No: --- Dated: Mar, 10 2016

 

The Union Cabinet chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi has given its approval for a Memorandum of Understanding (MoU) between India and Bahrain on cooperation for prevention of human trafficking especially trafficking in women and children; rescue, recovery, repatriation and re-integration of victims of trafficking. 

This MoU will strengthen the bonds of friendship between the two countries and increase the bilateral cooperation on the issues of prevention, rescue, recovery and repatriation related to human trafficking especially women and children expeditiously. 

The MoU is expected to be signed during the Home Ministers upcoming visit to Bahrain in the first week of April 2016. 

The following are the salient features of the Memorandum of Understanding between India and Kingdom of Bahrain: 

i. To strengthen cooperation to prevent to all forms of humantrafficking, especially that of women and children and ensurespeedy investigation and prosecution of traffickers and organizedcrime syndicates in either country. 

ii. Taking preventive measures that would eliminate humantrafficking in women and children and in protecting the rights off victims of trafficking. 

iii. Anti-trafficking Cells and Task Force will work on both sides toprevent human trafficking. 

iv. Police and other concerned authorities will work in closecooperation and exchange information which can be used to interdict human traffickers, 

v. The repatriation of victims would be done as expeditiously aspossible and home country will undertake the safe and effective re-integration of the victims, 

vi. A Joint Task Force with representatives from both sides would beconstituted to monitor the working of the MoU. 

Background:

As a destination of trafficking, South Asian countries are mainly affected by domestic trafficking, or trafficking from the neighboring countries. However, South Asian victims are also increasingly detected in the Middle East.

India is a source and transit country as far as trafficking to Bahrain is concerned. On the other hand, Bahrain is a destination country for men and women subjected to trafficking in persons, specifically forced labour and forced prostitution. Men and women from South Asia migrate voluntarily to Bahrain to work as domestic workers or as unskilled laborers in theconstruction and service industries. However, some face conditions of forced labour after arriving in Bahrain, through use of such practices as unlawful withholding of passport, restrictions on movement, contract substitution, non¬payment of wages, threats, and physical or sexual abuse. 

The reinforcement of anti-trafficking efforts at all levels between the Kingdom of Bahrain and India is essential for prevention and protection of victims. This requires mutual cooperation among both the countries for intelligence sharing, joint investigation and a coordinated response to the challenges of human trafficking. For this purpose, it is proposed to sign an MoU with the Kingdom of Bahrain. India has already signed one MoU to prevent trafficking with Bangladesh.

 

भारत और बहरीन के बीच अवैध मानव तस्‍करी विशेषकर महिलाओं और बच्‍चों के अवैध करोबार को रोकने पर सहमति पत्र

     प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल ने भारत और बहरीन के बीच सहमति पत्र पर हस्‍ताक्षर को मंजूरी दी। दोनों देशों ने महिलाओं और बच्‍चों सहित मानव तस्‍करी के रोकथाम में सहयोग करने पर सहमति जताई। इसमें बचाव, पुनर्वापसी, बरामदगी और इसके शिकार हुए लोगों को परिवारों से मिलाना शामिल है।

      इस सहमति से दोनों देशों ने दोस्‍ताना रिश्‍ते को मजबूत करने का फैसला किया है। दोनों देशों ने मानव की अवैध तस्‍करी, खासकर महिलाओं और बच्‍चों की तस्‍करी को तेजी से रोकने, बचाव करने और प्रत्‍यर्पण के मुद्दे पर आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।

      अप्रैल 2016 के पहले सप्‍ताह में गृहमंत्री के दुबई दौरे के दौरान सहमति पत्र पर हस्‍ताक्षर किए जाने की संभावना है।

      भारत और बहरीन राजशाही के बीच सहमति पत्र के महत्‍वपूर्ण बिन्‍दु निम्‍नलिखित हैं:

i.        सभी तरह की मानव तस्‍करी, खासकर महिलाओं और बच्‍चों की तस्‍करी रोकने संबंधी सहयोग को मजबूत किया जाएगा और तस्‍करों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और तेजी से जांच सहित दोनों देशों में संगठित अपराध चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

ii.      निरोधक उपाय करके महिलाओं और बच्‍चों की तस्‍करी का खात्‍मा किया जाएगा और पीडि़त लोगों के अधिकारों की रक्षा होगी।

iii.    मानव तस्‍करी को रोकने के लिए दोनों पक्ष तस्‍करी विरोधी सेल और कार्यबल गठित करेंगे।

iV   मानव तस्‍करों की पहचान के लिए पुलिस और दूसरी संबंधित एजेंसियों के बीच कार्य     और सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा। 

iv.     पीडि़त पक्ष की घर वापसी को हरसंभव प्रयास करते हुए तेजी से पूरा किया जाएगा    और मूल देश उसके सुरक्षित और प्रभावी पुनर्मिलन के उपाय करेगा।

vi. दोनों पक्षों के संयुक्‍त कार्यबल के प्रतिनिधियों का गठन किया जाएगा जिससे सहमति पत्र पर कामकाज पर निगरानी रखी जा सके।

पृष्‍ठभूमि:

मानव तस्‍करी के मामले में दक्षिण एशिया के देश खासतौर पर प्रभावित हैं। इसमें घरेलू तस्‍करी या पड़ोसी देशों से तस्‍करी की घटनाएं होना आम है, हालांकि दक्षिण एशियाई पीडि़तों की पहचान मध्‍य पूर्व में तेजी से बढ़ रही है।

    जहां तक बहरीन की बात है मानव तस्‍करी का भारत अहम स्रोत है। इतना ही नहीं, पुरुषों और महिलाओं को तस्‍करी के जरिये बहरीन पहुंचाया जाता है। वहां जबरन मजदूरी और वेश्‍यावृत्ति के लिए इन्‍हें ले जाया जाता है। दक्षिण एशिया से पुरुष और महिलाएं घरेलू कर्मी या असंगठित श्रम क्षेत्र में विनिर्माण और दूसरी सेवाओं के रूप में स्‍वेच्‍छा से बहरीन जाती हैं, हालांकि उनके पास अवैध पासपोर्ट होते हैं। कई अकुशल श्रमिक भी बहरीन भेजे जाते हैं जिन्‍हें बिना किसी भुगतान के धमकी, शारीरिक यातना और लैंगिक दुष्‍कर्म के लिए भी वहां पहुंचाया जाता है।

    बहरीन राजशाही और भारत के बीच हर स्‍तर पर मानव तस्‍कर रोधी प्रयासों को सख्‍ती से लागू किया गया है जिससे पीडि़तों की सुरक्षा और इस पर प्रतिबंध लग सके। दोनों देशों के बीच खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान की भी आवश्‍यकता है। इसके अलावा, संयुक्‍त जांच और दूसरी पहल भी जरूरी है। इस उद्देश्‍य के लिए बहरीन राजशाही के साथ सहमति पत्र पर हस्‍ताक्षर प्रस्‍तावित है। भारत ने बांग्‍लादेश के साथ मानव तस्‍करी को रोकने के लिए पहले ही सहमति पत्र पर हस्‍ताक्षर किए हैं।  

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