The Cabinet Committee on Economic Affairs, chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi, has given its approval for development of the four laning of the Ramban-Banihal section of National Highway – 1A (now NH-44) in Jammu & Kashmir. This work will be under the National Highways Development Project (NHDP) Phase-II. The approval is in Engineering, Procurement and Construction (EPC) mode.
The cost is estimated to be Rs. 1623.98 crore including the cost of land acquisition, resettlement and rehabilitation and other pre-construction activities. The total length of the road will be approximately 32.10 kms.
The main objective of the project is to expedite the implementation of six sub-projects in the State of Jammu & Kashmir under NHDP Phase-II. Implementation of these projects would provide all-weather-connectivity from Jammu to the Kashmir valley. It will also reduce journey time from Jammu to Srinagar and strategic border areas in the State of J&K. Moreover, implementation of the project would result in development of basic infrastructure in the region which would ultimately lead to overall economic development of the regions of the State. The project is covered in the region of Ramban and Banihal in Jammu & Kashmir.
जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्ग-1ए (अब एनएच44) के रामबन-बनिहाल खंड को चार लेन बनाना
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प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्ग-1ए (अब एनएच44) के रामबन-बनिहाल खंड को चार लेन बनाने के लिए मंजूरी दे दी है। यह कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) के द्वितीय चरण के तहत किया जाएगा। यह मंजूरी इंजीनियरिंग, अधिप्राप्ति और निर्माण (ईपीसी) के रूप में है।
भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और निर्माण पूर्व की अन्य गतिविधियों की लागत सहित इस परियोजना की अनुमानित लागत 1623.98 करोड़ रुपये है। लगभग 32.10 किमी. लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य एनएचडीपी के द्वितीय चरण के तहत जम्मू-और कश्मीर राज्य में छह उप परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाना है। इस परियोजना के लागू होने से हर मौसम में जम्मू से कश्मीर घाटी का संपर्क बना रहेगा। इससे रणनीतिक सीमा क्षेत्रों और जम्मू से श्रीनगर की यात्रा में कम समय लगेगा। इसके अलावा इस परियोजना के लागू होने से क्षेत्र में आधारभूत ढांचे का विकास होगा और कुल मिलाकर राज्य के इस क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि होगी। इस परियोजना में जम्मू-कश्मीर में रामबन और बनिहाल क्षेत्र कवर किया जाएगा।
साभार - पत्र सुचना कार्यालय, भारत सरकार
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