No: --- Dated: Aug, 04 2015

 

Revised administrative sanction of Rs. 501.13 crore for 8 roads

Bharat Rakshit Vahini to be raised in Balaghat
Motor Vehicle Drivers-Conductors Welfare Scheme-2015 endorsed
CABINET DECISIONS

Bhopal : Tuesday, August 4, 2015, 18:13 IST

A meeting of the state cabinet chaired by Chief Minister Shri Shivraj Singh Chouhan sanctioned over Rs. 500 crore for construction of roads in the state. The cabinet accorded revised administrative sanction of Rs. 501 crore 13 lakh for construction of 264.6 km long 8 roads under main district road (MDR) project.

Revised administrative sanction of estimated cost of Rs. 59 crore 93 has been given for construction of 30.6 km long Dewas-Vijayaganj Mandi road, Rs. 56 crore 66 lakh for 8.04 km long NH-3 from Choudhary Dhaba to Vikki factory trisection in Gwalior, Rs. 55 crore 40 lakh for 7.26 km long stretch of NH-75 from Vikki trisection to Malwa engineering college, Rs. 55 crore 48 lakh for 30 km long Ratlam-Dhanasuta road, Rs. 65 crore 98 lakh for 60 km long Londi-Chandla-Ajaygarh road, Rs. 54 crore 53 lakh for 44.80 km long Chandla-Sarwai-Gaurihar-Chandrapura UP border road, Rs. 81 crore 26 lakh for 51 km long Gaurjhamar-Kemlitada-Siyarmau 2-lane road and Rs. 71 crore 99 lakh for 32.90 km Mandsaur-Sanjeet road.

The cabinet decided to raise a Bharat Rakshit Vahini (SIRB) for more effective curb on Naxal activities in Balaghat district.

In a significant decision in the interest of about 2.50 lakh drivers-conductors, the cabinet endorsed Motor Vehicle Drivers-Conductors Welfare Scheme-2015. The scheme will cover of drivers/ conductors of commercial vehicles, driving vehicles owned by themselves or transport company/ agency. This section falls under category of unorganized labourers and would be given social security facilities. It is noteworthy that Chief Minister Shri Shivraj Singh Chouhan had announced this at state level Mahapanchayat of Drivers-Conductors. Under the scheme, drivers-conductors will get benefits of insurance, assistance for treatment of diseases, assistance for daughter’s marriage, skill upgradation, loans for self-employment and scholarships for their children.

The cabinet decided to allocate necessary projects in view of keen interest by public sector undertakings in renewable energy projects in Madhya Pradesh. By year 2022, these undertakings will play significant role in establishment of projects of 10 thousand MW capacity. The cabinet decided to make provisions in renewable energy policy that these companies may apply anytime for setting up projects in accordance with spirit of Ease of Doing Business. Madhya Pradesh will partner in these setting up projects. For joint venture companies, government undertakings will sign MoUs with Madhya Pradesh Energy Development Corporation.

The cabinet decided to urge Union Home Ministry in regard to withholding of sanction to Madhya Pradesh Stamp Bill 2009. Law Department will undertake necessary action for this.

The cabinet decided to upgrade Dr. Baba Saheb Ambedkar National Social Science Institute to Dr. B.R. Ambedkar National Social Science University. The university will be activated through an ordinance.

Ashok Manwani/Durgesh Raikwar

 

8 सड़क के लिए 501.13 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति

बालाघाट में भारत रक्षित वाहिनी का गठन
मोटरयान चालक-परिचालक कल्याण योजना 2015 का अनुमोदन
मंत्रि-परिषद के निर्णय

भोपाल : मंगलवार, अगस्त 4, 2015, 17:06 IST

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज राज्य मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश में सड़कों के निर्माण के लिए पाँच सौ करोड़ से अधिक की राशि मंजूर की गई। मंत्रि-परिषद ने एमडीआर (मुख्य जिला मार्ग) योजना में 264.6 किलोमीटर की 8 सड़क के लिए 501 करोड़ 13 लाख रुपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी।

