Institutional arrangements of venture fund for innovative industries
No: ----- Dated: Jan, 13 2015
Institutional arrangements of venture fund for innovative industries
CABINET DECISIONS
Bhopal : Tuesday, January 13, 2015, 20:41 IST
A cabinet meeting chaired by Chief Minister Shri Shivraj Singh Chouhan here today decided for institutional arrangement of venture capital fund to meet share capital needs for establishment of innovative entrepreneurship.
All formalities for institutional arrangement will be completed through constitution of Assets Management Committee under Finance Department. The committee will constitute a public limited company with a similar other name approved by Madhya Pradesh Venture Finance Limited or Registrar of Companies.
For institutional arrangement of Venture Capital Fund, formalities will be completed to constitute a private limited company to function as trustee of funds under Finance Department. Under it, a public limited company will be formed by a similar other name approved by Madhya Pradesh Venture Finance Limited or Registrar of Companies.
After constitution of Assets Company and Trustee Company, the companies will make banks, financial establishments, corporates etc. as shareholders, who may hold minimum 51 percent shares. Registration certificate will be sought from SEBI for Venture Capital Funds in accordance with SEBI Alternative Investment Funds Regulation, 2012. For operating it, a fund will be constituted under provisions of Indian Trusts Act 1882 under a name approved by Madhya Pradesh MSME Fund or Registrar, Firms and Societies. It will collect and invest funds in accordance with Investment Policy.
The state government will make a Rs. 5 crore preliminary investment in the fund as per provisions of SEBI Alternative Investment Funds Regulation, 2012. Additional funds will also be invested if needed.
Other decisions
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The cabinet decided to provide to Madhya Pradesh Finance Corporation additional funds as share capital equal to amount of guarantee fee paid/to be given by it. The corporation gives loans to small and medium entrepreneurs. As a result of this decision, the corporation will be able to extend low-interest loans to entrepreneurs of backward areas.
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The cabinet decided to extend duration of Rs. 1868.81 crore guarantee on loan taken from Rural Electrification Corporation by power distribution companies for implementing feeder separation scheme upto December 31, 2015 or till amendment in escrow cover for Sasan project, whichever is earlier.
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The cabinet decided to cancel notification dated October 4, 2011 for management of government land available for establishment of power plants with private capital with effect from May 20, 2013.
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The cabinet decided to extend till December 31, 2015, the duration of Rs. 1388.23 crore security on loans sanctioned to Rural Electrification Corporation to power distribution companies for R-APDRP Part-B Scheme.
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The cabinet decided to revise cost of Shri Singaji thermal power project’s first phase (2X600 MW) of Madhya Pradesh Power Generating Company from Rs. 6750 crore to Rs. 7820 crore and that of Satpura thermal power station’s extension units 10 and 11 (2X250 MW) from Rs. 3032 crore to Rs. 3514 crore.
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The cabinet decided to give 3-year government security to Madhya Pradesh State Cooperative Bank Limited in favour of NABARD to acquire Rs. 416.27 crore from it for conversion of short-term to 3-year medium-term, the loans taken from cooperative banks by farmers affected by natural calamities during Rabi 2012-13, Kharif 2013 and Rabi 2013-14. Besides, it would be exempted from security fee. Apart from government security, it was also decided to give loan subsidy on additional Rs. 71.19 amount of short-term to medium-term conversion of loan given by primary agriculture credit cooperative societies linked with District Cooperative Central Banks in 10 districts during Kharif-2013 and state government’s 15 percent share will also be provided.
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The cabinet accorded consent to extend from March 31, 2016 to September 31, 2019, the time-limit for government security for resetting under Sagar Municipal Corporation’s schemes. Besides, it also gave consent to replace 12.50 percent interest rate by floating rate 10.75.
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The cabinet endorsed Chief Minister’s order to extend term of Union Carbide Poisonous Gas Leak Enquiry Commission Bhopal till February 24, 2015.
