The Cabinet Committee on Economic Affairs (CCEA), chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi, has given its approval to ratify the methodology adopted to recalculate the incentive rate for bi-monthly periods of April-May, 2014, June-July, 2014 and August – September, 2014.
(i) In sugar year 2013-14, Sugar industry had been saddled with surplus stocks on account of surplus production which has consistently exceeded domestic consumption over the past several years.
(ii) Due to subdued prices of sugar, both in the domestic and international markets, the industry faced a liquidity crisis on account of surplus stocks. This further resulted in mounting up of cane arrears causing distress among cane farmers.
(iii) As a result of the policy initiative, about 7.5 lakh MT of raw sugar was exported which resulted in significant improvements in liquidity of the sugar industry and clearing up of sugarcane arrears benefitting the cane farmers.
(iv) The incentive rate for bi-monthly periods of April – May, 2014, June-July, 2014 and August-September, 2014 have been finalised respectively @ Rs. 2277, Rs. 3300 &Rs. 3371 per MT. Total financial help is expected to be around Rs 200 crore.
कच्ची चीनी उत्पादन के विपणन और प्रचार सेवाओं हेतु प्रोत्साहन की समीक्षा
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने अप्रैल-मई 2014, जून-जुलाई 2014 और अगस्त-सितंबर 2014 की द्वैमासिक अवधि के लिए प्रोत्साहन दर की पुन:गणना के लिए अपनाई गई प्रक्रिया में संशोधन की मंजूरी दे दी है।
1.वर्ष 2013-14 में चीनी उद्योग, अधिक उत्पादन के चलते अधिक भंडारण की समस्या का सामना कर रहा है। इसका कारण पिछले कई वर्षों से घरेलू खपत से अधिक उत्पादन होना है।
2. अंतराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में चीनी के भाव में मंदी के चलते यह उद्योग अधिक भंडारण के कारण नकदी की कमी का सामना कर रहा है। इसके कारण गन्ना मूल्यों में बकाया तेजी से बढ रही है और गन्ना उगाने वाले किसान संकट का सामना कर रहे हैं।
3. नीतिगत पहल के परिणाम स्वरूप लगभग 7.5 एमटी कच्ची चीनी का निर्यात किया गया है जिसके कारण चीनी उद्योग में नकदी की स्थिति में सुधार और बकाये के भुगतान में तेजी आई है जिसका लाभ गन्ना उगाने वाले किसानों को मिला है।
4. वर्ष 2014 में अप्रैल-मई,जून-जुलाई औऱ अगस्त-सितम्बर की द्विमासिक अवधि के लिए प्रोत्साहन दर क्रमश: 2277, 3300 और 3371 रूपए प्रति एमटी तय की गई है। आशा है कि कुल 200 करोड़ रूपए की वित्तीय मदद प्रदान की जाएगी। |
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