No: --- Dated: May, 04 2016

 

The Union Cabinet chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi has been apprised of the renewed Agreement for Scientific and Technological Cooperation with European Union (EU) for another period of 5 years as effective from May 17, 2015 until 2020 reaffirming their shared commitment to research and innovation as drivers of social and economic development. 

The purpose of the Agreement is to strengthen the co-operation in research and development activities in science & technology fields of common interest between the research institutions of the European Union Member States and India on the basis of parity, reciprocity and co-investment of resources including funds. The cooperation activities include supporting joint research and development projects; exchange of scientists and experts, sharing of advanced research facilities, joint seminars, symposia and workshops, sharing of relevant information on science, technology and innovation policy, program and research & development projects. 

The Department of Science and Technology of the Government of India and the Directorate General Research and Innovation of the European Commission are the executive agencies of the cooperation activities and oversee the implementation of this Agreement through regular meeting of Joint Steering Committee on Science and Technology. 

Background:

The Agreement was initially signed in November, 2001 was in force till May 2015. The Agreement was renewed through exchange of diplomatic letters (Note Verbale) between Mission of India and the European Union in Brussels, Belgium and the General Secretariat of the Council of the European Union in Brussels, Belgium in March, 2016. 

 

भारत और यूरोपीय यूनियन के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग के समझौते का नवीकरण 
 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भारत और यूरोपीय यूनियन (ईयू) के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुए समझौते के नवीकरण की जानकारी दी गई। दोनों के बीच इस समझौते का पांच साल के लिए नवीकरण किया गया है, जो 17 मई 2015 से लागू माना जाएगा। यह समझौता 2020 तक लागू रहेगा। दोनों ओर से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शोध और नवाचार के क्षेत्र में प्रतिबद्धताएं जताई गई हैं ताकि सामाजिक और आर्थिक विकास को गति मिले। 

समझौते का उद्देश्य यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों और भारत के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी की साझा दिलचस्पी वाले क्षेत्र में शोध और विकास गतिविधयों में सहयोग को मजबूत करना है। दोनों के बीच एक दूसरे के बीच आदान-प्रदान और संसाधनों में संयुक्त निवेश के जरिये शोध और विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। दोनों के बीच इस सहयोग के तहत अनुसंधान और विकास परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा। दोनों के बीच वैज्ञानिकों और विषय के अनुभवी विशेषज्ञों का आदान-प्रदान होगा। दोनों ओर से एक दूसरे की शोध सुविधाओं को साझा किया जाएगा। दोनों मिल जुल कर सेमिनार आयोजित करेंगे। सिम्पोजियम और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। विज्ञान पर सामयिक सूचनाओं का आदान-प्रदान होगा। टेक्नोलॉजी, नवाचार नीति, शोध और विकास परियोजनाओं के लिए भी आपस में सहयोग होगा। 

भारत का सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग और यूरोपीय यूनियन का डायरेक्टरेट जनरल रिसर्च एंड इनोवेशन ऑफ द यूरोपियन कमीशन सहयोगात्मक गतिविधियों और इन समझौते के कार्यान्वित होने पर नजर रखने वाली अधिशासी एजेंसियां हैं। सूचना और प्रौदयोगिकी की संयुक्त संचालन समिति की सामान्य बैठकों के जरिये इन समझौते के कार्यान्यवन पर नजर रखी जाती है। 

पृष्ठभूमि 

इस समझौते पर सबसे पहले नवंबर, 2001 में हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते का नवीकरण भारत और यूरोपीय यूनियन के बीच राजनय पत्रों के आदान-प्रदान के जरिये किया गया। समझौता का नवीकरण ब्रसेल्स, बेल्जियम में हुआ। नवीकरण से जुड़े समझौते पत्र पर हस्ताक्षर ब्रसेल्स में यूरोपीय यूनियन के जनरल सेक्रेटेरियट ऑफ द काउंसिल ऑफ दो यूरोपियन यूनियन में हुआ। यह हस्ताक्षर मार्च, 2016 में हुआ था। 

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