Free pathology tests from February, Increase in doctors’ service allowance, Skill Development Offices at Balaghat and Ujjain
No: 0 Dated: Jan, 22 2013
Free pathology tests from February (CABINET DECISIONS)
Increase in doctors’ service allowance, Skill Development Offices at Balaghat and Ujjain
Bhopal : Tuesday, January 22, 2013, 18:59 IST
Free pathology test facility will be introduced in government hospitals and health centres from next month with a view to making available more health facilities to people of the state. This decision was taken at a meeting of the state cabinet chaired by Chief Minister Shri Shivraj Singh Chouhan here today. The cabinet also sanctioned special medical allowance for doctors in the state.
According to the decision, people in the state will start getting free facility of various pathology tests in the government hospitals and health centres. Pathology tests of 48 types will be conducted in district hospitals. Similarly, 13 types of tests will be conducted in primary health centres, 5 in sub-health centres, 26 in community health centres and 32 types of pathology tests will be conducted in civil hospitals.
As per their payscales, Rs. 2000 to Rs. 5000 per month medical service allowance will be given to all doctors and specialists of the Health & Family Welfare Department with retrospective effect from August 26, 2008. In compliance with order dated May 23, 2009, recovery of excess salary payment will not be made from retirement benefits of the doctors having retired or died during service period. About 4000 doctors will get benefit of this decision. For motivating doctors, amount of medical service allowance will be given to them as per their payscales and grade pay. Rs. 2000 per month will be given to doctors with payscale 15,600 to 39,100 (grade pay 5,400), Rs. 3 thousand per month on grade pay 6,600 and Rs. 4000 on grade pay 7,600. Doctors with payscale 37400 to 67000 (grade pay 8700, 8900 and 10,000) will be eligible for Rs. 5000 per month medical service allowance.
Two new regional offices of Skill Development will be started at Ujjain and Balaghat. Nine posts have been created for each regional office. There will be 25 Government ITIs, 19 private ITIs and 12 Skill Development Centres under the jurisdiction of Balaghat regional office and 16 government ITIs, 8 private ITIs and 11 Skill Development Centres under Ujjain regional office. This decentralisation arrangement has been made with a view to ensuring effective implementation of skill development programmes.
The cabinet relaxed Sewa Bharti Padonnati Niyam 2000 to fill up 76 direct recruitment vacant posts of deputy superintendent of police by promotion from Madhya Pradesh Police Executive (Gazetted).
The cabinet decided to reduce minimum service period from 5 years to 2 years for minimum qualification as executive engineer for promotion to superintending engineer (electrical engineering) in the Water Resources Department. Total service period of executive engineer must be 26 years in such cases.
Holding sub-divisional officer (police) Shri N.L. Chauhan responsible for negligence, the cabinet decided to withdraw 10 percent of his pension for three years. Similarly, the cabinet decided to reduce pension to minimum for three years of retired sub-registrar Shri Gondilal Dhurve on his being found guilty of irregularities in works under Sardar Sarovar Project.
