No: --- Dated: Feb, 19 2020

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने डेयरी प्रसंस्करण एवं ढांचागत विकास कोष (डीआईडीएफ) योजना के तहत 2% तक ब्याज अनुदान को बढ़ाकर 2.5% सालाना तक करने संबंधी संशोधन को मंज़ूरी दे दी है। इससे संशोधित व्यय 11184 करोड़ रुपये होगा। इस योजना में 1167 करोड़ रुपये का ब्याज अनुदान होगा जिसका भुगतान डीएएचडी वर्ष 2018-19 से 2030-31 की अवधि तक करेगा और इसका आर्थिक असर वित्तीय वर्ष 2031-32 की पहली तिमाही तक दिखेगा। इस योजना में कर्ज का हिस्सा 8004 करोड़ रुपये होगा जो नाबार्ड द्वारा दिया जाएगा। 2001 करोड़ रुपये का योगदान पात्र कर्जदार करेंगे और 12 करोड़ रुपये का योगदान राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड (एनडीडीबी)/राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम संयुक्त रुप से करेंगे।

विवरण

डेयरी प्रसंस्करण एवं ढांचागत विकास कोष (डीआईडीएफ) के तहत भारत सरकार नाबार्ड को 2.5% तक ब्याज अनुदान वर्ष 2019-20 (30.07.2019 से प्रभावी) से वर्ष 2030-31 तक उपलब्ध कराएगा और यदि कोष की लागत में कोई और बढ़ोतरी होती है तो उसका वहन खुद कर्जदार करेंगे।

योजना की फंडिंग अवधि (2017-18 से 2019-20) संशोधित कर 2018-19 से 2022-23 कर दी गई है और भुगतान की अवधि बढ़ाकर 2030-31 कर दी गई है जिसका आर्थिक असर वित्त वर्ष 2031-32 की पहली तिमाही तक दिखेगा।

नाबार्ड कर्ज की लागत न्यूनतम बनाए रखने की कोशिश करेगा। नाबार्ड कर्ज लेने की अपनी रणनीति बनाएगा ताकि दूध संघों को कम लागत पर फंड मुहैया कराने के लिए बाजार में कम ब्याज दर का फायदा उठा सकें। नाबार्ड को फंड जुटाने के लिए बाजार के किफायती दरों के अनुकूल होने पर जल्द फंड जारी करने के लिए तुरंत कार्य योजना तैयार करनी चाहिए।

4458 करोड़ रुपये की लागत से एक साथ 37 उप परियोजनाएं प्रस्तुत की गई हैं जिसमें योजना के लिए कर्ज का हिस्सा 3207 करोड़ रुपये है। 3207 करोड़ रुपये में से अब तक नाबार्ड द्वारा इस योजना के अनुपालन के लिए एनडीडीबी को कर्ज की दो किस्तों में  1110 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। डीआईडीएफ के तहत 31.01.2020 तक की उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:-

लक्ष्य

वित्तीय (रु. करोड़ में

 पदार्थ संबंधी

स्थिति

परियोजनाओं की संख्या

परियोजना खर्च

स्वीकृत कर्ज

दूध प्रसंस्करण क्षमता (एलएलपीडी)

मूल्य वर्धित उत्पाद (एमटीपीडी)

दूध सुखाने की क्षमता (एमटीपीडी)

स्वीकृत परियोजनाएं

33

4059

2722

122

37

270

पाइप लाइन में परियोजना प्रस्ताव

4

399

485

17

--

20

कुल योग

37

4458

3207

139

37

290

प्रभावः-

  • 50 हजार गांवों को 95 लाख दुग्ध उत्पादकों को लाभ मिलेगा।

  • अतिरिक्त दूध शीतलन क्षमता के रूप में 140 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले 28 हजार बड़े मिल्क कूलरों की स्थापना।

