No: --- Dated: May, 08 2018

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में शासकीय सेवको/पेंशनरों/स्थानीय निकायों में नियोजित अध्यापक सवंर्ग तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पंचायत सचिवों तथा स्थायी कर्मी को देय महंगाई भत्ता/राहत की दर में एक जनवरी 2018 से सातवें वेतनमान में 2 प्रतिशत और छठवें वेतनमान में 3 प्रतिशत की वृद्धि का निर्णय लिया गया। महंगाई भत्ते की प्रस्तावित वृद्धि का नगद भुगतान जनवरी 2018 (माह जनवरी 2018 का वेतन माह फरवरी 2018 में देय होगा) से किया जायेगा।

संविदा नियुक्ति नियम में संशोधन

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश सिविल पदों पर संविदा नियुक्ति नियम 2017 में प्रशासनिक सुविधा की दृष्टि से संशोधन करने का निर्णय लिया है। इसमें नियम 4 (4) स्थापित किया गया इसके द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग की सहमति से विभागीय सेटअप में नियमित स्थापना में स्वीकृत ऐसे पद/पदोन्नति से भरे जाने वाले ऐसे पद जिनकी पूर्ति में अपरिहार्य कारणों से एक वर्ष से अधिक अवधि लगना संभावित हो, के लिए संविदा नियुक्ति बाबत प्रावधान किये गये।

संविदा नियुक्ति के मामलों में छानबीन समिति का प्रावधान किया गया है। समिति की सिफारिश पर प्रकरण मंत्रि-परिषद के आदेशार्थ प्रस्तुत करने के प्रावधान किये गये हैं। सार्वजनिक उपक्रम/निगम/मंडल/आयोग/विश्वविद्यालय में भी संविदा नियुक्ति के लिए प्रावधान किये गये हैं।

छिंदवाड़ा एवं सिवनी की भारिया जनजाति को भी लाभ

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) नियम 1998 के नियम 4-ख में संशोधन कर जिला छिंदवाड़ा एवं सिवनी के भारिया जनजाति के ऐसे आवेदक को जो संविदा शाला शिक्षक या तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के किसी भी पद के लिए या वनरक्षक (कार्यपालिक) के लिये आवेदन करता है और उस पद के लिये विहित की गई न्यूनतम अर्हता रखता है, तो उसे भर्ती प्रक्रिया अपनाये बिना उक्त पद पर नियुक्त करने का निर्णय लिया गया। पहले यह प्रावधान केवल छिंदवाड़ा जिले के तामिया विकासखण्ड के लिये था।

शासकीय शिक्षा और खेलकूद का सुदढ़ीकरण योजना

मंत्रि-परिषद ने शासकीय शिक्षा एवं खेलकूद का सुद्ढ़ीकरण योजना को वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 तक वित्तीय आकार राशि 20 करोड़ रूपये निर्धारित कर निरंतर रखने की मंजूरी दी है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के चार अस्थाई पद

मंत्रि-परिषद ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय भोपाल के चार अस्थाई पद आगामी चार (वर्ष एक मार्च 2018 से 28 फरवरी 2022) तक निरंतर रखने की स्वीकृति दी।

सिंचाई परियोजना एवं विशेष पुनर्वास पैकेज

मंत्रि-परिषद ने धार जिले की रिंगनोद लघु सिंचाई परियोजना की 425 हेक्टेयर रबी सिंचाई के लिये 25 करोड़ 58 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दी।

मंत्रि-परिषद ने राजगढ़ जिले की पार्वती परियोजना के कुल सैंच्य क्षेत्र 48,000 हेक्टेयर के लिए 1815 करोड़ 54 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दी। परियोजना से राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ तथा ब्यावरा एवं भोपाल जिले की बैरसिया विकासखण्ड के 132 ग्राम लाभांवित होंगे।

मंत्रि-परिषद ने लोअर ओर वृहद सिंचाई परियोजना के लिये भू-अर्जन अधिनियम 2013 एवं पुनर्वास नीति 2002 के अनुसार भू-अर्जन एवं पुनर्व्यवस्थापन के लिये परियोजना प्रतिवेदन के अनुसार अनुमानित व्यय के अतिरिक्त डूब क्षेत्र के कृषकों को विशेष पुनर्वास पैकेज का लाभ देने का निर्णय लिया।  इसके फलस्वरूप शासन द्वारा इस परियोजना में भू-अर्जन एवं पुनर्वास पर 199 करोड़ 56 लाख के स्थान पर 236 करोड़ 10 लाख की राशि व्यय की जायेगी।

मंत्रि-परिषद ने बरखेड़ा मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए भू-अर्जन अधिनियम 2013 एवं पुनर्वास नीति 2002 के अनुसार भू-अर्जन एवं पुनर्व्यवस्थापन के लिये परियोजना प्रतिवेदन अनुसार अनुमानित व्यय के अतिरिक्त डूब क्षेत्र के कृषकों को विशेष पुनर्वास पैकेज का लाभ देने का निर्णय लिया।

