No: ----- Dated: Dec, 10 2014

Creation of five posts of Additional Solicitors General of India in the High Courts of Punjab & Haryana, Patna, Jharkhand, Karnataka and Gujarat 
 

The Union Cabinet chaired by the Prime Minister, Shri Narendra Modi, today gave its approval for creation of five posts of Additional Solicitors General, one each for the High Courts of Punjab & Haryana, Patna, Jharkhand, Karnataka and its Circuit Benches at Hubli-Dharwad & Gulbarga and Gujarat. 

This decision will strengthen the litigation machinery to represent the Union of India (UOI) as a whole and specifically in the Punjab & Haryana High Court, Patna High Court, Jharkhand High Court at Ranchi, Karnataka High Court at Bangalore including its Circuit Benches and Gujarat High Court. This will also help in conduct of litigation on behalf of UOI efficiently and effectively. 

The creation of these posts will also facilitate transaction of business in accordance with procedures and thus enable assigning of functions to legally trained persons. It will result in greater accountability of Government Departments to curb frivolous litigation and lessen the burden of Government cases in these Courts. 

The proposal will also boost the morale of Government Department in following the rule of law and defending government policies and preventing high revenue pilferages. 

 

पंजाब एवं हरियाणा, पटना, झारखंड, कर्नाटक और गुजरात के उच्च न्यायालयों में पांच अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल के पदों का सृजन 
 
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में पंजाब एवं हरियाणा, पटना, झारखंड, कर्नाटक एवं इसकी हुबली-धरवाड व गुलबर्ग पीठ और गुजरात में एक-एक अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल के पद का सृजन किए जाने को मंजूरी दे दी है। 

इस फैसले से भारतीय संघ से संबंधित मुकदमों के निबटारों में तेजी आएगी, खासतौर पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, पटना उच्च न्यायालय, रांची स्थित झारखंड उच्च न्यायालय, बेंगलुरू स्थित कर्नाटक उच्च न्यायालय व इसके सर्किट बेंच और गुजरात उच्च न्यायालय में। इस निर्णय से भारतीय संघ कुशलतापूर्वक और प्रभावशाली ढंग से अपने मुकदमों का संचालन कर सकेगा। 

इससे ना सिर्फ इन अदालतों में सरकार के खिलाफ चल रहे मुकदमों में कमी आएगी बल्कि छोटे-छोटे मुकदमों को खत्म करने को लेकर भी सरकारी विभागों की जवाबदेही तय हो सकेगी। इस प्रस्ताव से कानून के शासन और सरकारी नीतियों के बचाव को लेकर सरकारी विभागों का मनोबल बढ़ेगा। 

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