  • 210 मीट्रिक टन प्रतिदिन अतिरिक्त दूध सुखाने की क्षमता का सृजन।

  • 126 लाख लीटर प्रतिदिन दूध प्रसंस्करण क्षमता का आधुनिकीकरण, विस्तार एवं सृजन।

  • दूध उत्पादकों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए 59.78 लाख लीटर प्रतिदिन मूल्य वर्धित दुग्ध उत्पाद के लिए ढांचागत संरचना का निर्माण।

  • दूध में मिलावट की जांच के लिए 28 हजार दूध परीक्षण उपकरण उपलब्ध कराना।

अनुपालन रणनीति एव लक्ष्य

नाबार्ड बाजार से फंड हासिल करता है जिसे वह एनडीडीबी/एनसीडीसी को 6 प्रतिशत ब्याज दर पर देता है और इसे एनडीडीबी/एनसीडीसी पात्र कर्जदारों को उचित ब्याज दर पर उधार देता है। डीएएचडी ब्याज अनुदान उपलब्ध कराता है जो नाबार्ड द्वारा पूंजी उगाहने की लागत और एनडीडीबी/एनसीडीसी को नाबार्ड द्वारा दिए गए ब्याज दर के अंतर या 2.5 प्रतिशत तक के बराबर होता है। यदि फंड की लागत में कोई बढ़ोतरी होती है तो इसे खुद कर्जदार वहन करते हैं।

लक्ष्‍य

भौतिक मानदंड

लक्ष्‍य

थोक दुग्‍ध शीतलक (एलएलपीडी)

140

सूखाने की क्षमता (एमटीपीडी)

210

दुग्‍ध प्रसंस्‍करण क्षमता के सृजन विस्‍तार एवं आधुनिकीकरण (एलएलपीडी)

126

मूल्‍यवर्द्धित डेयरी उत्‍पादों के लिए बुनियादी ढांचा क्षमता का सृजन (एलएलपीडी)

59.78

डीआईडीएफ के दायरे में प्रमुख ग‍तिविधियां :

1.  मूल्‍यवर्द्धित उत्‍पादों के लिए नये दुग्‍ध प्रसंस्‍करण एवं विनिर्माण संयंत्रों का सृजन एवं आधुनिकीकरण।

2.  शीतलक बुनियादी ढांचा।

3.  इलेक्‍ट्रॉनिक मिलावट जांच किट।

4.  परियोजना प्रबंधन एवं ज्ञान।

पृ‍ष्‍ठभूमि

केन्‍द्रीय बजट 2017-18 में वित्‍त मंत्री द्वारा की गई घोषणा के संदर्भ में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 12 सितम्‍बर, 2017 को 10,881 करोड़ रुपये के परिव्‍यय के साथ 2017-18 से 2028-29 की अवधि के लिए डेयरी प्रसंस्‍करण एवं बुनियादी ढांचा विकास फंड (डीआईडीएफ) योजना को मंजूरी दी थी। नाबार्ड को ऋण के तौर पर एनडीडीबी और एनसीडीसी को 8,004 करोड़ रुपये का योगदान करना था। जबकि 2,001 करोड़ रुपये का योगदान अंतिम उधारकर्ताओं द्वारा और 12 करोड़ रुपये का योगदान एनडीडीबी/एनसीडीसी द्वारा संयुक्‍त रूप से किया जाना था। इसी प्रकार ब्‍याज में छूट के जरिये डीएएचडी द्वारा 864 करोड़ रुपये का योगदान किया जाना था।

एनडीडीबी और एनसीडीसी अंतिम उधारकर्ताओं जैसे दुग्‍ध संगठनों, राज्‍य डेयरी संघों, मल्‍टीस्‍टेट मिल्‍क आदि, के जरिये सीधे तौर पर इस योजना को लागू करने की परिकल्‍पना की गई है। 

इस योजना के तहत को-ऑपरेटिव, मिल्‍क उत्‍पादक कम्‍पनियों और एनडीडीबी की सहायक इकाइयों को पात्रता मानदंडों पर खरा पाया गया है। अंतिम उधारकर्ताओं को सालाना 6.5 प्रतिशत की दर पर ऋण मिलेगा। शुरूआती दो वर्षों की मोहलत के साथ पुनर्भुगतान की अवधि 10 वर्षों की होगी।

व्‍यय

डेयरी प्रसंस्‍करण एवं बुनियादी ढांचा विकास फंड (डीआईडीएफ) को वर्ष 2018-19 से 2030-31 की अवधि के दौरान 11,184 करोड़ रुपये के परिव्‍यय के साथ लागू करने का वित्‍तीय ब्‍यौरा निम्‍नलिखित तालिका में प्रस्‍तुत हैं :-

क्र.सं.

