No: --- Dated: Feb, 13 2019

The Union Cabinet chaired by Prime Minister Narendra Modi has approved the introduction of Registration of Marriage of Non-Resident Indian (NRI) Bill, 2019, for creating more accountability and offering more protection against exploitation of Indian citizens, mostly women by their NRI spouses.

 

Details:

      The Bill provides for amendment of the legal framework to act as a deterrent to the erring NRI spouses and creating more accountability and offer protection against exploitation of Indian Citizens married to NRIs. 

         Once the Bill is passed, marriages performed by NRIs would be registered in India or Indian Missions & Posts abroad, and necessary changes would be carried out in the:

  1. Passports Act, 1967; and
  2. Code of Criminal Procedure 1973 by insertion of Section 86A.

 

Major Impact:

  Serving Judicial summons for Court proceedings in India is a major problem, which would be taken care of by this Bill by amending the Code of Criminal Procedure, 1973. Thus, the Bill would offer great protection to Indian citizens married to NRIs and serve as a deterrent to NRIs against harassment of their spouses. This Bill would benefit Indian women married to NRIs worldwide.  

 

                     कैबिनेट ने ‘एनआरआई विवाह पंजीकरण विधेयक,  2019’ पेश करने को स्‍वीकृति दी

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने एनआरआई (अनिवासी भारतीय) विवाह पंजीकरण विधेयक,  2019’ पेश करने को स्‍वीकृति दे दी है। इसका उद्देश्‍य ज्‍यादा जवाबदेही सुनिश्चित करने के साथ-साथ भारतीय नागरिकों, विशेषकर एनआरआई जीवनसाथियों द्वारा अपनी-अपनी पत्नियों का उत्‍पीड़न करने के खिलाफ उन्‍हें अपेक्षाकृत अधिक संरक्षण प्रदान करना है।

 

विवरण :

इस विधेयक में कानूनी रूपरेखा में संशोधन करने का प्रावधान किया गया है, ताकि इससे दोषी एनआरआई जीवनसाथियों पर लगाम लग सके एवं ज्‍यादा जवाबदेही सुनिश्चित हो सके और इसके साथ ही एनआरआई से विवाह करने वाली भारतीय नागरिकों को उत्‍पीड़न के खिलाफ संरक्षण मिल सके।

विधेयक पारित हो जाने पर अनिवासी भारतीयों द्वारा की जाने वाली शादियों का पंजीकरण भारत अथवा विदेश स्थि‍त भारतीय मिशनों एवं पोस्‍ट में कराना होगा और इसके लिए निम्‍नलिखित में आवश्‍यक बदलाव करने होंगे :-

· पासपोर्ट अधिनियम, 1967 में

· धारा 86ए को शामिल करते हुए फौजदारी या दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 में

व्‍यापक प्रभाव :

भारत में अदालती कार्यवाही के लिए न्‍यायिक सम्‍मन जारी करना एक प्रमुख समस्‍या है, जिसके लिए इस विधेयक में आवश्‍यक प्रावधान किया जाएगा। इसके लिए फौजदारी अथवा दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 में संशोधन किया जाएगा। अत: इस विधेयक के फलस्‍वरूप अनिवासी भारतीयों से वि‍वाह करने वाली भारतीय नागरिकों को अपेक्षाकृत ज्‍यादा संरक्षण मिलेगा। इसके साथ ही यह विधेयक अपनी जीवनसाथी का उत्‍पीड़न करने वाले अनिवासी भारतीयों पर लगाम लगाएगा। इस विधेयक से विश्‍व भर में अनिवासी भारतीयों से विवाह कर चुकी भारतीय महिलाएं लाभान्वित होंगी। 

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India​

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