No: ----- Dated: Nov, 20 2014

Integrated Power Development Scheme

20 Nov. 2014

The Union Cabinet chaired by the Prime Minister, Shri Narendra Modi, today gave its approval to launch "Integrated Power Development Scheme" (IPDS) with the objectives of:

1.     Strengthening of sub-transmission and distribution network in the urban areas;

2.      Metering of distribution transformers /feeders / consumers in the urban areas.

3.     IT enablement of distribution sector and strengthening of distribution network as per CCEA approval dated 21.06.2013 for completion of targets laid down under Restructured Accelerated Power Development and Reforms Programme (RAPDRP) for 12th and 13th Plans by carrying forward the approved outlay for RAPDRP to IPDS.

The scheme will help in reduction in AT&C losses, establishment of IT enabled energy accounting / auditing system, improvement in billed energy based on metered consumption and improvement in collection efficiency.

The estimated cost of the present scheme with the components of strengthening of sub-transmission and distribution networks, including metering of consumers in the urban areas is Rs. 32,612 crore which includes the requirement of budgetary support from Government of India of Rs. 25,354 crore over the entire implementation period.

The component of IT enablement of distribution sector and strengthening of distribution network approved by CCEA in June, 2013 in the form of RAPDRP for 12th and 13th Plans will get subsumed in this scheme and CCEA-approved scheme outlay of Rs.44,011 crore including a budgetary support of Rs. 22,727 crore will be carried over to the new scheme of IPDS.

The process of sanction of projects shall commence immediately. After sanction of projects, contracts for execution of projects are to be awarded by States Discoms / Power Departments. The projects shall be completed within 24 months from date of award.

 

 

समेकित विद्युत विकास स्‍कीम

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में समेकित विद्युत विकास स्‍कीम-आईपीडीएस की शुरूआत करने की आज मंजूरी दी। इस स्‍कीम के उद्देश्‍य है:

1.   शहरी क्षेत्रों में उप पारेषण और वितरण नेटवर्क को सशक्‍त बनाना।

2.   शहरी क्षेत्रों में वितरण ट्रांसफार्मों/फीडरों/उपभोक्‍ताओं के लिए मीटर लगवाना।

3.   आर्थिक मामलों की मंत्रिमं‍डलीय समिति के 21.6.2013 की अनुमति के अनुरूप वितरण नेटवर्क को सशक्‍त बनाना और वितरण क्षेत्र को सूचना प्रौद्योगिकी के अनुकूल विकसित करना। मंत्रिमंडलीय समिति का यह फैसला 12वीं और 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए पुर्नसंशोधित तीव्र विद्युत विकास और सुधार कार्यक्रम -आरएपीडीआरपी के अंतर्गत तय लक्ष्‍य पूरा करने के लिए किया गया। ऐसा करते हुए आरएपीडीआरपी के स्‍वीकृत परिव्‍यय को आईपीडीएस के लिए इस्‍तेमाल किया जाएगा।

इस स्‍कीम से पारेषण और वितरण के नुकसान में कमी लाने, ऊर्जा लेखा/लेखा परीक्षण प्रणाली स्‍थापित करने, मीटर के अनुसार खपत पर आधारित विद्युत के बिल और वसूली कार्यकुशलता में सुधार लाने में मदद मिलेगी।

इस स्‍कीम की अनुमानित लागत 32 हजार 612 करोड़ रुपए है जिसमें समूची क्रियान्‍वयन अवधि के दौरान भारत सरकार से मिलने वाली 25 हजार 354 करोड़ रुपए की बजट सहायता शामिल है। स्‍कीम के कार्य क्षेत्र में उप पारेषण और वितरण नेटवर्क को मजबूत बनाना और शहरी क्षेत्रों में उपभोक्‍ताओं के यहां मीटर लगाना शामिल है।

मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति द्वारा 12वीं और 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए आरएपी के अंतर्गत स्‍वीकृत वितरण क्षेत्र को सूचना प्रौद्योगिकी के अनुकूल बनाने और वितरण क्षेत्र को सशक्‍त बनाने के घटक को समिति द्वारा अब स्‍वीकार की गई नई स्‍कीम में मिला लिया जाएगा और 22 हजार 727 करोड़ रुपए के बजट सहायता समेत 44011 रुपए का परिव्‍यय नई स्‍कीम आईपीडीएस के लिए इस्‍तेमाल किया जाएगा।

परियोजनाएं स्‍वीकृत करने की प्रक्रिया तत्‍काल शुरू होगी। परियोजनाएं स्‍वीकृत किए जाने के बाद राज्‍यों की वितरण कमियां/विद्युत विभाग परियोजनाओं पर काम करने के लिए अनुबंध देंगी। इन परियोजनाओं को कार्य आबंटित किए जाने के 24 महीने के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।

Recent Cabinet Decisions