No: --- Dated: Mar, 23 2016

 

The Union Cabinet, chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi, has given its approval for India to accede to the Ashgabat Agreement, an international transport and transit corridor facilitating transportation of goods between Central Asia and the Persian Gulf. 

The Ashgabat Agreement has Oman, Iran, Turkmenistan and Uzbekistan as founding members. Kazakhstan has also joined this arrangement subsequently. Accession to the Agreement would enable India to utilise this existing transport and transit corridor to facilitate trade and commercial interaction with the Eurasian region. Further, this would synchronise with our efforts to implement the International North South Transport Corridor (INSTC) for enhanced connectivity. 

India’s intention to accede to the Ashgabat Agreement would now be conveyed to the Depository State (Turkmenistan). India would become party to the Agreement upon consent of the founding members

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज भारत के अश्‍गाबाट समझौते में सम्मिलित होने को मंजूरी दे दी। अश्‍गाबाट समझौता मध्‍य एशिया एवं फारस की खाड़ी के बीच वस्‍तुओं की आवाजाही को सुगम बनाने वाला एक अंतरराष्‍ट्रीय परिवहन एवं पारगमन गलियारा है। 

अश्‍गाबाट समझौते के संस्‍थापक सदस्‍यों में यमन, ईरान, तुर्कमिनिस्‍तान एवं उजबेकिस्‍तान शामिल हैं। इसके बाद इस समझौते से कजाकिस्‍तान भी जुड़ गया है। इस समझौते में सम्मिलित होने से भारत को यू‍रेशिया क्षेत्र के साथ व्‍यापार एवं व्‍यावसायिक मेल-जोल को बढ़ाने में इस मौजूदा परिवहन एवं पारगमन गलियारा का उपयोग करने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्‍त, यह संपर्क बढ़ाने के लिए अंतरराष्‍ट्रीय उत्‍तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) को क्रियान्वित करने के हमारे प्रयासों को समन्वित करेगा। 

अश्‍गाबाट समझौते में भारत के सम्मिलित होने की इच्‍छा को अब डिपोजिटरी देश (तुर्कमेनिस्‍तान) को संप्रेषित कर दिया जाएगा। इसके संस्‍थापक सदस्‍यों के सहमति के बाद भारत इस समझौते का एक पक्ष बन जाएगा। 

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