No: --- Dated: Feb, 07 2019

 

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश में युवा स्वाभिमान योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय प्रदेश के युवाओं को आने वाले समय में आत्मनिर्भर बनाने और व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण देने के उददेश्य से लिया गया।

योजना में शहरी युवाओं को वर्ष में 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है। योजना का लाभ 21 से 30 वर्ष आयु समूह के ऐसे शहरी युवा ले सकेंगे जिनकी आय अधिकतम 2 लाख रूपये वार्षिक हो बेरोजगार है। युवाओं को प्रतिमाह 4 हजार रूपये स्टाइपेंड प्रदान किया जायेगा। योजना की नोडल एजेंसी नगरीय निकाय होंगे। इस योजना के लिए पंजीयन की प्रक्रिया नगरीय निकायों में 10 फरवरी से शुरू होगी। प्रदेश के 6 लाख 50 हजार युवा को योजना में प्रशिक्षण दिया जाएगा। योजना क्रियान्वयन पर 750 करोड़ रूपये का वित्तीय भार आएगा।

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में भारत सरकार की इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन, इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजनाओं में पात्रतानुसार 300-500 रूपये राशि में वृद्धि कर 600 रूपये प्रतिमाह प्रति हितग्राही के मान से करने का अनुमोदन किया।

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश शासन की समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में वृद्धजन, दिव्यांगजन, परित्यक्ताओं, कल्याणियों, अविवाहित महिलाओं, कन्या अभिभावकों, वृद्धाश्रम में निवासरत सभी अत:वासियों के लिए पेंशन योजनाओं में पात्रतानुसार 300-500 रूपये में वृद्धि कर 600 रूपये प्रतिमाह प्रति हितग्राही के मान से करने का अनुमोदन किया। इससे प्रदेश के 40 लाख 37 हजार 553 से अधिक वृद्ध, कल्याणी, परित्यक्ता, अविवाहिता और दिव्यांग हितग्राहियों को लाभ मिलेगा।

इसी प्रकार 6 वर्ष से अधिक आयु के मानसिक रूप से अविकसित बहुविकलांगों, प्रमस्तिष्क घात, स्वपराणयता से ग्रस्तों को पात्रतानुसार 600 रूपये प्रतिमाह प्रति हितग्राही के मान से करने का मंत्रि-परिषद ने अनुमोदन प्रदान किया।

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के लिए एक सशक्त आईटी कक्ष की स्थापना के लिए तकनीकी स्तर के चार पदों के सृजन की मंजूरी दी।

मंत्रि-परिषद ने पर्यटन नीति 2016 के क्रियान्वयन के लिए वाणिज्यिक कर विभाग से संबंधित प्रावधानों में संशोधन करने का निर्णय लिया । प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटन क्षेत्र में निवेश के लिए अधिक से अधिक संख्या में निजी निवेशकों को पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। प्रदेश में देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने तथा उन्हें उत्कृष्ट सेवाएँ देने के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जायेंगी। इस उददेश्य से बार लायसेंस की शर्तों का युक्तियुक्तकरण किया गया है। इससे पर्यटन में सुविधाओं के साथ राजस्व में वृद्धि होगी।

इंदिरा गृह ज्योति योजना

वचन-पत्र के अनुसार प्रदेश में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के लिये इंदिरा गृह ज्योति योजना प्रारंभ होगी। वर्तमान में लागू सरल बिजली स्कीम को इसमें समाहित किया जायेगा। योजना में उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक की खपत पर अधिकतम 100 रुपये का बिल दिया जायेगा। अंतर की राशि राज्य शासन द्वारा वितरण कम्पनियों को सबसिडी के रूप में दी जायेगी। हितग्राही उपभोक्ताओं द्वारा किसी माह में 100 यूनिट से अधिक बिजली खपत पर, मात्र अधिक यूनिटों के लिये टेरिफ में निर्धारित दर के अनुसार बिल दिये जायेंगे। अनुसूचित-जाति और अनुसूचित-जनजाति के गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रहे घरेलू सरल उपभोक्ताओं को इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ मिलेगा तथा वर्तमान में प्राप्त होने वाली ऊर्जा और ईंधन प्रभार की छूट भी जारी रहेगी। यह योजना मार्च की बिलिंग साइकल से लागू होगी।

इंदिरा किसान ज्योति योजना

वचन-पत्र अनुसार प्रदेश के 10 हॉर्स-पॉवर तक के कृषि उपभोक्ताओं के विद्युत बिल की राशि को आधा करने के संबंध में इंदिरा किसान ज्योति योजना लागू की जायेगी। योजना अप्रैल-2019 से लागू होगी। योजना में प्रदेश के 10 हॉर्स-पॉवर से अधिक के फ्लेट रेट स्थायी कृषि पम्प कनेक्शनों को वर्तमान में लिये जा रहे 1400 रुपये प्रति हॉर्स-पॉवर प्रतिवर्ष की दर से एवं 10 हॉर्स-पॉवर तक के स्थायी कृषि पम्प कनेक्शनों को 700 रुपये प्रति हॉर्स-पॉवर प्रतिवर्ष की दर से विद्युत प्रदाय की जायेगी। अंतर की राशि राज्य शासन द्वारा वितरण कम्पनी को सबसिडी के रूप में दी जायेगी। योजना में 10 हॉर्स-पॉवर तक के मीटरयुक्त स्थायी और अस्थायी कृषि पम्प उपभोक्ताओं द्वारा वर्तमान में देय ऊर्जा प्रभार की दर में 50 प्रतिशत की रियायत देते हुए निर्धारित दर से अंतर की राशि का भुगतान राज्य शासन द्वारा वितरण कम्पनी को अतिरिक्त सबसिडी के रूप में किया जायेगा।

