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भोपाल : सोमवार, जुलाई 3, 2017, 19:41 IST

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में राज्य शासन के शासकीय सेवकों को एक जनवरी, 2016 से पुनरीक्षित वेतनमान स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया। पुनरीक्षित वेतनमान में वेतन निर्धारण करने पर शासकीय सेवक की परिलब्धियों में लगभग 14 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

दिनांक एक जनवरी, 2016 से वेतन पुनरीक्षण के परिणामस्वरूप 30 जून 2017 तक की अवधि के बकाया स्वत्वों का समान तीन वार्षिक किश्तों में (प्रतिवर्ष मई माह में) वर्ष 2018-19 से भुगतान किया जायेगा। एक जनवरी 2016 से 30 जून 2017 के मध्य सेवानिवृत्त/मृत शासकीय सेवकों को एरियर्स की राशि का एकमुश्त भुगतान किया जायेगा। ऐसे शासकीय सेवक जिनकी सेवानिवृत्ति/मृत्यु 30 जून, 2017 के बाद होती है, तो शेष एरियर्स की किश्तों का एकमुश्त भुगतान किया जायेगा।

एक जनवरी, 2016 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को पुनरीक्षित वेतनमान में प्राप्त अंतिम वेतन के आधार पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार पेंशन निर्धारण किया जायेगा। उक्त दिनांक एवं इसके बाद सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों को इस नियम के तहत देय मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपादान की अधिकतम सीमा 20 लाख रूपये रखी जायेगी। पेंशन सरांशिकरण, अवकाश नगदीकरण, परिवार पेंशन के वर्तमान प्रावधानों को यथावत रखा जायेगा। वृद्धों को प्राप्त अतिरिक्त पेंशन को छोड़कर न्यूनतम पेंशन एवं परिवार पेंशन की मासिक राशि 7750 रूपये रखी गयी है। पेंशन/परिवार पेंशन की अधिकतम सीमा पुनरीक्षित वेतनमान में प्राप्त अधिकतम वेतन का क्रमश: 50 एवं 30 प्रतिशत रखा जायेगा।

सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण के परिणामस्वरूप एक जुलाई 2016 से 2 प्रतिशत एवं दिनांक एक जनवरी, 2017 से 2 प्रतिशत इस तरह कुल 4 प्रतिशत की दर से महँगाई भत्ता देय होगा। यात्रा भत्ता, गृह भाड़ा भत्ता, परियोजना भत्ता, अनुसूचित क्षेत्र, प्रतिनियुक्ति वेतन आदि भत्ते एवं सुविधाएँ जो मूल वेतन से जुड़ी हैं, पूर्व वेतनमानों में देय वेतन के आधार पर ही देय होगी। इनके पुनरीक्षण के लिये पृथक से निर्णय लिया जायेगा।

वेतन निर्धारण करने पर लगभग 3828 करोड़ का वार्षिक व्यय भार संभावित है। वर्ष 2017-18 में सातवें वेतनमान से 2552 करोड़ का अतिरिक्त व्यय भार आयेगा। वेतन पुनरीक्षण के एरियर्स के भुगतान पर 5742 करोड़ का व्यय भार संभावित है।

पीडब्ल्यूडी में नये मापदण्डों का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने वित्त विभाग द्वारा जारी पत्र 31 मार्च, 2017 की कंडिका 4(अ) अनुसार लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कार्यालय भवन, रेस्ट हाऊस, सर्किट हाऊस एवं कर्मचारियों के लिये आवास गृहों के निर्माण के लिए मापदण्डों का अनुमोदन किया। इसी प्रकार वृहद पुलों के निर्माण की योजना, मुख्य जिला मार्गों के उन्नयन, केन्द्रीय सड़क निधि एवं अंतर्राज्यीय/आर्थिक महत्व की सड़कों के निर्माण, सड़क विकास निगम के माध्यम से नगद अनुबंध पद्धति पर आधारित नगद अनुबंध के आधार पर राज्य राजमार्गों, महत्वपूर्ण मुख्य जिला मार्गों का निर्माण और ग्रामीण सड़कों सहित न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम योजना के अंतर्गत राज्य की महत्वपूर्ण ग्रामीण सड़कों के नव-निर्माण के लिये मापदण्डों का अनुमोदन किया गया।

शिक्षा के विभिन्न निर्णय

मंत्रि-परिषद ने नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत गैर अनुदान मान्यता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों की प्रथम प्रवेशित कक्षा में नि:शुल्क प्रवेश की प्रक्रिया में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में वंचित समूह और कमजोर वर्ग के बच्चों के लिये वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिये फीस प्रतिपूर्ति की राशि के वर्षवार प्रस्तावित व्यय रूपये 1706.91 करोड़ की सैद्धांतिक सहमति दी।

मंत्रि-परिषद ने कक्षा 12वीं में अध्ययनरत ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने माध्यमिक शिक्षा मण्डल की 12वीं की परीक्षा 85 प्रतिशत तथा अजा, अजजा, विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति के ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने 75 प्रतिशत या इससे अधिक अंकों से उत्तीर्ण की हो, उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप लेपटॉप प्रदान किये जाने के संबंध में प्रचलित योजना को वर्ष 2017-18 से शुरू कर आगामी 3 वर्षों तक संचालित करने की सहमति दी। प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लेपटॉप प्रदाय योजना के 3 वर्षों के संचालन एवं अनुमानित व्यय राशि 177 करोड़ रूपये की सैद्धांतिक सहमति दी गयी।

मंत्रि-परिषद ने सर्वशिक्षा अभियान योजना का उसकी उपलब्धि के चलते वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में संचालन तथा निरंतरता की सैद्धांतिक सहमति दी।

मंत्रि-परिषद ने केन्द्र प्रवर्तित राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के क्रियान्वयन के लिये आगामी तीन वर्षों में 2047 करोड़ 47 लाख रूपये की अनुमति दी।

लालबर्रा समूह जल प्रदाय योजना

मंत्रि-परिषद ने बालाघाट जिले की लालबर्रा समूह जल प्रदाय योजना की 157 करोड़ 63 लाख की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी। इस योजना से लालबर्रा विकासखण्ड के 101 ग्राम में नल-जल के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा।

सरदार सरोवर परियोजना

मंत्रि-परिषद ने सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापितों को डूब क्षेत्र 31 जुलाई, 2017 के पूर्व खाली करने के लिये सरदार सरोवर पैकेज का अनुसमर्थन किया।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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