No: --- Dated: Feb, 13 2019

                     मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जनजाति के विकास से संबंधित वृहत कार्यक्रम (अम्ब्रेला प्रोग्राम) के उप-योजनाओं को मार्च 2020 तक जारी रखने की मंजूरी दी

अनुसूचित जनजाति के 10 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने अनुसूचित जनजाति के विकास से संबंधित वृहत कार्यक्रम (अम्ब्रेला प्रोग्राम) की उप-योजनाओं को 11,900 करोड़ रुपये के परिव्यय से 01 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2020 तक जारी रखने की मंजूरी दी।

मंजूर की गई योजनाओं में शामिल हैं:-

1

पूर्व मैट्रिक छात्रवृत्ति

2.

मैट्रिक के बाद की छात्रवृत्ति

3.

आश्रम विद्यालय

4.

लड़के और लड़कियों के छात्रावास

5.

व्यावसायिक शिक्षा

6.

निगरानी और मूल्यांकन

7.

जनजातीय त्यौहार, जनजातीय शोध, सूचना और व्यापक शिक्षा

8.

अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए कार्य कर रहे स्वयंसेवी संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान करना

9.

विशेषकर कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) का विकास

10.

लघु वन उत्पाद (एमएफपी) के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य

11.

जनजातीय उप-योजनाओं (टीएसएस) के लिए राज्यों को विशेष केन्द्रीय सहायता (एससीए)

 

प्रभावः

      उप-योजनाओं से अनुसूचित जनजातियों के कल्याण की योजनाओं तथा इस क्षेत्र में काम कर रहे संस्थानों को सहायता प्राप्त होगी। विशिष्ट हस्तक्षेप पर विशेष जोर दिया जाएगा।

लाभार्थीः

      इस योजना से अनुसूचित जनजाति की 10 करोड़ से अधिक की आबादी को लाभ मिलेगा।

पृष्ठभूमिः

      अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए वर्तमान में लागू योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाते हुए एक वृहत योजना के अंतर्गत लाया गया है। अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों की विकास संबंधी सेवाओं के लिए इन उप-योजनाओं को जारी रखने की आवश्यकता थी। इन योजनाओं का लक्ष्य निम्न हैः

  1. अन्य आबादी समूहों की तुलना में अनुसूचित जनजाति के बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धियों के अंतर को कम करना

  2. अनुसूचित जनजाति के बच्चों की शिक्षा के लिए वर्तमान प्रयासों की कमियों को दूर करना

iii.        जनजाति विकास के क्षेत्र में शोध अध्ययन

  1. स्वयंसेवी संगठनों (वीओ) के सहयोग से आजीविका, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि क्षेत्रों में सरकारी कल्याण योजनाओं की पहुंच को बेहतर बनाना और योजनाओं के सेवा प्रदान करने की प्रक्रिया को प्रभावी बनाना

  2. कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए संपूर्ण ब्यौरे के साथ योजना बनाना। इसके लिए निवास-स्थल दृष्टिकोण अपनाना

  3. संग्राहकों को संग्रह करने, प्राथमिक प्रसंस्करण करने, भंडारण करने, पैकेजिंग करने, परिवहन संबंधी प्रयासों के लिए लघु वन उत्पाद (एमएफपी) आधारित बेहतर आय प्रणाली तैयार करना।

vii.       जनजातीय क्षेत्रों में प्राथमिक सुविधाओं जैसे आवास, सड़क, पेयजल, स्वच्छता, कनेक्टिविटी आदि की व्यवस्था कर जीवन स्तर को बेहतर बनाना। 

 

The Cabinet Committee on Economic Affairs chaired by the Prime Minister, Shri Narendra Modi has given its approval for continuation of sub-schemes under “Umbrella programme for the development of Scheduled Tribes” from 1.4.2017 to 31.3.2020 with an outlay of Rs.11,900 crore. 

 

The approved schemes include:

 

1

Pre-Matric Scholarship

2

Post Matric Scholarship

3

Ashram Schools

4

Boys & Girls Hostels

5

Vocational Training

6

Monitoring and Evaluation

7

Tribal Festivals, Tribal Research, Information and Mass Education

8

Aid to Voluntary Organisation working for the welfare of Scheduled Tribes

9

Development of Particularly Vulnerable Tribal Groups (PVTGs)

10

Minimum Support Price for Minor Forest Produce

11

Special Central Assistance (SCA) to States for Tribal Sub-Schemes (TSS)

 

Impact:

          The sub-schemes will help to fill critical gaps in institutions and programmes for the welfare of Scheduled Tribes with focus on specific interventions.

 

Beneficiaries:

          More than 10 crore Scheduled Tribe population will be benefitted through this scheme.

Background:

 

The ongoing schemes have been rationalised by the Government and have been brought under Umbrella programme for the development of Scheduled Tribes as its sub-schemes.  These sub-schemes need continuation for delivering development related services to the intended ST beneficiaries.  The aims of these schemes are as under:


Courtesy – Press Information Bureau, Government of India​​

  1. To reduce the gap in the education achievement of ST children compared to the other population groups

  2. To fill in the critical gaps in existing efforts of access, retention and quality of education of ST children

  3. Research studies in the field of tribal development

  4. To promote effectiveness in the delivery of service and also enhance the reach of welfare schemes of Government in service deficient tribal areas in the sectors such as livelihood, health, education etc. through efforts of Voluntary Organisations (VOs)

  5. Planning the socio-economic development of the Particularly Vulnerable Tribal Groups (PVTGs) in a holistic manner by adopting the habitat development approach

  6. To establish a system to ensure fair monetary returns to Minor Forest Produce (MFP) gatherers for their efforts in the collection, primary processing, storage, packaging, transportation etc.

  7. vii. To enhance the quality of life by providing basic amenities in tribal areas/localities including housing, link road, last mile connectivity, drinking water, sanitation etc.

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