर्वानुमति मान्य अथवा अमान्य करने की संसूचना दी जावेगी।