No: --- Dated: Nov, 20 2019

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने प्रत्‍येक मामले पर गौर करते हुए प्रबंधन नियंत्रण को बरकरार रखते हुए चुनिंदा सीपीएसई (केन्‍द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम) में भारत सरकार की चुकता शेयर पूंजी को घटाकर 51 प्रतिशत से नीचे लाने के प्रस्‍ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इसके तहत सरकारी हिस्‍सेदारी के साथ-साथ सरकार के नियंत्रण वाले संस्‍थान की अंशभागिता को भी ध्‍यान में रखा जाएगा।

लाभ :

इसका मुख्‍य उद्देश्‍य चुनिंदा सीपीएसई में विनिवेश विंडो के दायरे का विस्‍तार करना है। इससे बड़ी संख्‍या में लोगों के बीच राष्‍ट्र की संपदा का विस्‍तार करने, सीपीएसई में सरकारी निवेश के सक्षम प्रबंधन को बढ़ावा देने, ज्‍यादा पारदर्शिता सुनिश्चित करने और राष्‍ट्र के आर्थिक विकास की गति तेज करने में सीपीएसई के योगदान को बढ़ाना जैसे विनिवेश के उद्देश्‍यों की पूर्ति में भी मदद मिलेगी।

इससे बाजार में मुक्‍त रूप से उपलब्‍ध शेयरों की संख्‍या भी बढ़ेगी, जिससे भारतीय पूंजी बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश पर सकारात्‍मक असर हो सकता है। इसके अलावा छोटे (रिटेल) और संस्‍थागत निवेशकों के लिए निवेश की गुंजाइश बढ़ाने पर भी सकारात्‍मक असर हो सकता है। यही नहीं, इससे निवेशकों की संभावित सकारात्‍मक धारणा की बदौलत सीपीएसई का बाजार प्रीमियम भी बढ़ सकता है।  

The Cabinet Committee on Economic Affairs, chaired by Prime Minister Shri Narendra Modi has accorded 'in-principle' approval for enabling reduction of Government of India paid-up share capital below 51% in select CPSEs while retaining the management control on case to case basis,taking into account the Government shareholding, and the shareholding of Government-controlled institution. 

Benefits:

This is intended to widen the bandwidth of disinvestment window in select CPSEs. This will also help in pursuing the objectives of disinvestment i.e. spreading the wealth of the nation among a greater number of people, promoting efficient management of Government investment in CPSEs and ensuring greater transparency and increasing contribution of the CPSEs towards higher economic growth of the nation.

It would also increase the free float available in the market which may have a positive impact on Foreign Portfolio Investments in Indian capital markets and in the creation of wider investment space for retail and institutional investors and may increase in the market premium of CPSEs due to likely positive investors perception.

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India

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