No: ---- Dated: Dec, 11 2019

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने निम्‍नलिखित को मंजूरी दी है :- 

  1. वित्‍तीय दृष्टि से मजबूत गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियों (एनबीएफसी)/आवास वित्‍त कंपनियों (एचएफसी) से उच्‍च रेटिंग वाली संयोजित परिसम्‍पत्तियों की खरीद के लिए 'आंशिक ऋण गारंटी योजना' को मंजूरी दी गई है, जिसकी पेशकश भारत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को करेगी। इसके तहत जो कुल गारंटी दी जाएगी, वह योजना के तहत बैंकों द्वारा खरीदी जा रही परिसम्‍पत्तियों के उचित मूल्‍यों के 10 प्रतिशत तक के प्रथम नुकसान अथवा 10,000 करोड़ रुपये, इनमें से जो भी कम हो, तक सीमित होगी, जैसा कि आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) ने सहमति जताई है। इस योजना के दायरे में वे एनबीएफसी/एचएफसी आएंगी, जो 01 अगस्‍त, 2018 से पहले की एक वर्ष की अवधि के दौरान संभवत: 'एसएमए-0' श्रेणी में आ गई हैं। इसी तरह इस योजना के दायरे में वे संयोजित परिसम्‍पत्तियां आएंगी, जिन्‍हें 'बीबीबी+' अथवा उससे ज्‍यादा की रेटिंग प्राप्‍त है।

  2. भारत सरकार द्वारा पेशकश की गई एकबारगी आंशिक ऋण गारंटी की सुविधा 30 जून, 2020 तक अथवा बैंकों द्वारा 1,00,000 करोड़ रुपये मूल्‍य की परिसम्‍पत्तियां खरीद लिए जाने की तिथि तक खुली रहेगी, इनमें से जो भी पहले हो। इस योजना की दिशा में हुई प्रगति को ध्‍यान में रखते हुए इसकी वैधता अवधि को तीन माह तक बढ़ाने का अधिकार वित्‍त मंत्री को दिया गया है।

प्रमुख प्रभाव :

      सरकार की ओर से प्रस्‍तावित गारंटी सहायता और इसके परिणामस्‍वरूप संयोजित परि‍सम्‍पत्तियों की खरीद (बायआउट) से एनबीएफसी/एचएफसी को अपनी अस्‍थायी तरलता (लिक्विडिटी) अथवा नकद प्रवाह में असंतुलन को दूर करने में मदद मिलेगी और इसके साथ ही वे ऋणों के सृजन में निरंतर योगदान करने और कर्जदारों को अंतिम विकल्‍प वाले ऋण को मुहैया कराने में समर्थ हो जाएंगे, जिससे आर्थिक विकास की गति तेज हो जाएगी।

पृष्‍ठभूमि :

      केन्‍द्रीय बजट 2019-20 में यह घोषणा की गई थी कि :

      'चालू वित्‍त वर्ष के दौरान वित्‍तीय दृष्टि से मजबूत एनबीएफसी की कुल एक लाख करोड़ रुपये मूल्‍य की उच्‍च रेटिंग वाली संयोजित परिसम्‍पत्तियों की खरीद के लिए सरकार 10 प्रतिशत तक के प्रथम नुकसान के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को एकबारगी 6 माह की आंशिक ऋण गारंटी देगी।'

      उपर्युक्‍त बजट घोषणा को ध्‍यान में रखते हुए पीएसबी द्वारा एनबीएफसी/एचएफसी से परिसम्‍पत्तियों की खरीद के लिए पीएसबी को सरकारी गारंटी देने के लिए 10 अगस्‍त, 2019 को एक योजना (23 सितम्‍बर, 2019 को संशोधित) शुरू की गई थी, जिसके तहत गारंटी को इस योजना के तहत बैंकों द्वारा खरीदी गई परिसम्‍पत्तियों के उचित मूल्‍य के 10 प्रतिशत अथवा 10,000 करोड़ रुपये, इनमें से जो भी कम हो, तक सीमित किया गया। यह सुविधा इस योजना के शुरू होने की तिथि से लेकर 6 महीनों की अवधि अथवा बैंकों द्वारा 1,00,000 करोड़ रुपये मूल्‍य की परि‍सम्‍पत्तियों को खरीदे जाने की तिथि, इनमें से जो भी पहले हो, तक खुली रखी गई थी।

      विभिन्‍न हितधारकों से प्राप्‍त सुझावों और उनके साथ हुई चर्चांओं के आधार पर विभिन्‍न संशोधनों वाली इस योजना के बारे में कैबिनेट की मंजूरी लेने का निर्णय लिया गया, जिनका उल्‍लेख नीचे किया गया है :

  • उन एनबीएफसी/एचएफसी को पीएसबी द्वारा उनकी संयोजित परिसम्‍पत्तियों की खरीद के लिए समर्थ माना जाए, जो 01 अगस्‍त, 2018 से पहले (अर्थात आईएलएंडएफएस में गहराये संकट से पहले) की एक वर्ष की अवधि के दौरान संभवत: 'एसएमए-0' श्रेणी में आ गई हैं। इस अवधि के दौरान एसएमए-1 और एसएमए-2 के अंतर्गत आई 'एनबीएफसी/एचएफसी' आगे भी इस योजना के तहत पात्र नहीं मानी जाएंगी।

