मंत्रिमंडल ने भारत तथा सेंट विन्सेंट और ग्रेनेडाइंस के मध्य चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों के क्षेत्र में सहयोग के बारे में प्रस्तावित समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी
No: --- Dated: Oct, 23 2019
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत तथा सेंट विन्सेंट और ग्रेनेडाइंस के मध्य चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों के क्षेत्र में सहयोग के बारे में प्रस्तावित समझौता ज्ञापन (एमओयू) को कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की है। इस समझौता ज्ञापन पर 11 सितंबर, 2019 को हस्ताक्षर हुए थे।
लाभ:
इस समझौता ज्ञापन से चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए भारत तथा सेंट विन्सेंट और ग्रेनेडाइंस के मध्य सहयोग के लिए एक ढांचा उपलब्ध होगा। इससे इस क्षेत्र में दोनों देशों को आपसी लाभ मिलेगा। इससे भारत तथा सेंट विन्सेंट और ग्रेनेडाइंस में चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों को बढ़ावा देने और प्रचार करने में मदद मिलेगी। इस समझौता ज्ञापन में उल्लिखित गतिविधियों से भारत तथा सेंट विन्सेंट और ग्रेनेडाइंस में चिकित्सा की आयुष प्रणालियों के महत्व को बढ़ावा मिलेगा। समझौता ज्ञापन के परिणामस्वरूप चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों में सहयोगपूर्ण अनुसंधान करने वालेचिकित्सकों और वैज्ञानिकों के प्रशिक्षण के लिए विशेषज्ञों के आदान-प्रदान से औषधि विकास और पारंपरिक चिकित्सा के पेशे में नए नवाचारों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
The Union Cabinet chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi has given ex-post-facto approval to the proposed Memorandum of Understanding (MoU) between India and St. Vincent & the Grenadines on cooperation in the field of Traditional Systems of Medicine. The MoU was signed at New Delhi on 11th September 2019.
Benefits:
The MoU will provide a framework for cooperation between India and St. Vincent & the Grenadines for the promotion of traditional systems of medicines and will mutually benefit the two countries in the said field. It will lead to promotion and propagation of Traditional Systems of Medicine in St. Vincent & the Grenadines. Activities mentioned in the MoU will boost the importance of AYUSH Systems of Medicine in St. Vincent & the Grenadines. As a consequence of the MoU, exchange of experts for training of the practitioners and Scientists undertaking collaborative research in Traditional Systems of Medicine is expected to lead to new innovations in drug development and practice of Traditional Medicine.
Courtesy – Press Information Bureau, Government of India