मंत्रिमंडल ने फार्मा केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम के अंतिम क्लोजर/रणनीतिक विनिवेश होने तक 103 औषधियों की मौजूदा सूची में अल्कोहलिक हैंड डिसइन्फैक्टेन्ट (एएचडी) नामक एक अतिरिक्त उत्पाद जोड़ते हुए समान नियमों एवं शर्तों के साथ मौजूदा औषधि क्रय नीति (पीपीपी) के विस्तार/ नवीकरण को मंजूरी दी
No: --- Dated: Nov, 20 2019
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज फार्मास्यूटीकल केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम (सीपीएसयू) के लिए उनके अंतिम क्लोजर/रणनीतिक विनिवेश होने तक विस्तार/ नवीकरण को अपनी मंजूरी दे दी है।
प्रमुख प्रभाव :
नीति के विस्तार/ नवीकरण से फार्मा केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को अपनी मौजूदा सुविधाओं के मनमुताबिक इस्तेमाल में मदद मिलेगी, वे अपने कर्मचारियों के लिए वेतन के भुगतान के लिए धन जुटाने में समर्थ होंगे, क्लोजर के तहत अधिक लागत वाली अत्याधुनिक मशीनरी के संचालन के परिणामस्वरूप केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के मामले में निपटारे के समय अधिक लाभ प्राप्त करना और विनिवेश के तहत केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के मामले में बेहतर मूल्यांकन संभव होगा।
पृष्ठभूमि :
फार्मा केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों एवं उनकी सहायक इकाइयों द्वारा तैयार 103 औषधियों के संदर्भ में 5 वर्षों की अवधि के लिए 30.10.2013 को मंत्रिमंडल द्वारा औषधि क्रय नीति (पीपीपी) को मंजूर किया गया था। केंद्र/राज्य सरकार के विभागों और उनके सार्वजनिक उपक्रमों आदि द्वारा क्रय के लिए यह नीति लागू है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) द्वारा उत्पादों का मूल्य निर्धारण किया जाता है। क्रय करने वाला उपक्रम फार्मा केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों और उनकी सहायक इकाइयों से खरीद कर सकते हैं, बशर्तें औषधियों और कॉस्मेटिक नियमावली की अनुसूची ‘एम’ के अनुसार बेहतर निर्माण परंपराओं के मानदंडों को पूरा करें। इस नीति की अवधि 09.12.2018 को समाप्त हो गई थी।
इस बीच मंत्रिमंडल ने सरकारी एजेंसियों के लिए उनकी अतिरिक्त भूमि के विक्रय की प्रक्रिया द्वारा देनदारियों को पूरा करने के बाद, 28.12.2016 को इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्यूटीकल लिमिटेड (आईडीपीएल) एवं राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्यूटीकल लिमिटेड (आरडीपीएल) को बंद करने तथा हिन्दुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) एवं बंगाल केमिकल्स एंड फार्मास्यूटीकल लिमिटेड (बीसीपीएल) को रणनीतिक तौर पर बेचने का निर्णय किया। इसके बाद, मंत्रिमंडल ने 14.06.2018 के सार्वजनिक उद्यम विभाग के संशोधित मार्ग निर्देशों के अनुसार अतिरिक्त भूमि को बेचने की अनुमति देते हुए 17.07.2019 को अपने निर्णय में सुधार किया। इसके अलावा, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 01.11.2017 को कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्यूटीकल लिमिटेड (केपीएल) नामक पांचवें फार्मा केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम में भारत सरकार की शत-प्रतिशत इक्विटी के निवेश का निर्णय किया था।
फार्मा केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के अंतिम क्लोजर विक्रय तक नीति के विस्तार का प्रस्ताव किया गया है।
The Union Cabinet chaired by Prime Minister Shri Narendra Modi today approved extension/renewal of Pharmaceuticals Purchase Policy (PPP) for pharmaceutical Central Public Sector Undertakings (CPSUs) till their closure/strategic disinvestment.
Major Impact
Extension/renewal of the policy would help the pharma CPSUs in optimum utilization of their existing facilities, enable them to generate revenues to pay salaries to their employees, help them in keeping the costly, sophisticated machinery in running condition resulting in higher return at the time of disposal in case of CPSUs under closure and better valuation in case of CPSUs under disinvestment.
Background
Pharmaceuticals Purchase Policy (PPP) was approved by the Cabinet on 30.10.2013 for a period of five years in respect of 103 medicines manufactured by pharma CPSUs and their subsidiaries. The policy is applicable to purchases by Central/ State Government departments and their Public Sector Undertakings etc. The pricing of the products is done by the National Pharmaceutical Pricing Authority (NPPA). The procuring entity can purchase from Pharma CPSUs and their subsidiaries subject to their meeting Good Manufacturing Practices (GMP) norms as per Schedule ‘M’ of the Drugs & Cosmetic Rules. The term of the policy expired on 09.12.2018.
Meanwhile, Cabinet decided on 28.12.2016 to close Indian Drugs and Pharmaceutical Limited (IDPL) & Rajasthan Drugs and Pharmaceuticals Limited (RDPL) and strategically sell Hindustan Antibiotics Limited (HAL) & Bengal Chemicals and Pharmaceutical Limited (BCPL), after meeting their liabilities from proceeds of the sale of their surplus land to government agencies. Subsequently, Cabinet has modified its decision on 17.07.2019 permitting to sell surplus land as per revised Department of Public Enterprises guidelines dated 14.06.2018. Separately, Cabinet Committee on Economic Affairs (CCEA) decided on 01.11.2017 for disinvestment of 100% GOI equity in the fifth pharma CPSU, namely Karnataka Antibiotics & Pharmaceuticals Limited (KAPL).
It has been proposed to extend the policy till final closure/sale of pharma CPSUs.
Courtesy – Press Information Bureau, Government of India