  • पीएसबी द्वारा खरीदी जा रही अंतर्निहित संयोजित परि‍सम्‍पत्तियों की न्‍यूनतम रेटिंग को मौजूदा 'एए' से संशोधित कर 'बीबीबी+' कर दिया जाए।

  • इस योजना को 30 जून, 2020 तक प्रभावी बनाए जाए। इसके लिए इस योजना की दिशा में हुई प्रगति को ध्‍यान में रखते हुए इस योजना की अवधि तीन माह और बढ़ाने का अधिकार वित्‍त मंत्री को दिया जाए।

कैबिनेट ने तदनुसार 'आंशिक ऋण गारंटी योजना' को अब मंजूरी दे दी है, जिनमें उपर्युक्‍त संशोधनों को शामिल कर लिया गया है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को इस योजना की पेशकश की जा रही है, जिससे इस योजना के तहत सरकार की गारंटी सहायता से संयोजित परिसम्‍पत्तियों की खरीद संभव होने से दिवाला होने की स्थिति में आ चुकी एनबीएफसी/एचएफसी की अस्‍थायी तरलता/नकद प्रवाह में असंतुलन को दूर करने में मदद मिलेगी। ऐसी स्थिति में एनबीएफसी/एचएफसी को अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए अपनी-अपनी परि‍सम्‍पत्तियों की अंधाधुंध बिक्री करने के लिए विवश नहीं होना पड़ेगा। इससे अर्थव्‍यवस्‍था की ऋण संबंधी मांग का वित्‍त पोषण करने के साथ-साथ इस तरह की एनबीएफसी/एचएफसी के विफल या दिवालिया होने के प्रतिकूल असर से देश की वित्‍तीय प्रणाली को संरक्षित करने के लिए संबंधित एनबीएफसी/एचएफसी को आवश्‍यक तरलता प्राप्‍त होगी।

The Union Cabinet, chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi, has given its approval to the following:

  1. "Partial Credit Guarantee Scheme", to be offered by the Government of India (Gol) to Public Sector Banks (PSBs) for purchasing high-rated pooled assets from financially sound Non-Banking Financial Companies (NBFCs) / Housing Finance Companies (HFCs), with the amount of overall guarantee being limited to first loss of up to 10 per cent of fair value of assets being purchased by the banks under the Scheme, or Rs. 10,000 crore, whichever is lower, as agreed by Department of Economic Affairs (DEA). The scheme would cover NBFCs / HFCs that may have slipped into SMA-0 category during the one year period prior to 1.8.2018, and asset pools rated "BBB+" or higher.

  2. The window for one-time partial credit guarantee offered by Gol will remain open till 30th June, 2020 or till such date by which Rs. 1,00,000 crore assets get purchased by the Banks, whichever is earlier. Power has been delegated to the Finance Minister to extend the validity of the Scheme by up to three months taking into account its progress.

Major Impact

The proposed Government Guarantee support and resultant pool buyouts will help address NBFCs/HFCs resolve their temporary liquidity or cash flow mismatch issues, and enable them to continue contributing to credit creation and providing last mile lending to borrowers, thereby spurring economic growth.

Background:

In the Union Budget 2019-20, it was announced that:

"For purchase of high-rated pooled assets of financially sound NBFCs, amounting to a total of Rupees one lakh crore during the current financial year, Government will provide one time six months' partial credit guarantee to Public Sector Banks for first loss up to 10%."

In pursuance to the aforesaid Budget announcement, a Scheme was issued on 10.8.2019 (as modified on 23.9.2019) for providing Government Guarantee to PSBs for purchase of assets by them from NBFCs / HFCs, limited to 10 per cent of fair value of assets purchased by the banks under the Scheme or Rs.10,000 crore, whichever is lower. The window was for a period of six months from the date of issuance of the Scheme or till such date by which Rs.1,00,000 crore of assets get purchased by the Banks, whichever is earlier.

Based upon suggestions received from various stakeholders and discussions held with them, it was decided to obtain approval of the Cabinet on the Scheme incorporating modifications as under:

(a)   To make NBFCs / MFCs that may have slipped to SMA-0 category during the one year period prior to 1.8.2018 (i.e. prior to the IL&FS crisis), eligible for purchase of pooled assets from them by PSBs. NBFCs / HFCs reported under SMA-I and SMA-2 category during the aforesaid period will continue to be ineligible under the Scheme.

(b)   To revise the minimum rating of the underlying asset pool being purchased by PSBs from the existing "AA" to "BBB+".

(c)   To make the Scheme effective upto 30.6.2020, with powers being delegated to the Finance Minister to further extend the Scheme by 3 more months, depending upon the progress made under the Scheme.

The Cabinet has now accordingly approved the "Partial Credit Guarantee Scheme", incorporating modifications as above.

The Scheme is offered to Public Sector Banks with the objective that the purchase of pooled assets enabled by Government guarantee support under the Scheme, will help addressing temporary liquidity / cash flow mismatch issues of otherwise solvent NBFCs / HFCs without them having to resort to distress sale of their assets for meeting their commitments. This will provide liquidity to the NBFC / HFC concerned for financing the credit demand of the economy, and also protect the financial system of the country from any adverse contagion effect that may arise due to the failure of such NBFCs / HFCs.

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India

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