Path of development of food processing industries to be easier खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों के विकास की राह होगी आसान
No: --- Dated: Jun, 15 2016
A meeting of the state cabinet chaired by Chief Minister Shri Shivraj Singh Chouhan took various decisions for even better development of food processing industries in the state. Special financial assistance provisions will be made in state's Industrial Promotion Policy-2014. Due to it, path will be paved for development of several small industries and they would get direct benefits.
It is noteworthy that the production of horticulture crops in the state has increased significantly in the last few years. Despite more output, farmers have faced difficulty to get fair price for their produce. Further promotion to horticulture and food processing industries in the state, horticulture products will get better market prices paid to farmers will improve.
In some other states, specific facilities have been provisioned for establishment of food processing units. To attract more units towards Madhya Pradesh, it is necessary that the state's policy is almost similar and more attractive than other states. Therefore, it has been decided to give additional impetus in the state also to food processing units, which are normally based on weather. Madhya Pradesh Industrial Promotion Policy 2014 has been implemented to promote existing industries in the state. To avoid overlapping of Industrial Promotion Policy and Food Processing Policy, incentives offered by the government will be incorporated in Industrial Promotion Policy, 2014 instead of implementing a new Industrial Promotion Policy. It will also meet the objectives of a single-window system of the state government. Specific financial assistance will be available to micro, small and medium enterprises.
For food processing industries, modernization and technical upgrading, 25 percent cost of capital investment will provided upto maximum Rs 2.5 crore on the investment made in plant machinery and buildings. The assistance will be available for companies investing Rs 25 crore investment and maximum subsidy will not exceed Rs 2.5 crore.
For construction of captive power generation/organic fertilizers for disposal of waste in food processing industries, 25 percent cost on plant and machinery will be reimbursed. This assistance would not exceed Rs. 150 lakh.
On the investment made on plant and machinery for cold chain, value addition. preservation infrastructure and refer van for non-horticultural products and dairy products, maximum 50 per cent of the investments upto to maximum of Rs 10 crore will be available as subsidy. This aid will also be paid to major industries.
Cent percent investment promotion assistance will be provided for 10 years against amount deposited as VAT and Central Taxes by food processing industries whose maximum limit would be equal to 200 percent of unit's investment. Similarly, Re. one per unit concession is being given under current Electricity Policy to food processing units. Reimbursement of Re. one per unit will be made after deposit of full amount of electricity bills by cold storages, cold chains, ripening chambers and individual quick freezing centres. This assistance would be given for 5 years from the date of production/commercial operation. Seasonal low-tension consumers of industrial category will be given exemption from provision of general tariff in off-season.
Reimbursement of 30 percent upto maximum Rs. 10 lakh will be made on transportation of processed products to inland container depots/sea ports by air and road to promote exports. This assistance would apply for 5 years from the dates of first production. This would not apply to transportation of flour, rice and soya oil.
The cabinet accorded additional government security on Rs. 500 crore for implementation of Mukhyamantri Shahari Peyjal Yojana. Under the scheme guarantee of Rs. 1000 crore was given earlier which has been utilized.
The cabinet accorded administrative sanction of Rs. 153 crore 23 lakh 92 thousand for 28 kilometers long Ratlam - Jhabua and Link Road Thandla (Rajasthan border) road, Rs. 98 crore 78 lakh 8 thousand for construction of road from change kilometers 28 upto 62.10 of National Highway-69 section ofr Budhni-Hoshangabad-Itarasi- Pathrota road.
The cabinet sanctioned total 13 class III and IV posts including 7 posts for setting up district and session courts and 6 posts for rural magistrates' courts in Burhanpur district.
The cabinet also decided to give contractual appoint for one year against vacancy of General Manager (Publicity and Advertisements) in Madhya Pradesh Madhyam to Shri Dinesh Malviya.
