Revised Cost Estimate of the Mangadechhu Hydroelectric Project in Bhutan
No: --- Dated: Mar, 23 2016
The Union Cabinet chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi has given its approval to Revised Cost Estimate (RCE) of Rs. 4020.63 crore for the ongoing 720 MW Mangadechhu Hydroelectric Project (HEP) in Bhutan.
The Project will provide surplus power to India and thus augment power availability in the country. Expeditious RCE approval will enable project works to proceed smoothly without interruption.
The bilateral agreement to execute the Mangdechhu HEP was signed between India and Bhutan in April, 2010 at the approved cost of Rs. 2896.3 crore (March 2008 price level) with funding by Government of India as 30% grant and 70% loan at 10% annual interest to be paid back in thirty equated semi-annual instalments. The total cost escalation for the project, at this stage, is Rs.1124.359 crore.
The factors behind cost escalation to the RCE are due to inflation from March 2008 to March 2014, construction of cut-off wall against permeation grouting upstream coffer dam, exchange rate variations and other causes, etc.
भूटान में मांगदेछू जल विद्युत परियोजना की संशोधित अनुमानित लागत |
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज भूटान में चल रही 720 मेगावाट की मांगदेछू जल विद्युत परियोजना (एचईपी) के लिए 4,020.63 करोड़ रुपये की संशोधित अनुमानित लागत (आरसीई) को मंजूरी दी गई। परियोजना देश में बिजली की उपलब्धता बढ़ाने के लिए भारत को अतिरिक्त बिजली प्रदान करेगी ।शीघ्र आरसीई अनुमोदन मिलने से परियोजना का कार्य बिना किसी रूकावट के सुचारू रूप से आगे बढ़ने में सक्षम हो जाएगा। भारत और भूटान ने मांगदेछू जल विद्युत परियोजना को निष्पादित करने के लिए अप्रैल, 2010 में एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे जिसकी मंजूरी लागत 2896.3 करोड़ रूपये (मार्च 2008 के मूल्य स्तर) थी। इसमें भारत सरकार ने 30 फीसदी अनुदान दिया था जबकि 30 समान अर्द्धवार्षिक किश्तों में 10 फीसदी वार्षिक ब्याज की दर 70 फीसदी लोन दिया गया था। वर्तमान स्तर पर परियोजना की कुल लागत में 1124.359 करोड़ रूपये की वृद्धि हो गई है। आरसीई की लागत में वृद्धि के पीछे मार्च 2008 से मार्च 2014 के बीच बढ़ती हुई मंहगाई के साथ अन्य कारण रहे। |