संजीवनी-108 एम्बुलेंस सेवा तथा जननी एक्सप्रेस वाहनों का परिचालन अब केन्द्रीय कॉल सेंटर के माध्यम से, 6 सिंचाई परियोजना के लिए 1720 करोड़ रुपये की स्वीकृति, मुख्यमंत्री ब्याज अनुदान योजना तथा मुख्यमंत्री कारीगर स्व-रोजगार योजना का अनुसमर्थन, बैराढ़ को तहसील दर्जा
No: 0 Dated: Jun, 11 2013
संजीवनी-108 एम्बुलेंस सेवा तथा जननी एक्सप्रेस वाहनों का परिचालन अब केन्द्रीय कॉल सेंटर के माध्यम से
6 सिंचाई परियोजना के लिए 1720 करोड़ रुपये की स्वीकृति, मुख्यमंत्री ब्याज अनुदान योजना तथा मुख्यमंत्री कारीगर स्व-रोजगार योजना का अनुसमर्थन, बैराढ़ को तहसील दर्जा
Bhopal : Tuesday, June 11, 2013, 16:11 IST
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सम्पन्न मंत्रि-परिषद् की बैठक में संजीवनी-108 एम्बुलेंस सेवा तथा जननी एक्सप्रेस वाहनों को समन्वित रूप से केन्द्रीय कॉल सेंटर के माध्यम से परिचालित करने का निर्णय लिया। इससे इन वाहनों की और प्रभावी मॉनीटरिंग हो सकेगी और व्यय में भी कटौती होगी।
निर्णय के अनुसार अब संजीवनी-108 एम्बुलेंस के साथ-साथ सभी जननी एक्सप्रेस वाहनों को भी जीव्हीके ईएमआरआई द्वारा संचालित केन्द्रीय कॉल सेंटर के साथ सम्बद्ध किया जायेगा। इससे एक टोल-फ्री नम्बर 108 से दोनों प्रकार के वाहन उपलब्ध हो सकेंगे। कॉल सेंटर की क्षमता में आवश्यक वृद्धि की जायेगी जिससे प्रदेश में परिचालित सभी जननी एक्सप्रेस वाहनों तथा संजीवनी-108 वाहन का नियंत्रण केन्द्रीय कॉल सेंटर के माध्यम से किया जा सके।
मंत्रि-परिषद् ने 6 सिंचाई परियोजना के लिए 1720 करोड़ 30 लाख 88 हजार रुपये की स्वीकृति दी। कोलार वृहद सिंचाई परियोजना के सैंच्य क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन कार्यक्रम क्रियान्वयन के लिए 84 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। परियोजना का सैंच्य क्षेत्र 45 हजार 87 हेक्टेयर है। वर्ष 2012-13 में परियोजना से 33 हजार 427 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी सिंचाई की गई।
मंत्रि-परिषद् ने होशंगाबाद-हरदा जिले की तवा वृहद परियोजना के विस्तार, सुदृढ़ीकरण तथा आधुनिकीकरण कार्य संबंधी परियोजना के ईआरएम प्रस्ताव को स्वीकृति दी। परियोजना का कार्य 5 चरण में करने के लिए सैद्धांतिक सहमति दी गई। प्रथम चरण की लागत 89 करोड़ 91 लाख, द्वितीय चरण की लागत 225 करोड़, तृतीय चरण की 325 करोड़, चतुर्थ चरण की 75 करोड़ और पंचम चरण की लागत 500 करोड़ रुपये है। परियोजना के प्रथम चरण के कार्य राज्य शासन की निधि से करवाने के लिए 89 करोड़ 91 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति और निवेश निकासी की अनुमति दी गई।
टीकमगढ़ जिले की बानसुजारा वृहद परियोजना की 980 करोड़ 23 लाख रुपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। परियोजना में बायीं तट नहर से टीकमगढ़ जिले में 53 हजार 579 हेक्टेयर के अतिरिक्त अब दायीं तट नहर से भी छतरपुर जिले में 5101 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी।
शाजापुर जिले की कछाल मध्यम परियोजना की 91 करोड़ 39 लाख रुपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। बड़ोद तहसील के ग्राम मदकोटा में कछाल नदी पर प्रस्तावित इस परियोजना से शाजापुर जिले में 3170 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी सिंचाई प्रस्तावित है।
छतरपुर जिले की बरियारपुर बायीं नहर परियोजना के कमांड क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन कार्यक्रम क्रियान्वयन परियोजना की 85 करोड़ 41 लाख 60 हजार रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। परियोजना की रूपांकित क्षमता 43 हजार 850 हेक्टेयर है। वर्ष 2012-13 में परियोजना से 34 हजार 500 हेक्टेयर भूमि में रबी सिंचाई की गई। अधिकतम सिंचाई लाभ के उद्देश्य से परियोजना की नहर प्रणाली की लाइनिंग की जा रही है। इससे केन नदी में प्रवाहमान जल वेग से नहर प्रणाली में आ रहा है, जिसके फलस्वरूप रबी सिंचाई के लिए परियोजना के सम्पूर्ण सैंच्य क्षेत्र में सिंचाई लाभ प्राप्त हो सकेगा। आज दी गई स्वीकृति के फलस्वरूप रुपांकित सिंचाई क्षमता का सम्पूर्ण दोहन हो सकेगा और अधिकतम उत्पादन तथा उत्पादकता प्राप्त करने का लक्ष्य पूरा होगा।
