No: --- Dated: Mar, 03 2015

 

A cabinet meeting chaired by Chief Minister Shri Shivraj Singh Chouhan here today approved sand mining policy-2015 to make available sand to people on rational rates.

The mining policy envisages that Madhya Pradesh State Mining Corporation will undertake sand mining in all the tahasils of 18 districts where it is undertaking mining in 53 tahasils at present. In remaining 33 districts, collectors will auction sand mines through e-Auction. Similarly, the corporation will give contracts through e-Auction from mining patta sanctioned to it for sand mining. Now, bidders for this process will have to deposit only 10 percent instead of 25 percent of government auction as security deposit. Security deposit will be deposited through e-Payment. E-Auction and rationalisation of security deposit amount will simplify process and bring about transparency. Maximum number of people will join sand trade and new employment opportunities will be created due to this process.

The sand mining policy provides for fixing upset rates of sand under e-Auction/e-Tender process on the basis of quantity of sand available for mining.

The new sand mining policy has abolished provision which envisaged that no other sand mine will be sanctioned within 10 km radius of mines sanctioned to Madhya Pradesh State Mining Corporation. Provision to charge royalty equal to that charged by the corporation has also been abolished as a result of which consumers will get sand at reduced price. Besides, provision has also been made for disposal of sand mined from dam/reservoir.

Rural people will be able to obtain sand free of cost for their own use from sand mines.

The policy provisions for declaring maximum areas as sand mines while making environmental clearance mandatory for environmental balance so that maximum quantity of sand can be mined. This will make more sand available at affordable rates in open market and the government will also get more revenue.

Contractual school teachers

The cabinet sanctioned employment process of contractual school teachers grade-I, II and III. This includes giving additional bonus marks to guest faculties in appointment. The guest faculties having worked for 200 to 399 days in a government educational institution will be given 5 bonus marks, 400 to 599 days 10 bonus marks and 15 bonus marks to guest faculties having worked for over 600 days.

Rs. 632 crore project for dial-100 control room

The cabinet sanctioned revised project costing Rs. 632 crore 94 lakh for setting up control room and command centre to make available prompt police assistance to people in emergency. Objective of establishment of the centre is to make available police assistance quickly to people and make police system more public-oriented and responsive. The project is included in state’s Vision Document-2018.

Wind energy projects policy

The cabinet decided to amend wind energy projects policy sanctioned in year 2012. According to it, now applicants can apply for project’s allotment on private land anytime. Such projects will have to be made active within 24 months. Besides, detailed project report along with land-related documents will have to be presented within 6 months.

In case of establishment of project on forest land, maximum limit of 100 MW on government land in one advertisement has not been prescribed.

New posts for ATMA

The cabinet sanctioned 313 additional posts for Agricultural Technology Management Agency (ATMA). These include posts of gender coordination at state level and additional assistant technology manager for every development block. For Agar district, posts of one project director, 2 deputy project directors, one accountant-cum-clerk and one computer programmer have been sanctioned.

The cabinet decided to increase honorarium of Krishak Mitras from Rs. 4,000 to Rs. 6,000.

Exemption to cotton from Mandi Fee

The cabinet decided to give one percent exemption in Mandi Fee for one year on cotton in state’s Krishi Upaj Mandis. This will help increase cotton production and productivity.

Sarv Sewa project

The cabinet sanctioned Sarv Sewa project funded by the World Bank to brining maximum number of services of various government departments under the purview of Public Services Delivery Guarantee Act. Public services will be delivered through single window system. At district level, collector offices’ back-end office automation will be undertaken. IT infrastructure will be strengthened further to run Sarv Sewa Kendras/Public Service Centres.

D.K.. Malviya

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सम्पन्न मंत्री-परिषद् की बैठक में जन-सामान्य को तर्कसंगत मूल्य पर रेत की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए रेत खनन नीति-2015 को मंजूरी दी गई।

खनन नीति में प्रावधान किया गया है कि मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम जिन 18 जिले की 53 तहसील में रेत खदानों का संचालन कर रहा है, वह इन जिलों की सभी तहसील में यह कार्य करेगा। शेष 33 जिले में कलेक्टर द्वारा रेत खदानों की नीलामी ई-ऑक्शन के माध्यम से की जाएगी। इसी प्रकार निगम द्वारा उसके पक्ष में स्वीकृत रेत खनिज के उत्खनि पट्टे से रेत विक्रय के ठेके ई-ऑक्शन के माध्यम से दिये जायेंगें। इस प्रक्रिया में भाग लेने वाले व्यक्ति को अब शासकीय बोली की 25 प्रतिशत राशि की बजाय 10 प्रतिशत राशि अमानत के रूप में जमा करनी होगी। अमानत राशि ई-पेमेंट के माध्यम से जमा की जाएगी। ई-ऑक्शन और अमानत राशि के युक्तियुक्त किये जाने से प्रक्रिया सरल बनेगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। इस प्रक्रिया से ज्यादा से ज्यादा लोग रेत के व्यवसाय से जुड़ सकेंगे और रोजगार के नये अवसर निर्मित होंगें।

रेत खनन नीति में ई-ऑक्शन/ई-टेंडर में अपसेट मूल्य अनुमोदित खनन योजना अथवा खनन योग्य उपलब्ध रेत मात्रा के आधार पर नियत करने का प्रावधान किया गया है।