अवयव

नाबार्ड ऋण

अंतिम उधारकर्ताओं का योगदान

एनडीडीबी  का योगदान

एनसीडीसी का योगदान

पूर्ण परिव्‍यय

मूल्‍यवर्द्धित उत्‍पादों के लिए नये दुग्‍ध प्रसंस्‍करण एवं विनिर्माण संयंत्रों का सृजन एवं आधुनिकीकरण

5577

1395

0

0

6972

शीतलक बुनियादी ढांचा।

 

2063

515

0

0

2578

इलेक्‍ट्रॉनिक एडल्‍ट्रेशन टेस्टिंग किट

364

91

0

0

455

परियोजना प्रबंधन एवं ज्ञान

0

0

6

6

12

 

कुल

8004

2001

6

6

10017

 

डीएएचडी (केन्‍द्र सरकार की हिस्‍सेदारी) से ब्‍याज में छूट

 

 

 

 

1167

 

समग्र

 

 

 

 

11184

इस निवेश से करीब 50,000 गांवों के 95,00,000 किसान लाभान्वित होंगे।

The Cabinet Committee on Economic Affairs, chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi, has given its approval for upward revision of interest subvention from "up to 2%" to "up to 2.5% p.a." under the scheme Dairy Processing and Infrastructure Development Fund (DIDF)with the revised outlay of Rs 11184 Cr. The scheme envisages to have interest subvention component of Rs 1167 crore to be contributed by DAHD during the period of 2018-19 to 2030-31 with spillover to the first quarter of the FY 2031-32. The scheme also has a loan component of Rs. 8004 crore to be contributed by NABARD. Rs. 2001 cr shall be contributed by Eligible End Borrowers and Rs. 12 cr would be jointly contributed by National Dairy Development Board (NDDB)/National Cooperative Development Corporation (NCDC).

Details

Under Dairy Processing and Infrastructure Development Fund (DIDF) Government of India to provide Interest subvention up to 2.5% to NABARD from 2019-20 (with effect from 30.07.2019) to 2030-31 and in case there is any further increase in the cost of funds, it shall be borne by the end borrowers themselves.

The funding period (2017-18 to 2019-20) of the scheme is revised to 2018-19 to 2022-23 and the repayment period to be extended up to 2030-31 with spillover to the first quarter of the FY 2031-32.

NABARD shall endeavour to keep the cost of borrowings to the minimum. NABARD shall devise its own strategy for borrowing so that it takes advantage of lower interest rate in the markets to provide low cost of funds to the Milk Unions. NABARD should immediately initiate an action plan for prompt disbursement of funds as and when the market is conducive to raising funds at affordable rates.

Altogether 37 sub-projects have been submitted with estimated cost of Rs.4458 crore, of which loan component would be Rs.3207 crore for the scheme. Out of Rs.3207 crore, as on date, Rs.1110 crore has been disbursed in two instalments of loan by NABARD to NDDB for implementation of the scheme. Achievement under DIDF as on 31.01.2020 is as under:

Target

 

Financial (Rs. In crore)

 

Physical

 

Status

 

No. of projects

 

Project Outlay

 

Loan Sanctioned

 

Milk Processing Capacity (LLPD)

Value Added Products (MTPD)

Milk Drying Capacity (MTPD)

Sanctioned Projects

 

33

 

4059

 

2722

 

122

 

37

 

270

 

Project Proposal in pipeline

 

4

 

399

 

485

 

17

 

-

 

20

 

Grand Total

 

37

 

4458

 

3207

 

139

 

37

 

290

 

Impact:-

  • 95 Lakh milk producers will be benefited by covering 50,000 villages.