मंत्रि-परिषद् ने राजघाट नहर वृहद सिंचाई परियोजना की 389 करोड़ 36 लाख 28 हजार रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। यह मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की एक बहुउद्देश्यीय अंतर्राज्यीय परियोजना है। इसके अंतर्गत राजघाट बाँध का निर्माण बेतवा नदी पर मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले के ग्राम बढ़ेरा तथा उत्तरप्रदेश के ललितपुर जिले के ग्राम चौरसल के समीप किया गया है। वर्ष 2012-13 में परियोजना से एक लाख 74 हजार 746 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी सिंचाई की गई। परियोजना से मध्यप्रदेश के दतिया, भिण्ड, अशोकनगर, शिवपुरी तथा टीकमगढ़ जिले में सिंचाई होती है।
ब्याज अनुदान और कारीगर स्व-रोजगार योजना
मंत्रि-परिषद् ने मुख्यमंत्री ब्याज अनुदान योजना का अनुसमर्थन किया। हाथकरघा संचालनालय, रेशम संचालनालय, मध्यप्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम तथा मध्यप्रदेश माटी कला बोर्ड द्वारा स्व-रोजगार के इच्छुक हितग्राहियों को कुटीर एवं ग्रामोद्योग स्थापित करने के लिए बैंकों के माध्यम से वित्त पोषण स्वीकृत करवाया जाता है। उन्हें भवन, मशीनरी, कार्यशील पूँजी आदि के लिए बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत किया जाता है।
योजना के हितग्राहियों को मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना के अनुरूप 5 प्रतिशत ब्याज की दर से ब्याज अनुदान सहायता स्वीकृत की जायेगी। हितग्राहियों को 50 हजार तक की स्वीकृत परियोजना में देय ऋण पर 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान 5 वर्ष तक देय होगा। अनुदान की अधिकतम सीमा 2000 रुपये प्रतिवर्ष होगी। पचास हजार से अधिक और 5 लाख तक की स्वीकृत परियोजना में देय ऋण पर 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान 5 वर्ष तक दिया जायेगा। पूँजी लागत और कार्यशील पूँजी दोनों को मिलाकर अनुदान की सीमा अधिकतम 17 हजार रुपये प्रतिवर्ष होगी।
इसी तरह मुख्यमंत्री कारीगर स्व-रोजगार योजना में 10 हजार रुपये तक की इकाई के लिए 5000 रुपये तक मार्जिन मनी सहायता और शेष ऋण राशि 5000 पर बैंक को देय ब्याज के लिए शत-प्रतिशत अनुदान 5 वर्ष तक दिया जायेगा। दस हजार से 5 लाख तक की परियोजना लागत पर मार्जिन मनी सहायता दी जायेगी, जो परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अथवा 25 हजार रुपये, जो भी कम हो, रहेगी। बैंक से प्राप्त ऋण पर 5 प्रतिशत की दर से 5 वर्ष तक ब्याज अनुदान अधिकतम 24 हजार रुपये प्रतिवर्ष देय होगा। शहरी कारीगरों के लिए यह योजना पहली बार लागू की गयी है।
ग्रामीण क्षेत्र के कारीगरों के लिए प्रोजेक्ट लागत 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। योजना में 10 हजार तक के ऋण जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध करवाने तथा 5000 रुपये मार्जिन मनी अनुदान का प्रावधान है। योजना में शैक्षणिक योग्यता का कोई बंधन नहीं है। हितग्राही की आयु 18 से 35 वर्ष होनी चाहिए।
नई तहसील
मंत्रि-परिषद् ने शिवपुरी जिले के बैराढ़ को तहसील का दर्जा देने का निर्णय लिया। इसमें पोहरी तहसील के कुल 41 पटवारी हल्के शामिल किए गए हैं। नई तहसील के लिए तहसीलदार और नायब तहसीलदार का एक-एक पद, सहायक ग्रेड-3 के 5 एवं भृत्य/प्रोसेस सर्वर के 6 पद स्वीकृत किए गए।
अन्य निर्णय
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मंत्रि-परिषद् ने नगर सेना एवं सिविल डिफेंस के स्वीकृत अस्थाई पदों की प्रवर्तन की अवधि मार्च 2008 से फरवरी 2013 तथा मार्च 2013 से 28 फरवरी 2018 तक करने का निर्णय लिया। इनमें नगर सेना के 182 तथा सिविल डिफेंस के 14 पद शामिल हैं।
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मंत्रि-परिषद् ने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की आयोजना मद की 22 योजना को 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में क्रियाशील रखे जाने का प्रशासकीय अनुमोदन किया।
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मंत्रि-परिषद् द्वारा प्रतिबंध को शिथिल कर आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में 38 पद, जिला निर्वाचन कार्यालय के लिए 250 पद तथा रिटर्निंग ऑफिसर कार्यालय के लिए 460 पद की मई 2013 से मार्च 2014 तक सृजन की स्वीकृति देते हुए भरने की अनुमति दी गई।
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मंत्रि-परिषद् ने राज्य योजना आयोग में सलाहकार के पद को प्रमुख सलाहकार के पद में अपग्रेड करने का निर्णय लिया।
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मंत्रि-परिषद् ने आयुक्त, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के अंतर्गत 20 नवीन पद सृजित करने की अनुमति दी। इनमें कार्यपालन यंत्री के 3, सहायक यंत्री 5, कार्यालय सहायक 2, कम्प्यूटर आपरेटर के 4, सलाहकार के 4 तथा भृत्य के 2 पद शामिल हैं।
दुर्गेश रायकवार/दिनेश मालवीय