कैबिनेट ने दूसरे देशों के साथ नाविकों के क्षमता प्रमाणपत्र की एकपक्षीय/द्विपक्षीय मान्यता के लिए आदर्श समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को मंज़ूरी दी
No: --- Dated: Jan, 22 2020
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नाविकों के लिए प्रशिक्षण, प्रमाणन एवं निगरानी मानक (एसटीसीडब्ल्यू), 1978 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन के विनियम 1/10 के अनुरूप प्रमाणपत्रों की एकपक्षीय/द्विपक्षीय मान्यता के लिए आदर्श समझौता ज्ञापन को अपनी मंजूरी दी है। इस समझौता ज्ञापन पर जहाजरानी मंत्रालय के प्रभारी मंत्री और विदेश मंत्री की अनुमति से जहाजरानी महानिदेशालय भारत सरकार दूसरे देशों के अपने समकक्षों के साथ हस्ताक्षर करेगा।
फायदे
इस एकपक्षीय समझौते से भारतीय नाविकों को जहाजरानी महानिदेशालय द्रारा जारी प्रमाण-पत्रों को दूसरे देश से एकपक्षीय मान्यता मिलना आसान होगा।
इससे भारतीय नाविक रोजगार के लिए उस देश के झंडे तले जहाज पर तैनात हो सकेंगे और इस तरह रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। प्रस्तावित द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन से भारत और वह देश जिससे यह समझौता हुआ है, एसटीसीडब्ल्यू के नियमन 1/10 के प्रावधानों के अनुसार अपने-अपने देशों के नाविकों को जारी समुद्री शिक्षा एवं प्रशिक्षण, सक्षमता के प्रमाणपत्रों, अनुमोदन, प्रशिक्षण के दस्तावेजी सबूत, मेडिकल फिटनेस प्रमाणपत्रों को मान्यता देने में सक्षम होंगे।
इस द्विपक्षीय समझौते से दोनों देशों के नाविकों को दोनों में से किसी भी देश के जहाजों पर उनके प्रमाणपत्रों को मिली मान्यता के आधार पर रोजगार मिल सकेगा। सबसे ज्यादा प्रशिक्षित नाविकों के साथ दूसरे देशों को नाविक उपलब्ध कराने वाला भारत इस समझौते से फायदे में रहेगा।
The Union Cabinet, chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi, has given its approval for the Model Memorandum of Understanding (MoU) for unilateral/bilateral recognition of Certificates, pursuant to Regulation 1/10 of International Convention on Standards of Training, Certification and Watchkeeping (STCW) for Seafarers, 1978 as amended to be signed between the Directorate General of Shipping, Government of India and its counterparts in foreign countries, with the approval of Minister-in-charge of Shipping and the Minister of External Affairs.
Benefits
The unilateral MoU would facilitate unilateral recognition by another country of the certificates issued by the Directorate General of Shipping to Indian seafarers, without seeking similar recognition by India of the certificates issued by that country.
Indian Seafarers, therefore, will be eligible to be placed on ships under the flag of that country for employment, thus leading to increased employment opportunities. The proposed bilateral MoU will enable India and another country with which such an MoU may be entered, to mutually recognize maritime education and training, certificates of competency, endorsements, documentary evidence of training and medical fitness certificates, issued to the seafarers who are citizens of respective countries in accordance with the provisions of regulation 1/10 of the STCW Convention.
The bilateral MoU would, therefore, make the seafarers of both the countries to be eligible for employment on ships of either party based on the certificates so recognized. India being a seafarer supplying the nation with large pool of trained seafarers will stand to be benefitted.
Courtesy – Press Information Bureau, Government of India