  • Establishment of 28000 Bulk Milk Coolers with 140 Lakh Litres per Day as additional milk chilling capacity.

  • Creation of an additional 210 Metric Ton per Day Milk Drying capacity.

  • Modernization, expansion and creation of Milk Processing capacity of 126 Lakh Litres per Day.

  • Creation of Infrastructure of 59.78 Lakh Litres per Day capacity for Value-Added Dairy products to ensure remunerative prices to milk producers.

  • Providing 28000 Milk Testing Equipment to check adulteration in milk.

Implementation Strategy and Targets:

NABARD raises funds from the market, which it lends to NDDB/NCDC @ 6.0% and NDDB/NCDC, in turn, lends it to the Eligible End Borrowers at an appropriate interest rate. DAHD provides interest subvention equal to the difference or up to 2.5% between the cost of raising capital by NABARD and the interest rate at which NABARD lends to NDDB/NCDC. In case there is any further increase in the cost of funds, it shall be borne by the end borrowers themselves.

Targets

Physical Parameter

 

Target

 

Bulk Milk Cooler (LLPD)

 

140

 

Drying Capacity (MTPD)

 

210

 

Modernization, expansion and creation of Milk Processing capacity (LLPD)

126

 

Creation of Infrastructure capacity for Value-Added Dairy products (LLPD)

59.78

 

Major activities covered under DIDF are:

  1. Modernizations creation of new milk processing facilities and manufacturing

facilities for Value Added Products

  1. Chilling Infrastructure

  2. Electronic Adulteration testing kit

  3. Project Management & Learning

 

Background:

In pursuance to the Union Budget 2017-18 announcement by Ministry Finance, Cabinet Committee on Economic Affairs (CCEA) on 12.09.2017 Dairy Processing & Infrastructure Development Fund" (DIDF) scheme with an outlay of Rs 10881 crore during the period from 2017-18 to 2028-29. NABARD was to contribute Rs. 8004 cr as loan to NDDB and NCDC. Rs 2001 crore was to be contributed by end borrowers, Rs 12 crore was to be jointly contributed by NDDB/NCDC Rs 864 crore was to be contributed by DAHD towards interest subvention.

The scheme envisages that NDDB and NCDC shall directly implement through the End Borrowers such as Milk Unions, State Dairy Federations, Multi-state Milk

Cooperatives, Milk Producer Companies and NDDB subsidiaries those meeting the eligibility criteria under the scheme. The end borrowers will get the loan © 6.5% per annum. The period of repayment will be 10 years with an initial two years moratorium.

Expenditure Involved:

Financial implications for implementation of   "Dairy   Processing   &   Infrastructure Development Fund (DIDF)" with an outlay of Rs.11184 crore during the period from 2018-19 to 2030-31 with spillover to the first quarter of the FY 2031-32 is tabulated below.

(Rs in Crore)

S.No

Component

NABARD

Loan

End Borrowers' contribution

 

NDDB's

Contribution

NCDC's

 

Contribution

Total

Outlay

A

Modernization             & creation   of   new   milk processing       facilities and        manufacturing facilities     for     Value Added products

 

5577

 

1395

 

0

 

0

 

6972

 

B

Chilling Infrastructure

 

2063

 

515

 

0

 

0

 

2578

 

C

Electronic Milk                   Adulteration testing kit

364

91

0

0

 

455

 

D

Project Management &Learning

 

0

 

0

 

6

 

6

 

12

 

 

Total                                               

8004

2001

 

6

 

6

 

10017

 

 

Interest subvention from DAHD (GoI Share)

 

 

 

 

 

 

 

 

1167

 

 

Grand Total

 

 

 

 

 

11184

With this investment, 95,00,000 farmers in about 50,000 villages would be benefitted.

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India​​

Recent Cabinet Decisions