मंत्रि-परिषद ने कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के लिये भू-अर्जन अधिनियम 2013 एवं पुनर्वास नीति,2002 के अनुसार भू-अर्जन एवं पुनर्व्यवस्थापन के लिये परियोजना प्रतिवेदन अनुसार अनुमानित व्यय के अतिरिक्त डूब क्षेत्र के कृषकों को विशेष पुनर्वास पैकेज का लाभ देने का निर्णय लिया। परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति में भू-अर्जन एवं पुनर्वास कार्य के लिये 49 करोड़ 55 लाख रूपये का प्रावधान है। डूब क्षेत्र के ऐसे कृषक, जिनकी भू-अर्जन अधिनियम,2013 के तहत सोलेशियम सहित मुआवजा राशि 10 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर से कम है, को विशेष पुनर्वास पैकेज में न्यूनतम 10 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से एकमुश्त राशि देने की स्थिति में भू-अर्जन एवं पुनर्वास पर 46 करोड़ 35 लाख रूपये की राशि व्यय की जायेगी।

मंत्रि-परिषद ने छीताखुदरी मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए भू-अर्जन अधिनियम,2013 एवं पुनर्वास नीति,2002 के अनुसार भू-अर्जन एवं पुनर्व्यवस्थापन के लिये परियोजना प्रतिवेदन अनुसार अनुमानित व्यय के अतिरिक्त डूब क्षेत्र के कृषकों को विशेष पुनर्वास पैकेज का लाभ देने का निर्णय लिया। परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति में भू-अर्जन एवं पुनर्वास कार्य के लिये  91 करोड़ 29 लाख रूपये का प्रावधान है। डूब क्षेत्र के ऐसे कृषक जिन्हें भू-अर्जन अधिनियम 2013 में सोलेशियम सहित मुआवजा राशि 10 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर से कम है, को विशेष पुनर्वास पैकेज में न्यूनतम 10 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से एकमुश्त राशि देने की स्थिति में भू-अर्जन एवं पुनर्वास पर 79 करोड़ 37 लाख रूपये की राशि व्यय की जायेगी।

चिकित्सा महाविद्यालय

मंत्रि-परिषद ने चिकित्सा महाविद्यालय रतलाम के भवन एवं परिसर निर्माण की स्वीकृत राशि 259 करोड़ 65 लाख रूपये को बढ़ाते हुए 295 करोड़ 65 लाख रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी।

मंत्रि-परिषद ने चिकित्सा महाविद्यालय शहडोल के भवन एवं परिसर निर्माण की स्वीकृत राशि 224 करोड़ 31 लाख को बढ़ाते हुए 303 करोड़ 27 लाख रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी।

मंत्रि-परिषद ने जबलपुर में टी.बी. चेस्ट उपचार यूनिट का उन्नयन कर इसे राष्ट्रीय स्तर का उच्च स्तरीय केन्द्र बनाने की परियोजना की 538 लाख 43 हजार की पुनरी‍क्षित  प्रशासकीय स्वीकृति बढ़ाकर 24 करोड़ 75 लाख 66 हजार रूपये की स्वीकृति दी। उन्नयन के लिये आवश्यक पूंजी निवेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा किया जायेगा। उन्नयन के लिये 108 पदों का सृजन करने की प्रशासकीय स्वीकृति भी दी गई।

मंत्रि-परिषद ने रीवा स्थित मानसिक आरोग्यशाला में भारत शासन के राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत फैकल्टी सपोर्ट योजना में 5 नियमित पदों की संरचना करने का निर्णय लिया।    मंत्रि-परिषद ने योजना अन्तर्गत पदों के लिए प्रथम 4 वर्ष के बाद इन पदों पर होने वाला व्यय राज्य शासन द्वारा वहन करने का अनुमोदन दिया।

मानव अंग प्रतिरोपण

मंत्रि-परिषद ने मानव अंग प्रतिरोपण अधिनियम,1994 (1994 का 42) की धारा 1 की उपधारा (2और (3) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए तथा भारत के संविधान के अनुच्छेद 252 के खण्ड (1) के अनुसरण में मध्यप्रदेश राज्य में उक्त अधिनियम के उपबंधों के क्रियान्वयन द्वारा उनके प्रयोजनों को प्राप्त करने के लिए अंगीकृत करने का निर्णय लिया।  

नवीन संकाय खोलने के लिये अनुदान

मंत्रि-परिषद ने शासकीय महाविद्यालयों में नवीन संकाय शुरू करने के दृष्टिकोण से अधिकाधिक विद्यार्थियों को लाभांवित करने के उद्देश्य के साथ उच्च शिक्षा विभाग की योजना 'नवीन संकाय खोलने हेतु अनुदान' को निरंतर रखते हुए आगामी तीन वर्ष के लिए 8 करोड़ 19 लाख 44 हजार रूपये की सैद्धांतिक स्वीकति दी।

स्मार्ट सिटी मिशन

मं‍त्रि परिषद ने प्रदेश में स्मार्ट सिटी मिशन योजना को पूर्व स्वीकृति अनुसार निरंतर रखने का अनुमोदन दिया। इसके लिए एक स्मार्ट सिटी के लिए 1000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। योजना में भारत सरकार द्वारा 5 वर्षों में 100 करोड़ रूपये प्रति शहर प्रतिवर्ष के मान से 500 करोड़ की राशि प्रत्येक स्मार्ट सिटी शहर को अनुदान के रूप में दी जायेगी और उतनी ही राशि राज्य शासन द्वारा दी जायेगी। योजना के प्रथम चरण में भोपाल, इन्दौर और जबलपुर, ‍‍दितीय चरण में उज्जैन और ग्वालियर तथा तृतीय चरण में सागर और सतना शहरों का चयन किया गया है। यह योजना 25 जून 2015 में शुरू की गई है। योजना के जरिये प्रदेश के सात शहरों का चयन प्रतिस्पर्धा के माध्यम से किया गया है। 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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