Continuation of production of Urea from Madras Fertilizers Ltd.-Manali, MCFL-Mangalore and SPIC-Tuticorin using Naphtha as feedstock till gas connectivity and availability to these urea manufacturing units
No: --- Dated: Jun, 10 2015
The Cabinet Committee on Economic Affairs, chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi, has approved the continuation of production of urea from Madras Fertilizers Ltd.-Manali, Mangalore Chemical and Fertilizers Limited-Mangalore and Southern Petrochemicals Industries Corporation -Tuticorin using Naphtha as feedstock till availability of gas through gas pipeline or by any other means.
However, the state government concerned that is Government of Tamil Nadu and Karnataka would be required not to charge VAT or entry tax on the Naptha/FO as decided in the earlier meeting of the CCEA in December 2014.
There are only two urea units at Kakinada in the entire Southern region other than these three units. If these three units would have been closed, then the entire requirement of the Southern region would have had to be sourced mainly through imports. Continuation of operation of these three units would substantially ease the problems of urea supply in Southern states during the ensuing Kharif.
These three naphtha based urea units with an annual capacity of 14.88 lakh metric tonne will cater to the demand in the Southern states of Karnataka, Tamil Nadu and Kerala (around 22.5 lakh MT per annum) throughout the year.
The production of urea by these units will ensure timely and adequate availability of urea to farmers of the Southern states and will result in import substitution of urea
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गैस पाईप लाईन अथवा अन्य उपायों के जरिए गैस की उपलब्धता की व्यवस्था होने तक नाप्था के इस्तेमाल से मद्रास फर्टिलाइजर्स लिमिटेड – मनाली, मैंगलोर केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड – मैंगलोर एंड सदर्न पेट्रो कैमिकल्स इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन – तूतीकोरिन से यूरिया के उत्पादन को जारी रखने की मंजूरी दी है। हालांकि राज्य सरकार को यह चिंता है कि दिसम्बर 2014 में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति की पूर्व बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार तमिलनाडु और कर्नाटक सरकार नाफ्था/एफओ पर वैट अथवा कोई अन्य प्रवेश शुल्क नहीं लेगी।
इन तीन इकाइयों के अलावा पूरे दक्षिणी क्षेत्र में काकीनाड़ा में केवल दो यूरिया इकाइयां हैं और यदि इन तीन इकाइयों को बंद कर दिया जाता है तो समूचे दक्षिणी क्षेत्र की पूरी यूरिया जरूरत को आयात के जरिए पूरा किया जाएगा। इन तीन इकाइयों के संचालन को जारी रखे जाने से दक्षिणी क्षेत्र में आगामी खरीफ सीजन में यूरिया की आपूर्ति में आने वाली समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी।
इन तीन नाफ्था आधारित यूरिया इकाइयों की वार्षिक क्षमता 14.88 लाख मीट्रिक टन है जो पूरे वर्ष कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल की मांग को पूरा करेगी। इन तीनों इकाइयों से यूरिया का उत्पादन दक्षिणी राज्यों के किसानों को यूरिया की पर्याप्त एवं समय से उपलब्धता सुनिश्चित करेगा और यूरिया के आयात पर निर्भरता नहीं रहेगी।