इसमें 30.6 किलोमीटर की देवास-विजयागंज मंडी मार्ग निर्माण के लिए आकलित निर्माण लागत 59 करोड़ 83 लाख, ग्वालियर में 8.04 किलोमीटर के एनएच-3 चौधरी ढाबा से विक्की फेक्ट्री तिराहा तक मार्ग के लिए 56 करोड़ 66 लाख, 7.26 किलोमीटर के विक्की फेक्ट्री तिराहा से एन.एच.-75 मालवा इंजीनियरिंग कॉलेज तक के लिए 55 करोड़ 40 लाख, 30 किलोमीटर के रतलाम-धनासुता मार्ग के लिए 55 करोड़ 48 लाख, 60 किलोमीटर के मलहरा लोंडी-चंदला-अजयगढ़ मार्ग के लिए 65 करोड़ 98 लाख, 44.80 किलोमीटर की चन्दला सरवई-गौरिहार-चन्द्रपुरा यूपी बार्डर मार्ग के लिए 54 करोड़ 53 लाख, 51 किलोमीटर के गौरझामर-केमलीटड़ा-सियारमऊ टू-लेन मार्ग के लिए 81 करोड़ 26 लाख
और 32.90 किलोमीटर के मंदसौर-संजीत मार्ग निर्माण के लिए 71 करोड़ 99 लाख की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति शामिल है।

मंत्रि-परिषद ने बालाघाट जिले में नक्सली गतिविधियों पर बेहतर नियंत्रण के लिए भारत रक्षित वाहिनी (एस.आई.आर.बी.) के गठन का निर्णय लिया।

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के करीब ढाई लाख चालक-परिचालक के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मोटरयान चालक-परिचालक कल्याण योजना 2015 का अनुमोदन किया। इसमें व्यावसायिक आधार पर वाहन चलाने के लायसेंस/परिचालक, लायसेंस लेकर खुद के स्वामित्व का परिवहन यान या ट्रांसपोर्ट कम्पनी/एजेंसी का वाहन चलाने या संबंधित कार्य करने वाले शामिल होंगे। यह वर्ग असंगठित श्रमिक वर्ग की श्रेणी में आता है जिन्हें सामाजिक सुरक्षा सुविधाएँ मिलेंगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चालक-परिचालक की राज्य-स्तरीय महा पंचायत में इस संबंध में घोषणा की थी। योजना में चालक-परिचालक को बीमा, बीमारी सहायता, कन्या विवाह सहायता, कौशल उन्नयन, स्व-रोजगार के लिए ऋण और उनके बच्चों को छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा।

मंत्रि-परिषद ने सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा मध्यप्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिये व्यापक रुचि को देखते हुए आवश्यक परियोजना आवंटित करने का निर्णय लिया। प्रदेश में वर्ष 2022 तक 10 हजार मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं की स्थापना में इन संस्थाओं का महत्वपूर्ण योगदान होगा। 'ईज ऑफ डूइंग' के अनुरूप इन संस्थाओं द्वारा परियोजनाओं की स्थापना की सुगमता को देखते हुए नवकरणीय ऊर्जा नीतियों में इन संस्थाओं द्वारा परियोजना आवंटन के लिए किसी भी समय आवेदन का प्रावधान किए जाने का मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया। मध्यप्रदेश शासन इन संस्थाओं के साथ हिस्सेदारी कर परियोजना स्थापित करेगा। शासन के उपक्रम मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के साथ ज्वाइंट वेन्चर कम्पनी अथवा परियोजना के लिए संयुक्त स्वामित्व अनुबंध कर परियोजनाएँ स्थापित की जा सकेगी।

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश स्टाम्प विधेयक 2009 पर अनुमति रोक लेने के संबंध में गृह मंत्रालय, भारत सरकार से अनुरोध करने का निर्णय लिया। इस संबंध में विधि विभाग जरूरी कार्यवाही करेगा।

मंत्रि-परिषद ने डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर राष्ट्रीय सामाजिक विज्ञान संस्थान, महू को डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय का स्वरूप देने का निर्णय लिया। विश्वविद्यालय को अध्यादेश द्वारा क्रियाशील किया जाएगा।

अशोक मनवानी/दुर्गेश रायकवार

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