Scheme for Revival of 23 unlicensed District Central Cooperative Banks in Uttar Pradesh, Maharashtra, West Bengal and Jammu & Kashmir
No: ----- Dated: Nov, 05 2014
Scheme for Revival of 23 unlicensed District Central Cooperative Banks in Uttar Pradesh, Maharashtra, West Bengal and Jammu & Kashmir
05 NOV, 2014
The Cabinet today at the meeting chaired by the Prime Minister, Shri Narendra Modi gave its approval to the following:
(i) To implement the Scheme for Revival of 23 unlicensed District Central Cooperative Banks (DCCBs) in four States. These are 16 in Uttar Pradesh, three in Jammu & Kashmir, three in Maharashtra and one in West Bengal. Under the Scheme, the total capital infusion required for revival of these 23 DCCBs would be Rs. 2375.42 crore, out of which the commitment from the Central Government would be Rs. 673.29 crore, from State Governments Rs. 1464.59 crore and from NABARD Rs.237.54 crore.
(ii) The Gol's share of Rs.673.29 crore would be released through NABARD as interest-free loan and would be converted into grant on fulfilment of conditionalities/deliverables outlined in the Scheme which, among other things includes bringing the NPAs to at least half of the current levels by 31.3.2017; making 15 percent growth rate of deposits for next two years; drawing up of a monthly Monitorable Action Plan; placement of competent CEOs fulfilling 'Fit & Proper' criteria; and putting Corporate Governance Systems in place. The assistance from NABARD would be in the form of loan to the respective State Governments under Section 27 of NABARD Act, 1981.
The Scheme for revival of these unlicensed DCCBs will help in revival of these cooperative banks. This will result in protecting the interests of depositors and catering to the credit needs of farmers. Once revived, these cooperative banks would become eligible for obtaining licenses from RBI for continuing their operations in rural areas and would also be able to achieve CRAR requirement prescribed by RBI. This means 7 percent CRAR by 31st March, 2015 and 9 percent CRAR by 31st March, 2017.
For the purpose of implementation of the Scheme, a tripartite agreement in the form of Memorandum of Understanding (MoU), stipulating conditionalities and deliverables, will be signed between the Central Government, concerned State Government and NABARD. During the implementation of the Scheme, operations of these 23 unlicensed DCCBs would be closely monitored by NABARD and RBI, so that they meet the licensing requirement within the time frame as prescribed in the Scheme.
The list of the places where the DCCBs are located is given below:
Uttar Pradesh:
1. Deoria
2. Bahraich
3. Siddharth Nagar
4. Sultanpur
5. Jaunpur
6. Hardoi
7. Basti
8. Ballia,
9. Azamgarh
10. Gorakhpur
11. Fatehpur
12. Sitapur
13. Varanasi
14. Allahabad,
15. Ghazipur and
16. Faizabad
Maharashtra:
17. Buldhana
18. Nagpur
19. Wardha
Jammu & Kashmir:
20. Baramullah
21. Anantnag
22. Jammu
West Bengal:
23. Birbhum
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और जम्मू एवं कश्मीर में 23 गैर-लाइसेंसी जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के पुनरुद्धार की योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में निम्नलिखित को मंजूरी दी गई:-
(1) चार राज्यों में 23 गैर-लाइसेंसी जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के पुनरुद्धार की योजना के क्रियान्वयन को मंजूरी दी गई। इनमें उत्तर प्रदेश के 16, जम्मू-कश्मीर के तीन, महाराष्ट्र में तीन और पश्चिम बंगाल का एक बैंक शामिल हैं। इस योजना के अंतर्गत, इन 23 डीसीसीबी के पुनरुद्धार के लिए 2375.42 करोड़ रुपये कुल पूंजी की आवश्यकता होगी, जिसमें से 673.23 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 1464.59 करोड़ रुपये संबंधित राज्य सरकारें देंगी, जबकि नाबार्ड से 237.54 करोड़ रुपये मिलेंगे।
(2) केंद्र सरकार अपना हिस्सा नाबार्ड के माध्यम से ब्याज-मुक्त ऋण के रूप में देगी, जो आगे चलकर योजना की शर्तों को पूरा करने पर अनुदान में बदल जाएगा। शर्तों के तहत इन सहकारी बैंकों को 31 मार्च, 2017 तक गैर-निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) को वर्तमान का आधा करना होगा और अगले दो वर्षों के लिए जमा में 15 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज करनी होगी, निगरानी योग्य मासिक कार्य योजना का प्रारूप तय करना होगा, सही एवं समुचित शर्तों को पूरा करते हुए सक्षम सीईओ नियुक्त करने होंगे। साथ ही कंपनी नियंत्रण प्रणाली भी लागू करना होगा। नाबार्ड की ओर से संबंधित राज्य सरकारों को ऋण के रूप में सहयोग मिलेगा, जो नाबार्ड अधिनियम, 1981 की धारा 27 के तहत होगा।
इस योजना से इन सहकारी बैंकों के पुनरुद्धार में मदद मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप जमाकर्ताओं के हित सुरक्षित होंगे तथा किसानों की ऋण संबंधी जरूरतों की पूर्ति भी होगी। एक बार उठ खड़ा होने के बाद ये सहकारी बैंक ग्रामीण इलाकों में अपना परिचालन जारी रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से लाइसेंस हासिल करने के पात्र बन जाएंगे। साथ ही ये आरबीआई द्वारा निर्धारित सीआरएआर हासिल कर पाने में सक्षम हो जाएंगे। इसका अर्थ है 31 मार्च, 2015 तक सात प्रतिशत तथा 31 मार्च, 2017 तक नौ प्रतिशत सीआरएआर।
इस योजना के क्रियान्वयन के लिए, केंद्र सरकार, संबंधित राज्य सरकारों तथा नाबार्ड के बीच सहमति ज्ञापन (एमओयू) के रूप में त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। एमओयू में शर्तें एवं जिम्मेदारियों का उल्लेख किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन के दौरान नाबार्ड और आरबीआई द्वारा इन 23 गैर-लाइसेंसी डीसीसीबी की गहन निगरानी भी की जाएगी, ताकि ये योजना में निर्धारित समय सीमा के भीतर लाइसेंस संबंधी शर्तों और जरूरतों को पूरा कर सकें।
जिन जगहों पर ये डीसीसीबी हैं, उनकी सूची निम्न प्रकार से हैं:-
उत्तर प्रदेश:
(1) देवरिया
(2) बहराइच
(3) सिद्धार्थ नगर
(4) सुल्तानपुर
(5) जौनपुर
(6) हरदोई
(7) बस्ती
(8) बलिया
(9) आजमगढ़
(10) गोरखपुर
(11) फतेहपुर
(12) सीतापुर
(13) वाराणसी
(14) इलाहाबाद
(15) गाजीपुर
(16) फैजाबाद
महाराष्ट्र:-
(17) बुलढाणा
(18) नागपुर
(19) वर्धा
जम्मू-कश्मीर:-
(20) बारामुला
(21) अनंतनाग
(22) जम्मू
पश्चिम बंगाल:-
(23) बीरभूम