आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने परिवहन ईंधनों के विपणन के लिए अधिकृत करने हेतु मार्ग-निर्देशों की समीक्षा को मंजूरी दी
No: --- Dated: Oct, 23 2019
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने परिवहन ईंधनों के विपणन के लिए अधिकृत करने हेतु मार्ग-निर्देशों की समीक्षा को अपनी मंजूरी दे दी है। यह पेट्रोल और डीजल के विपणन के लिए मार्ग-निर्देशों मेंमहत्वपूर्ण सुधार का प्रतीक है।परिवहन ईंधनों के विपणन के लिए अधिकृत करने हेतु मौजूदा नीति में 2002 से लेकर पिछले 17 वर्षों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। बाजार के बदलते परिदृश्य और इस क्षेत्र से जुड़ी विदेशी कंपनियों सहित निजी कंपनियों से निवेश को बढ़ावा देने की दृष्टि से इसे अब संशोधित किया गया है। नई नीति से परिवहन नीति से जुड़े मार्ग-निर्देशों के जरिये ‘कारोबारी सुगमता’को बल मिलेगा। इससे इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार को बल मिलेगा। अधिक संख्या में खुदरा बिक्री केन्द्र स्थापित होने से उपभोक्ताओं के लिए बेहतर प्रतिस्पर्धा तथा बेहतर सेवाएं उपलब्ध होंगी।
मुख्य विशेषताएं और प्रभाव :
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निजी कंपनियों के लिए बाधाएं काफी कम हुईं – ऐसे अधिकार पाने के लिए इच्छुक कंपनियों के लिए 2000 करोड़ रुपये के पूर्ववर्ती निवेश की मौजूदा आवश्यकता की तुलना में अब न्यूनतम 250 करोड़ के सकल निवेश की जरूरत होगी।
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गैर-तेल कंपनियां भी खुदरा क्षेत्र में निवेश कर सकती हैं। तेल और गैस क्षेत्र में पूर्ववर्ती निवेश की जरूरत को समाप्त किया गया है, जिनमें मुख्य रूप से खोज एवं उत्पादन, शोधन, पाइपलाइन/टर्मिनल आदि शामिल हैं।
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पेट्रोल एवं डीजल के लिए विपणन अधिकार पाने की इच्छुक कंपनियों को खुदरा और खुली बिक्री के अधिकार हेतु अलग-अलग अथवा दोनों के लिए आवेदन करने हेतु अनुमति है।
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कंपनियों को विपणन अधिकार के लिए एक संयुक्त उपक्रम अथवा सहायक कंपनी स्थापित करने में लचीलापन प्रदान किया गया है।
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पारम्परिक ईंधनों के अतिरिक्त, अधिकृत कंपनियों के लिए, कथित बिक्री केन्द्र के संचालन के तीन वर्ष के भीतर उनके प्रस्तावित खुदरा बिक्री केन्द्रों में सीएनजी, एलएनजी, जैव ईंधन, विद्युत चार्जिंग आदि जैसे कम-से-कम एक नए वैकल्पिक ईंधन के विपणन के लिए सुविधाएं स्थापित करना जरूरी है।
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विदेशी कंपनियों सहित अधिक संख्या में निजी कंपनियों द्वारा खुदरा ईंधन विपणन में निवेश की आशा है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए बेहतर प्रतिस्पर्धा एवं बेहतर सेव उपलब्ध होगी।
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नई कंपनियां ईंधनों के विपणन के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करेंगी और खुदरा बिक्री केंद्रों पर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा भी देंगी।
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ये कंपनियां खुदरा बिक्री केंद्रों पर महिलाओं और पूर्व सैनिकों के रोजगार को भी बढ़ावा देंगी।
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सभी खुदरा बिक्री केंद्रों पर सीसीटीवी सुविधाएं स्थापित की जायेंगी।
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अधिकृत कंपनियों के लिए अधिकार प्राप्ति के पांच वर्ष के भीतर अधिसूचित दूरस्थ क्षेत्रों में कुल खुदरा बिक्री केंद्रों का न्यूनतम 5 प्रतिशत केंद्र स्थापित करना जरूरी होगा। इस बाध्यता की निगरानी के लिए कारगर निगरानी प्रणाली स्थापित की गई है।
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किसी व्यक्ति को सार्वजनिक उपक्रम के ओएमसी के खुले डीलरशिप के मामले में एक से अधिक विपणन कंपनी का डीलरशिप पाने की अनुमति दी जा सकती है, किंतु विभिन्न स्थलों में।
The Cabinet Committee on Economic Affairs (CCEA) chaired by Prime Minister Narendra Modi has approved the Review of Guidelines for Granting Authorization to market Transportation Fuels. This marks a major reform of the guidelines for marketing of petrol and diesel.
The existing policy for granting authorization to market transportation fuels had not undergone any changes for the last 17 years since 2002. It has now been revised to bring it in line with the changing market dynamics and with a view to encourage investment from private players, including foreign players, in this sector. The new Policy will give a fillip to ‘Ease of Doing Business’, with transparent policy guidelines. It will boost direct and indirect employment in the sector. Setting up of more retail outlets (ROs) will result in better competition and better services for consumers
Salient features & Major Impact:
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Much lower entry barrier for private players - the entities seeking authorisation would need to have a minimum net worth of Rs.250 crore vis-à-vis the current requirement of Rs. 2000 crore prior to investment.
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Non – Oil Companies can also invest in the retail sector. The requirement of prior investment in Oil and Gas Sector, mainly in exploration and production, refining, pipelines/terminals etc., has been done away with.
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The entities seeking market authorisation for petrol and diesel are allowed to apply for retail and bulk authorisation separately or both
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The companies have been given flexibility in setting up a Joint Venture or Subsidiary for market authorisation.
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In addition to conventional fuels, the authorized entities are required to install facilities for marketing at least one new generation alternate fuel, like CNG, LNG, biofuels, electric charging, etc. at their proposed retail outlets within 3 years of operationalization of the said outlet
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More private players, including Foreign players, are expected to invest in retail fuel marketing leading to better competition and better services for consumers
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The new entities will bring in the latest technology for the marketing of fuels and also encourage digital payments at the ROs.
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Entities will also encourage the employment of women and ex-servicemen at the retail outlets.
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CCTV facilities will be set up at all retail outlets
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The authorised entities are required to set up a minimum 5% of the total retail outlets in the notified remote areas within 5 years of the grant of authorisation. A robust monitoring mechanism has been set up to monitor this obligation.
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An individual may be allowed to obtain a dealership of more than one marketing company in case of open dealerships of PSU OMCs but at different sites.
Courtesy – Press Information Bureau, Government of India