Proposal for Promulgation of the Muslim Women (Protection of Rights on Marriage), Second Ordinance, 2019
No: --- Dated: Feb, 19 2019
कैबिनेट ने मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकार का संरक्षण), द्वितीय अध्यादेश, 2019 जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निम्नलिखित प्रस्तावों को मंजूरी दी है:
(क) संविधान की धारा 123 के खंड (1) के तहत परिशिष्ट- की पृष्ठ (9 से 12) के अनुरूप एक अध्यादेश जारी करने का प्रस्ताव, जिसका नाम मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकार का संरक्षण), द्वितीय अध्यादेश, 2019 है।
(ख) मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकार का संरक्षण) विधेयक, 2018 जो राज्यसभा में लंबित है, में आवश्यक आधिकारिक संशोधन करना जिससे कि उपरोक्त अध्यादेश के स्थान पर प्रारूपण एवं अनुवर्ती प्रकृति के ऐसे संशोधनों को रखा जा सके, जिसे आवश्यक माना जा सकता है।
लाभ:
प्रस्तावित अध्यादेश विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा करेगा एवं उन्हें उनके पतियों द्वारा तत्कालिक एवं अपरिवर्तनीय ‘तलाक-ए-बिद्दत‘ के प्रचलन के द्वारा तलाक दिए जाने को रोकेगा। यह तीन तलाक यानी ‘तलाक-ए-बिद्दत‘ की प्रथा को निरुत्साहित करेगा। प्रस्तावित अध्यादेश का प्रख्यापन आजीविका भत्ता, तीन तलाक यानी ‘तलाक-ए-बिद्दत‘ के पीड़ितों के नाबालिग बच्चों का संरक्षण का अधिकार प्रदान करेगा।
The Union Cabinet, chaired by the Prime Minister Narendra Modi, has given its approval to the following proposals:
- Promulgation of an Ordinance, namely the Muslim Women (Protection of Rights on Marriage) Second Ordinance, 2019, as per Appendix-III (pages(9 to 12) under clause (1) of article 123 of the Constitution; and
- Move necessary official amendments in the Muslim Women (Protection of Rights on Marriage) Bill, 2018 pending in Rajya Sabha to replace the aforesaid Ordinance with such modifications of drafting and consequential nature as may be considered necessary.
Benefits:
The proposed Ordinance will protect the rights of married Muslim women and prevent divorce by the practice of instantaneous and irrevocable ‘talaq-e-biddat’ by their husbands. It will discourage the practice of triple talaq i.e. talaq-e-biddat. Promulgation of the proposed Ordinance will provide the rights of subsistence allowance, custody of minor children to victims of triple talaq i.e. talaq-e-biddat.
Courtesy – Press Information Bureau, Government of India