No: ---- Dated: Feb, 10 2015

Increasing the Authorised Share Capital of the National Minorities Development and Finance Corporation and restructuring of its Business Model 


 

The Union Cabinet chaired by the Prime Minister, Shri Narendra Modi, today gave its approval for increasing the Authorised Share Capital of the National Minorities Development and Finance Corporation (NMDFC), a Central Sector Public Enterprise (CPSE) under Government of India in the Ministry of Minority Affairs from Rs. 1500 crore to Rs. 3000 crore. 

Approval was also given to revise the shareholding pattern from 65:26:9 to 73:26:1 among the Centre, States/Union Territories and Individuals/Institutions respectively. Further, approval was also given for restructuring of the NMFDC’s business model. 

The decision will enlarge the quantum of funds available for economic activities, better coverage and enhanced outreach. Enhancement of share capital would expand its ambit of coverage and increase disbursement of funds to larger sections of the economically deprived minority population. The target of NMDFC for the year 2014-15 is to cover 97000 beneficiaries. 

NMDFC implements its schemes through 37 State Channelizing Agencies in 29 States/UTs, NMDFC will tie up with the Nodal Bank wherever required to enhance its outreach. 

Background 

NMDFC was constituted on 30th September 1994 as a non-profit making company under Section 25 of the Companies Act, 1956. The NMDFC provides loans at concessional interest rates for self-employment and economic development activities to backward sections of minority communities namely, Muslims, Christians, Sikhs, Buddhists and Parsis having family income upto Rs. 1,03,000/- in urban areas and Rs. 81,000/- in rural areas. "Jains" have also been notified as a minority community recently in 2014, and become eligible to be covered under the schemes of NMDFC. Central Government has exhausted its contribution of (65 percent) by paying share of Rs.975 crore. Hence it is essential that the Authorized Share Capital of the Corporation is enhanced so that the earmarked Central contribution could be released to NMDFC for implementing its schemes for the development of minorities at the lowest rungs of poverty pyramid. 

 

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम की अधिकृत शेयर पूंजी को बढ़ाने के प्रस्‍ताव को कैबिनेट की मंजूरी 


 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने आज अल्‍पसंख्‍यक मामलों के मंत्रालय में केन्‍द्रीय सार्वजनिक उपक्रम (सीपीएसई) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम की अधिकृत शेयर पूंजी को मौजूदा 1500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3000 करोड़ रुपये करने के प्रस्‍ताव को अपनी मंजूरी दे दी। 

इसके अलावा केन्‍द्र, राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों और व्‍यक्तियों/संस्‍थानों के बीच इसके शेयरधारिता पैटर्न को मौजूदा 65:26:9 से संशोधित कर अब 73:26:1 करने के प्रस्‍ताव को भी स्‍वीकृति दे दी गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमएफडीसी) के कारोबारी मॉडल का पुनर्गठन करने के प्रस्‍ताव को भी मंजूरी दे दी गई है। 

इस निर्णय से आर्थिक गतिविधियों, बेहतर कवरेज और ज्‍यादा पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उपलब्‍ध राशि अब बढ़ जायेगी। शेयर पूंजी में बढ़ोतरी कर दिये जाने से इसका कवरेज दायरा बढ़ जायेगा और आर्थिक दृष्टि से वंचित अल्पसंख्यक आबादी के बड़े तबके को धन का वितरण भी बढ़ जायेगा। वर्ष 2014-15 के लिए एनएमडीएफसी का लक्ष्‍य 97000 लाभार्थियों को कवर करना है। 

एनएमडीएफसी 29 राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में 37 राज्‍य मार्गदर्शक (चैनलाइजिंग) एजेंसियों के जरिए अपनी योजनायें क्रियान्वित करता है। एनएमडीएफसी अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए जरूरत पड़ने पर प्रमुख (नोडल) बैंक के साथ गठबंधन करेगा।

पृष्‍ठभूमिका 

कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के तहत 30 सितम्‍बर 1994 को एनएमडीएफसी का लाभ न कमाने वाली कंपनी के रूप में स्‍थापित किया गया था। एनएमडीएफसी अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के पिछड़े वर्गों के स्‍वरोजगार और आर्थिक विकास गतिविधियों के लिए रियायती ब्‍याज दरों पर ऋण देता है। इनमें शहरों और गांव के ऐसे मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदायों के लोग शामिल हैं, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय क्रमश: 1,03,000 रूपये और 81,000 रूपये है। जैन वर्ग को भी 2014 में अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के रूप में अधिसूचित किया गया है। अब यह समुदाय भी एनएमडीएफसी योजनाओं का लाभ लेने का योग्‍य हो गया है। केंद्र सरकार ने 975 करोड़ रूपये (65 प्रतिशत) का अपना योगदान पूरा कर लिया है। अब यह जरूरी है कि निगम का प्राधिकृत पूंजी हिस्‍सा बढ़ाया जाये ताकि निर्धनतम अल्‍पसंख्‍यकों की विकास योजनाओं के कार्यान्‍वयन के लिए एनएमडीएफसी को केंद्रीय योगदान-निधि जारी की जा सके। 

Recent Cabinet Decisions