Treaty on transfer of sentenced persons between India and Qatar
No: ----- Dated: Dec, 02 2014
Treaty on transfer of sentenced persons between India and Qatar
The Union Cabinet, chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi, today approved the signing of the treaty on transfer of sentenced persons between India and Qatar.
The signing of the Treaty shall facilitate Indian prisoners imprisoned in Qatar or vice-versa to be near their families, for serving the remaining part of their sentence and shall facilitate their social rehabilitation.
Prior to 2004, there was no domestic legislation under which foreign prisoners could be transferred to the country of their origin to serve the remaining part of their sentence, nor was there a provision for the transfer of prisoners of Indian origin convicted by a foreign court to serve their sentence in India.
Hence the Repatriation of Prisoners Act, 2003 was enacted for serving this purpose. For achieving the objectives of the Act, a Treaty/Agreement is required to be signed with countries having mutual interest with India and later to be notified in the Official Gazette.
The Government of India has so far signed Agreements with the Governments of United Kingdom, Mauritius, Bulgaria, Brazil, Cambodia, Egypt, France, Bangladesh, South Korea, Saudi Arabia, Iran., Kuwait, Sri Lanka, UAE, Maldives, Thailand, Turkey, Italy, Bosnia & Herzegovina, Israel, Russia, Vietnam and Australia. Negotiations have also been concluded with the Governments of Canada, Hong Kong, Nigeria and Spain.
सजायाफ्ता लोगों के आदान-प्रदान के लिए भारत और कतर के बीच संधि
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सजायाफ्ता लोगों के आदान-प्रदान के लिए भारत और कतर के बीच संधि पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी गई।
इस संधि पर हस्ताक्षर होने के बाद कतर में कैद भारतीय कैदियों को अपनी सजा का शेष हिस्सा भारत में काटने के लिए यहां लाया जाएगा ताकि वे अपने परिजनों के निकट रह सकें और उनका सामाजिक पुनर्वास संभव हो सके। इसी तरह भारत में सजा काटने वाले कतर के कैदियों को उनके देश वापस भेजा जाएगा।
2004 के पहले देश में ऐसा कोई कानून नहीं था, जिसके तहत विदशी कैदियों को उनकी सजा का शेष समय अपने देश में काटने के लिए वहां भेजा जा सके। इसी प्रकार विदशों में सजा काटने वाले भारतीय कैदियों को वापस बुलाने का भी कोई कानून मौजूद नहीं था।
भारत ने इस तरह की संधि अब तक इंग्लैंड, मॉरीशस, बुलगारिया, ब्राजील, कंबोडिया, मिस्र, फ्रांस, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, ईरान, कुवैत, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, मालदीव, थाइलैंड, तुर्की, इटली, बोस्निया एवं हर्जेगोविना, इजराइल, रूस, वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया के साथ किया है। कनाडा, हांगकांग, नाइजीरिया और स्पेन की साथ यह संधि किए जाने की बातचीत हो रही है।