Ashok/Durgesh/ Bindu Sunil
पैथालाजी निःशुल्क जाँच फरवरी माह से
चिकित्सकों के सेवा भत्ते में वृद्धि बालाघाट और उज्जैन में कौशल विकास क्षेत्रीय कार्यालय शुरू होंगे
Bhopal : Tuesday, January 22, 2013, 16:18 IST
प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में नागरिकों को अधिक सुविधा के उद्देश्य से आगामी माह से शासकीय अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क पैथालॉजी जाँच की सुविधा प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में आज संपन्न राज्य मंत्रि-परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मंत्रि-परिषद ने आज प्रदेश के चिकित्सकों को विशेष चिकित्सा भत्ता स्वीकृत किया गया है।
आज लिए गए निर्णय के अनुसार आगामी माह से लोगों को विभिन्न श्रेणी के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में विभिन्न जाँच की निःशुल्क सुविधा मिलने लगेगी। मंत्रि-परिषद द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार जिला अस्पतालों में 48 प्रकार की पैथालॉजी जाँच होगी। इसी तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 13 प्रकार की, उप स्वास्थ्य केंद्र के लिए 5 प्रकार की, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 26 तरह की और सिविल अस्पतालों में 32 प्रकार की पैथालॉजी जाँच की व्यवस्था की जाएगी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सभी चिकित्सकों और विशेषज्ञों को उनके वेतनमान के अनुसार क्रमशः 2000 से 5,000 रुपए प्रतिमाह चिकित्सा सेवा भत्ते के रूप में दिए जायेंगे। चिकित्सकों को यह भत्ता 26 अगस्त 2008 से देने का निर्णय लिया गया है। इस तिथि के पश्चात सेवानिवृत्त एवं ऐसे चिकित्सकों जिनका सेवा में रहते हुए निधन हो गया है उन्हें 23 मई 2009 के आदेश के पालन में हुए अधिक वेतन की वसूली उनको देय सेवानिवृत्ति स्वत्वों से नहीं की जायेगी। इसका लाभ लगभग 4,000 चिकित्सक को प्राप्त होगा। चिकित्सकों को प्रेरित करने के लिए चिकित्सा सेवा भत्ते के रूप में वेतनमान और ग्रेड पे के अनुसार राशि दी जाएगी। वेतनमान 15,600 से 39,100 (ग्रेड-पे 5,400) के चिकित्सकों को 2,000 रुपए मासिक, इसी वेतनमान में ग्रेड -पे 6,600 के चिकित्सकों के लिए 3,000 रुपए मासिक और इसी वेतनमान में ग्रेड पे 7600 के लिए 4000 रुपए मासिक प्रदान किए जायेंगे। चिकित्सकों को वेतनमान 37400 से 67000 ( ग्रेड पे 8700, 8900 और 10,000) के लिए 5000 रुपए मासिक चिकित्सा सेवा भत्ते की पात्रता होगी।
प्रदेश में कौशल विकास के दो नये क्षेत्रीय कार्यालय उज्जैन और बालाघाट में प्रारंभ किये जायेंगे। प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय के लिए 9 पद सृजित किये गये हैं। उज्जैन क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत 25 शासकीय आईटीआई, 19निजी आईटीआई और 12 कौशल विकास केन्द्र संचालित होंगे। इसी तरह बालाघाट क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत 16 शासकीय आईटीआई, 8 निजी आईटीआई और 11 कौशल विकास केन्द्र कार्य करेंगे। कौशल विकास कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन की दृष्टि से इस विकेन्द्रीकृत प्रशासनिक व्यवस्था को लागू किया गया है।
राज्य मंत्रि-परिषद ने उप पुलिस अधीक्षक के सीधी भरती के रिक्त 76 पद को पदोन्नति से भरने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस कार्यपालिक (राजपत्रित) द्वारा सेवा भरती पदोन्नति नियम 2000 को शिथिल किया है।
मंत्रि-परिषद ने जल-संसाधन विभाग में पदस्थ कार्यपालन यंत्री (विद्युत यांत्रिकी ) से अधीक्षण यंत्री (विद्युत यांत्रिकी) के पद पर पदोन्नति के लिए कार्यपालन यंत्री पद पर कार्य की न्यूनतम अर्हता सेवा अवधि 5 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष करने का निर्णय लिया। ऐसे प्रकरणों में कार्यपालन यंत्री की कुल सेवा अवधि 26 वर्ष होना आवश्यक है।
मंत्रि-परिषद ने अनुविभागीय अधिकारी पुलिस श्री एन.एल. चौहान को कर्त्तव्य में लापरवाही का दोषी मानते हुए सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें मिल रही पेंशन में से 10 प्रतिशत राशि तीन वर्ष तक वापस लिए जाने का निर्णय लिया। इसी तरह सेवानिवृत्त उप पंजीयक श्री गोन्दीलाल धुर्वे द्वारा सरदार सरोवर परियोजना के अंतर्गत कार्य में अनियमितता के आरोप सिद्ध होने पर उन्हें देय पेंशन तीन वर्ष के लिए न्यूनतम किए जाने का निर्णय लिया गया।
अशोक/दुर्गेश