रेत खनन नीति में मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम के पक्ष में स्वीकृत खदानों से 10 किलोमीटर की परिधि में कोई अन्य रेत खदान स्वीकृत नहीं किये जाने के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है। निगम द्वारा वर्तमान में दी जा रही रायल्टी के समतुल्य राशि लिये जाने का प्रावधान भी समाप्त किया गया है, जिससे उपभोक्ता को सस्ते दाम पर रेत उपलब्ध हो सकें। इसके अलावा बाँध/जलाशय से निकलने वाली रेत खनिज के निवर्तन का प्रावधान भी किया गया है।

संचालित रेत खदानों से ग्रामीण लोग स्वयं के उपयोग के लिए नि:शुल्क रेत खनिज प्राप्त कर सकेंगें।

नीति में रेत के अधिकाधिक क्षेत्रों को खदान घोषित करने तथा पर्यावरण संतुलन के लिए पर्यावरण स्वीकृति को अनिवार्य करते हुए अधिकतम रेत मात्रा का दोहन किये जाने का प्रावधान है। खुले बाजार में अधिक रेत उपलब्ध होने से यह सस्ते दाम पर उपभोक्ताओं को आसानी से मिल सकेंगी। साथ ही शासन को अधिक राजस्व प्राप्त होगा।

संविदा शाला शिक्षक

मंत्री-परिषद् द्वारा संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-1, श्रेणी-2 और श्रेणी-3 के नियोजन की प्रक्रिया के निर्धारण को मंजूरी दी गयी। इसमें अतिथि शिक्षकों को चयन में अतिरिक्त अंकों का अधिभार दिये जाने का प्रावधान भी शामिल है। जिस अतिथि शिक्षक ने मध्यप्रदेश की एक या अधिक शासकीय शिक्षण संस्था में 200 से 399 दिवस तक शिक्षण कार्य किया हो, उसे पाँच अंक का अधिभार दिया जायेगा। 400 से 599 दिवस तक कार्य करने वाले शिक्षक को दस अंक और 600 दिवस से अधिक कार्य करने वालों को 15 अंक का अधिभार दिया जायेगा।

डायल-100 कंट्रोल रूम के लिये 632 करोड़ की परियोजना

मंत्री-परिषद् ने आम लोगों को संकट की स्थिति में जल्दी से जल्‍दी पुलिस सहायता उपलब्ध करवाने की दृष्टि से राज्य स्तरीय डायल-100 कंट्रोल रूम एवं कमाण्ड सेन्टर स्थापित करने की परियोजना की पुनरीक्षित लागत 632 करोड़ 94 लाख रुपये को मंजूरी दी। सेन्टर की स्थापना का उद्देश्य नागरिकों को जल्दी पुलिस सहायता पहुँचाने के साथ-साथ पुलिस व्यवस्था को अधिक जनोन्मुखी तथा उत्तरदायी बनाना है। यह योजना राज्य के दृष्टि पत्र-2018 में शामिल है।

पवन ऊर्जा परियोजना नीति

मंत्री-परिषद् ने वर्ष 2012 में स्वीकृत पवन ऊर्जा परियोजना नीति में संशोधन का निर्णय लिया। इसके अनुसार अब आवदेक निजी भूमि पर परियोजना स्थापना के लिए कभी भी परियोजना आवंटन के लिए आवेदन कर सकेंगे। ऐसी परियोजनाओं को 24 माह में क्रियाशील करना होगा। साथ ही विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन भूमि संबंधी दस्तावेजों के साथ आवंटन के छह माह के अंदर प्रस्तुत करना होगा।

वन भूमि पर परियोजना स्थापना के मामले में शासकीय भूमि के लिए एक बार के विज्ञापन में अधिकतम 100 मेगावाट की सीमा लागू नहीं रखी गई है।

आत्मा में नये पद

मंत्री-परिषद् ने प्रदेश में कृषि विस्तार सुधार कार्यक्रम (आत्मा) में स्वीकृत पदों के अतिरिक्त 313 नये पद की मंजूरी दी। इनमें संविदा आधार पर राज्य स्तर के लिए जेण्डर समन्वयक तथा प्रत्येक विकास खंड के लिए अतिरिक्त सहायक टेक्नालॉजी मेनेजर के पद शामिल है। आगर जिले के लिए एक परियोजना संचालक, दो उप-परियोजना संचालक, एक लेखापाल सह-लिपिक और एक कम्प्यूटर प्रोग्रामर का पद स्वीकृत किया गया है।

मंत्री-परिषद् ने कृषक मित्र का मानदेय 4,000 से बढ़ाकर 6,000 करने का निर्णय लिया।

कपास को मंडी फीस से छूट

मंत्री-परिषद् ने प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में कपास पर मंडी फीस में एक वर्ष तक एक प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया। इससे कपास के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।

सर्व सेवा परियोजना

मंत्री-परिषद् ने शासन के विभिन्न विभाग द्वारा दी जा रही अधिक से अधिक सेवाओं को लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम-2010 के अन्तर्गत लाने के लिए विश्व बेंक द्वारा पोषित सर्व सेवा परियोजना को मंजूरी दी। लोक सेवाएँ सिंगल सर्विस डिलेवरी गेटवे के माध्यम से दी जायेगी। जिला स्तर पर कलेक्टर कार्यालय के बेक-एण्ड ऑफिस ऑटोमेशन का कार्य किया जायेगा। सेवाओं के प्रमाण-पत्रों के लीगेसी डाटा का डिजिटाइजेशन कर इलेक्ट्रानिक रिपॉजिटरी में संरक्षित किया जायेगा। सर्व सेवा केन्द्रों/लोक सेवा केन्द्रों को चलाने के लिए आईटी अधोसंरचना को और मजबूत किया जायेगा।

दिनेश मालवीय

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