D.K. Malviya
नवाचार आधारित उद्योगों के लिए वेंचर फण्ड की संस्थागत व्यवस्था
मंत्री-परिषद् के निर्णय
Bhopal : Tuesday, January 13, 2015, 20:39 IST
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सम्पन्न मंत्री-परिषद् की बैठक में नवाचार पर आधारित नयी उद्यमिता विकसित करने अंश पूँजी की आवश्यकता पूरी करने के उद्देश्य से स्थापित किये जाने वाले वेंचर केपिटल फंड के लिए संस्थागत व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया।
संस्थागत व्यवस्था के लिए वित्त विभाग के अधीन एसेट्स मेनेजमेंट कम्पनी के गठन की सभी औपचारिकाताएँ पूर्ण की जायेंगी। इसमें प्रदेश में मध्यप्रदेश वेंचर फायनेंस लिमिटेड अथवा रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज द्वारा अनुमोदित अन्य लगभग समान नाम से एक पब्लिक लिमिटेड कम्पनी का गठन किया जायेगा।
वेंचर केपिटल फंड की संस्थागत व्यवस्था के लिए वित्त विभाग के अधीन फंड के ट्रस्टी के रूप में कार्य करने के लिये एक प्रायवेट लिमिटेड कम्पनी के गठन की आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी की जायेंगी। इसमें मध्यप्रदेश वेंचर फायनेंस ट्रस्टी कम्पनी प्रायवेट लिमिटेड अथवा रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज द्वारा अनुमोदित अन्य लगभग समान नाम से एक प्रायवेट लिमिटेड कम्पनी गठित की जायेंगी।
एसेट्स कम्पनी और ट्रस्टी कम्पनी के गठन के बाद कम्पनी द्वारा बेंकों, वित्तीय स्थापनाओं, कार्पोरेट्स आदि को भी अपना शेयर होल्डर बनाया जायेगा। इनके द्वारा न्यूनतम 51 प्रतिशत अंश धारित किये जा सकेंगे। सेबी एल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फंड्स रेग्यूलेशंस, 2012 के अनुसार वेंचर केपिटल फंड्स के लिए सेबी से पंजीयन प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जायेगा। फंड के संचालन के लिए भारतीय ट्रस्ट अधिनियम 1882 के प्रावधानों के अनुसार मध्यप्रदेश एमएसएमई फंड अथवा रजिस्ट्रार, फर्म्स एण्ड सोसायटीज द्वारा अनुमोदित समान नाम से एक ट्रस्ट बनाया जायेगा। इसके माध्यम से राशि एकत्र करते हुए निवेश नीति के अनुरूप निवेश किया जायेगा।
सेबी एल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फंड्स रेग्यूलेशंस, 2012 के प्रावधान के अनुसार राज्य शासन द्वारा 5 करोड़ रुपये का प्रारंभिक निवेश फंड में किया जायेगा। आवश्यक होने पर अतिरिक्त धनराशि भी निवेशित की जायेगी।
अन्य निर्णय
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मंत्री-परिषद् ने मध्यप्रदेश वित्त निगम द्वारा चुकाई गई/ दी जाने वाली गारंटी फीस के भुगतान के बराबर अतिरिक्त राशि अंश पूँजी के रूप में निगम को देने का निर्णय लिया। निगम द्वारा लघु एवं मध्यम इकाइयों के उद्यमियों को ऋण दिया जाता है। इस निर्णय से पिछड़े क्षेत्र के उद्यमियों को निगम द्वारा कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जा सकेगा।
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मंत्री-परिषद् ने विद्युत वितरण कम्पनियों को फीडर विभक्तिकरण योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्रामीण विद्युतीकरण निगम से ऋण प्राप्त करने दी गई रूपये 1868.81 करोड़ की प्रत्याभूति की अवधि को 31 दिसम्बर 2015 तक अथवा सासन परियोजना के लिए एस्क्रो कवर के करार में संशोधन होने तक, दोनों में से जो पहले हो, बढ़ाने का निर्णय लिया।
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मंत्री-परिषद् ने निजी पूँजी निवेश पर आधारित ताप विद्युत संयंत्रों की स्थापना के लिए शासकीय भूमि उपलब्ध होने पर उसके प्रबंधन के लिए 4 अक्टूबर 2011 की अधिसूचना को 30 मई 2013 से निरस्त करने का निर्णय लिया।
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मंत्री-परिषद् ने विद्युत वितरण कम्पनियों को आर-एपीडीआरपी पार्ट-बी योजना के लिए ग्रामीण विद्युतीकरण निगम से ऋण प्राप्त करने के उद्देश्य से दी गई 1388.23 करोड़ रुपये की प्रत्याभूति अवधि को 31 दिसम्बर 2015 तक बढ़ाने का निर्णय लिया।
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मंत्री-परिषद् ने मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड की श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना प्रथम चरण (2X600 मेगावाट) की लागत 6750 करोड़ से 7820 करोड़ रुपये तथा सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की विस्तार इकाई क्रमांक 10 और 11 (2X250 मेगावाट) की लागत 3032 करोड़ से 3514 करोड़ रूपये पुनरीक्षित करने का निर्णय लिया।
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मंत्री-परिषद् ने सहकारी बेंकों के माध्यम से प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को रबी 2012-13, खरीफ 2013 तथा रबी 2013-14 सीजन में दिये गये अल्पावधि ऋण को 3 वर्षीय मध्यावधि ऋण में परिवर्तित की गई राशि के लिए 416.27 करोड़ रूपये की राशि नाबार्ड से पुनर्भुगतान प्राप्त करने के लिए नाबार्ड के पक्ष में मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बेंक मर्यादित भोपाल को 3 वर्ष के लिए शासकीय प्रत्याभूति देने का निर्णय लिया। साथ ही, इस पर प्रत्याभूति शुल्क से छूट दी जायेगी। खरीफ 2013 सीजन में 10 जिले के जिला सहकारी केन्द्रीय बेंकों से सम्बद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के स्तर पर अल्पावधि ऋण को मध्यावधि ऋण में परिवर्तित की गई आधिक्य राशि 71.19 करोड़ के लिए भी ब्याज अनुदान एवं राज्य शासन के हिस्से की 15 प्रतिशत राशि स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया।
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मंत्री-परिषद् ने नगरपालिक निगम सागर की योजना क्रमांक 17321 में रीसेटिंग के लिए शासकीय प्रत्याभूति की समय-सीमा 31 मार्च 2016 और 31 सितम्बर 2019 तक बढ़ाने का निर्णय लिया। साथ ही, ब्याज दर 12.50 प्रतिशत के स्थान पर फ्लोटिंग दर 10.75 प्रतिशत किये जाने पर सहमति दी।
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मंत्री-परिषद् ने यूनियन कार्बाइड जहरीली गैस रिसाव जाँच आयोग,भोपाल के कार्यकाल को 24 फरवरी 2015 तक बढ़ाने के मुख्यमंत्री के आदेश का अनुसमर्थन किया।
दिनेश मालवीय