सामाजिक, सांस्कृतिक या परोपकारी गतिविधियों में संलग्न संस्थाओं को भूमि आंवटन के संबंध में
No: एफ 6-42/2013/सात/नजूल Dated: Aug, 30 2013
सामाजिक, सांस्कृतिक या परोपकारी गतिविधियों में संलग्न संस्थाओं को भूमि आंवटन के संबंध में
राज्य सरकार एतदद्वारा, राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड चार क्रमांक-1 के अंतर्गत सामाजिक, सांस्कृतिक या परोपकारी गतिविधियों में संलग्न पूर्त संस्थाओं को भूमि आबंटन के लिए निम्नानुसार नीति जारी करती है:-
1. इस विभाग द्वारा निवेशकों के लिए भूमि आबंटन के लिए जारी की गई नीति परिपत्र क्रमांक 16-14 / 2013 / सात / शा. 2ए दिनांक 30 मई, 2013 की कंडिका 4 में आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त द्वारा प्रदेश में उपलब्ध नगरीय तथा नगरेत्तर क्षेत्रों में स्थित समस्त दखलरहित भूमि के लिए लेण्ड बैंक बनाया गया है जिसे प्रत्येक तीन माह के अंतराल पर अद्यतन किया जाकर आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त की वेबसाइट (www.landrecord.mp.gov.in) पर प्रदर्शित भी किया गया है। इस प्रकार तैयार एवं प्रदर्शित लेण्ड बैंक में उपलब्ध भूमियों में से सांस्कृतिक, सामाजिक या परोपकारी गतिविधियों के लिए भूमि आवंटन के लिए चयन की जा सकती हैं ऐसी संस्थाओं को भूमि आबंटन के बाद वेबसाइट पर प्रदर्शित जानकारी नियमित अंतराल पर अद्यतन की जाएगी।
2. सांस्कृतिक, सामाजिक या परोपकारी संस्था को पूर्त संस्था (चेरिटेबिल संस्था) समझा जाएगा। पूर्त संस्था से अभिप्रेत है ऐसी संस्था जिसकी गतिविधियां पूर्त प्रयोजन से सम्बद्ध हो और पूर्त प्रयोजन से अभिप्रेत है, शारीरिक और / अथवा मानसिक रूप से निःशक्त व्यक्तियों के लिए संस्था / अनाथाश्रम स्थापित करना, लड़कियों तथा कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास स्थापित करना, वृद्धाश्रम स्थापित करना, स्कूल शिक्षा / कौशल विकास गतिविधियों के लिए संस्था स्थापित करना, सांस्कृतिक / सामुदायिक गतिविधियों के लिए संस्था स्थापित करना, खेलकूद संबंधी सुविधाएं विकसित करना और ऐसा ही कोई अन्य प्रयोजन जिसे राज्य सरकार आदेश द्वारा अधिसूचित करे ।
3. पूर्त संस्थाओं के भूमि आवंटन के आवेदन का परीक्षण करने के लिए निम्न बिन्दु सम्मिलित किए जाएंगे :-
(क) संस्था का पंजीयन,
(ख) संस्था के लक्ष्य, उद्देश्य और गतिविधियां,
(ग) संस्था की वित्तीय स्थिति तथा उनके द्वारा तैयार की गयी योजना के कियान्वयन के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन की उपलब्धता जिसमें भवन निर्माण कराने वाली लागत एवं गतिविधियों के संचालन के लिए प्रारम्भिक आवश्यकता सम्मिलित हो,
(घ) संस्था की प्रस्तावित योजना के लिए भूमि का न्यूनतम आवश्यक क्षेत्रफल, जो उप संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा प्रतिवेदित तथा अनुशंसित हो ।
4. पूर्त संस्थाओं द्वारा आवेदन कलेक्टर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें निम्नलिखित जानकारियां दी जाएंगी और दस्तावेजों की प्रतियां संलग्न की जाएंगी:-