मंत्रि-परिषद की बैठक में तीनों वितरण कम्पनी द्वारा फायनेंस कॉर्पोरेशन से प्राप्त 2900 करोड़ रुपये के मध्यम/लघु अवधि ऋण (पूर्व एवं मध्य क्षेत्र के लिये 1200-1200 करोड़ और पश्चिमी क्षेत्र के लिये 500 करोड़ रुपये का ऋण) के लिये राज्य शासन की गारंटी देने का निर्णय लिया गया है। इस गारंटी के लिये तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा राज्य शासन को 0.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से गारंटी शुल्क का भुगतान किया जायेगा।

 

In a meeting held at the Mantralaya today under the chairmanship Chief Minister Shri Kamal Nath, the Cabinet has decided to introduce the Yuva Swabhiman Yojana in the state. This decision was taken with the purpose of making the youth of the state self-reliant in the time to come and to give them professional skill training.

Under the scheme, urban youth have been given 100 days employment guarantee in a year. The benefit of the scheme can be taken by such urban youth in the 21-30 age group whose income is maximum Rs. 2 lakh annually. Rs 4 thousand per month stipend will be provided to the youth. The process of registration for this scheme will begin from February 10 in urban bodies. Six lakh 50 thousand youth of the state will be trained under the scheme. A financial burden of Rs 750 crore will be incurred in the implementation of the scheme.

The Cabinet approved a hike of Rs 600 from Rs 300-500 as per eligible beneficiary under Government of India schemes including Indira Gandhi National Old Age Pension, Indira Gandhi National Disability Pension, Indira Gandhi National Widow Pension Scheme etc.

The Cabinet has hiked the pension of beneficiaries including elderly citizens, disabled, destitute, widows, unmarried women, Kanya guardians, all inmates of old age homes under state government’s Integrated Social Security Pension Scheme from Rs.300-500 to Rs 600 per month per beneficiary according to their eligibility. About 40 lakh 37 thousand 553 elderly citizens, unmarried women, destitute and disabled beneficiaries of the state will avail the benefits.

Similarly, the Cabinet approved Rs 600 per month per beneficiary as per eligibility for mentally retarded, people with multiple disabilities, cerebral palsy patients, autism cases of more than 6 years of age.

The Cabinet approved the creation of four posts of technical level for the establishment of a strong IT cell for Madhya Pradesh Public Service Commission.

The Cabinet decided to amend the provisions related to the Commercial Tax Department for the implementation of the Tourism Policy 2016. For promoting tourism in the state and investing in the tourism sector, a maximum number of private investors are being encouraged to set up tourism projects. World-class facilities will be provided to attract foreign tourists in the state and provide them with excellent services. With this purpose conditions in the bar, licenses have been rationalized. This will increase the revenue in tourism with facilities.

Indira Grah Jyoti Yojana

According to the manifesto, Indira Grah Jyoti Yojana will be started in the state for domestic power consumers. The current Saral Bijlee Scheme will be integrated in it. Under the scheme, bill of maximum Rs. 100 will be given to consumers against the consumption of up to 100 units. Difference amount will be given by the state government in the form of subsidy to the Power Distribution Companies. Beneficiaries will be given bills according to the fixed rate in tariff for just excess units on consumption of more than 100 units. The benefit of Indira Grah Jyoti Yojana will be given to the domestic power consumers of below poverty line belonging to scheduled case and scheduled tribe and exemption from the current energy and fuel cess will continue. This scheme will come into force from the billing cycle of March.

Indira Kisan Jyoti Yojana

According to the manifesto, Indira Kisan Jyoti Yojana will be implemented in the state in connection to reduce the electricity bills to half for agriculture consumers of up to 10 h.p. The scheme will be implemented from April 2019. Under the scheme, electricity will be supplied for more than 10 h.p. permanent agriculture pump connections on the flat rate being charged currently at the rate of Rs. 1400 per h.p. per annum and Rs. 700 per H.P. per annum for permanent agriculture pump connections up to 10 H.P. Difference amount will be paid by the state government in the form of subsidy to the Power distribution companies. Under the scheme, while giving a rebate of 50 per cent in the rate of energy cess payable at present for meter based permanent and temporary agriculture pump consumers of up to 10 H.P., the difference amount will be paid by the state government in the form of additional subsidy to the power distribution companies.

In the cabinet meeting, a decision has been taken to give state government’s guarantee towards medium/small term loan of Rs. 2900 crore ( Rs. 1200 crore each of Poorva and Madhya Kshetra and Rs. 500 crore of Pashchim Kshetra Loan)obtained by all the three companies from the Finance Corporation. For this guarantee, all the three companies will pay guarantee charge at the rate of 0.5 per cent per annum to the state government.

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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