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों के और बेहतर विकास के निर्णय लिए गए। राज्य की उद्योग संवर्धन नीति-2014 में विशिष्ट वित्तीय सहायताओं का प्रावधान रहेगा। इससे कई छोटे उद्योग के विकास की राह आसान होगी और वे सीधे लाभान्वित होंगे।
प्रदेश में उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में गत कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। उत्पादन अधिक होने से अक्सर किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिलने में कठिनाई होती है। खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों को अधिक बढ़ावा देने से उद्यानिकी उत्पादन को बेहतर बाजार मिलेगा और किसानों को मिलने वाली कीमतों में भी सुधार आयेगा।
कुछ अन्य राज्य द्वारा खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए विशिष्ट सुविधाएँ दिए जाने का प्रावधान किया गया है। मध्यप्रदेश में अघिक इकाइयाँ आकर्षित हों, इसके लिए आवश्यक है कि प्रदेश की नीति अन्य राज्यों के समरूप अधिक आकर्षक हो। इसलिए खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों को जो सामान्य रूप से मौसम आधारित होती हैं, उन्हें भी अतिरिक्त प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में उद्योगों को प्रोत्साहन दिए जाने के लिए मध्यप्रदेश उद्योग संवर्धन नीति 2014 लागू है। उद्योग संवर्धन नीति और खाद्य प्र-संस्करण नीति में दोहराव न हो, इस उद्देश्य से नवीन खाद्य प्र-संस्करण नीति लागू करने की बजाय खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों को शासन द्वारा दिए जाने वाले प्रोत्साहन को राज्य की उद्योग संवर्धन नीति, 2014 में ही समाविष्ट किया जाएगा। इससे शासन की सिंगल विंडो प्रणाली की मंशा की पूर्ति भी होगी। विशिष्ट वित्तीय सहायताएं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को उपलब्ध होगी।
खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों की स्थापना, आधुनिकीकरण और उनके तकनीकी उन्नयन के लिए प्लांट मशीनरी एवं भवन में किये गये निवेश का 25 प्रतिशत लागत पूँजी अनुदान उपलब्ध होगा। अनुदान की अधिकतम सीमा राशि 2.5 करोड़ रुपए होगी। यह सहायता 25 करोड़ रुपए तक निवेश करने वाली इकाइयों के लिए उपलब्ध होगी, परंतु अधिकतम अनुदान 2.5 करोड़ रुपए से अधिक नहीं होगा।
खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों में अपशिष्ट के निपटान के लिए केप्टिव पॉवर जनरेशन/जैविक खाद निर्माण के लिए प्लांट एन्ड मशीनरी की लागत पर 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जाएगी। सहायता की अधिकतम राशि 150 लाख रुपए होगी। गैर उद्यानिकी उत्पादों यथा दुग्ध उत्पाद के लिए कोल्ड चेन, वेल्यू एडीशन एवं प्रिजर्वशन अधोसंरचनाओं में प्लांट एवं मशीनरी में किये गये निवेश एवं रिफर वेन के लिए किये गए निवेश का 50 प्रतिशत अधिकतम राशि 10 करोड़ रुपए अनुदान सहायता उपलब्ध हो सकेगी। यह सहायता वृहद उद्योगों को भी देय होगी।
खाद्य प्र-संस्करण इकाई द्वारा विगत वर्ष में वेट और केंद्रीय कर के रूप में जमा की गई राशि का शत-प्रतिशत सेट ऑफ निवेश संवर्धन सहायता इकाई को 10 वर्ष के लिए उपलब्ध करवाई जायेगी, जिसकी अधिकतम सीमा इकाई के निवेश के 200 प्रतिशत राशि के बराबर होगी। इसी प्रकार खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों को वर्तमान विद्युत नीति में एक रुपए प्रति विद्युत इकाई की दर से छूट उपलब्ध है। कोल्ट स्टोरेज, कोल्ड चेन, राईपनिंग चेम्बर, इंडीविजुअल क्विक फ्रीजिंग इकाइयों द्वारा विद्युत वितरण कंपनियों को पूर्ण विद्युत दर के देयक का भुगतान किये जाने के बाद एक रुपए प्रति विद्युत इकाई की दर से प्रतिपूर्ति उपलब्ध करवाई जायेगी। यह सहायता उत्पादन/व्यावसायिक परिचालन की तिथि से 5 वर्ष तक की अवधि के लिए देय होगी। सीजनल निम्न दाब औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं को ऑफ -सीजन में सामान्य टैरिफ से प्रावधान अनुसार छूट देय होगी।
निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वायुयान एवं सड़क के माध्यम से इनलेंड कंटेनर डिपो/बंदरगाह तक प्र-संस्कृत उत्पादों के परिवहन पर व्यय की गई राशि के 30 प्रतिशत की दर से रुपए 10 लाख प्रतिवर्ष की सीमा तक प्रतिपूर्ति की जायेगी। यह सहायता प्रथम उत्पादन के दिनांक से 5 वर्ष की अवधि के लिए होगी। यह सहायता केवल आटा, चावल और सोया तेल के परिवहन पर उपलब्ध नहीं होगी।
मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के क्रियान्वयन के लिए 500 करोड़ रुपए की अतिरिक्त शासकीय प्रत्याभूति की मंजूरी दी है। इस योजना में स्वीकृत जल प्रदाय योजना में हडको से ऋण प्राप्त करने के लिए 1000 करोड़ रुपए की सीमा तक शासकीय प्रत्याभूति की स्वीकृति दी गई थी, जिसका उपयोग किया जा चुका है।
मंत्रि-परिषद ने रतलाम-झाबुआ एवं लिंक रोड थांदला (राजस्थान सीमा तक) के लिए 153 करोड़ 23 लाख 92 हजार तथा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-69 के चैनेज किलोमीटर 28 से 62.10 मार्ग खण्ड (बुधनी-होशंगाबाद-इटारसी-पथरोटा) के लिए 98 करोड़ 78 लाख 8 हजार रुपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी है।
मंत्रि-परिषद ने न्यायिक जिला बुरहानपुर की स्थापना पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय के लिए 7 पद तथा ग्राम न्यायाधिकारी के न्यायालय के लिए 6 पद कुल 13 पद तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के मंजूर किए।
मंत्रि-परिषद ने सेवानिवृत्त उप संचालक जनसंपर्क श्री दिनेश मालवीय को मध्यप्रदेश माध्यम में महाप्रबंधक (प्रसार एवं विज्ञापन) के रिक्त पद पर एक वर्ष के लिए संविदा नियुक्ति देने का निर्णय भी लिया।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश