मंत्रिमंडल ने एनएचएआई को आधारभूत संरचना निवेश ट्रस्ट बनाने और राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के मुद्रीकरण के लिए अधिकृत किया
No: ---- Dated: Dec, 11 2019
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सेबी द्वारा जारी निवेश ट्रस्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार आधारभूत संरचना निवेश ट्रस्ट (आईएनवीआईटी) बनाने और राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के मुद्रीकरण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को अधिकृत करने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। इससे एनएचएआई कम से कम एक वर्ष के टोल संग्रह रिकार्ड वाले सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पूरे किए गए राजमार्गों का मुद्रीकरण कर सकेगा। एनएचएआई चिन्हित राजमार्ग पर टोल लगाने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
प्रभाव :
आईएनवीआईटी साधन के रूप में निवेशकों को अधिक लचीलता प्रदान करता है और यह निम्नलिखित अवसर प्रदान कर सकता है :
· विशेषज्ञ ओ तथा एम रियायत प्राप्तकर्ता बनाना
· भारतीय उच्च मार्ग बाजार के लिए पेटेंट पूंजी (20 -30 वर्षों के लिए) आकर्षित करना क्योंकि निवेशक निर्माण जोखिम को नापसंद करते हैं और दीर्घकालिक लाभ प्रदान करने वाली परिसंपत्तियों में निवेश करने में दिलचस्पी रखते हैं।
· खुदरा घरेलू बचत तथा विशेष संस्थानों (म्युचुअल फंड, पीएफआरडीए आदि) के धन कोष को आईएनवीआईटी के माध्यम से आधारभूत संरचना क्षेत्र में निवेश किया जाएगा।
पृष्ठभूमि :
सड़कें और राजमार्ग अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा हैं और दूर-दराज के इलाकों को जोड़ते हैं। राजमार्ग क्षेत्रीय तथा संपूर्ण भारत के आधार पर सक्षम परिवहन व्यवस्था सुनिश्चि करते हैं। राष्ट्रीय राजमार्गो के विकास से व्यापार में मदद मिलती है और क्षेत्र के संपूर्ण आर्थिक विकास में वृद्धि होती है।
भारत सरकार ने अक्टूबर, 2017 में भारतमाला परियोजना लॉन्च की। भारत माला परियोजना 5,35,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 24,800 किलोमीटर सड़कों के विकास का अग्रणी उच्च मार्ग विकास कार्यक्रम है। भारतमाला कार्यक्रम की विशालता को देखते हुए एनएचएआई को निर्धारित समयसीमा के अंदर परियोजनाएं पूरी करने के लिए पर्याप्त धन की आवश्यकता होगी। इसके लिए कार्ययोग्य विकल्प पूरे किए गए और संचालनरत राष्ट्रीय राजमार्गों का मुद्रीकरण है ताकि राजमार्गों का सही मूल्य प्राप्त किया जा सके और राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में निजी क्षेत्र के लिए आकर्षक योजनाओं की पेशकश की जा सके।
क्रियान्वयन :
सीमित धन संसाधन वाले एनएचएआई जैसे संगठनों के लिए नए और अभिनव वित्तीय उपाय करना आवश्यक है। वर्ष 2018-19 के अपने बजट भाषण में तत्कालीन वित्त मंत्री ने कहा था कि एनएचएआई ने अपनी सड़क संपत्तियों को स्पेशल पर्पज व्हिकल के रूप में संगठित करने पर विचार कर सकता है तथा टोल संचालन और हस्तांतरण मॉडल, आधारभूत संरचना ट्रस्टों (आईएनवीआईटीएस) जैस अभिनव मुद्रीकरण ढांचे का इस्तेमाल कर सकता है।
अनुभव के आधार पर एनएचएआई पूरे किए गए तथा संचालनरत राष्ट्रीय राजमार्ग के मुद्रीकरण के लिए निवेश ट्रस्ट बनाने की दिशा में सक्रिय है। इसका उद्देश्य पूंजी बाजार के माध्यम से अतिरिक्त संसाधनों को जुटाना है।
एनएचएआई का निवेश ट्रस्ट (आईएनवीआईटी) भारतीय ट्रस्ट अधिनियम 1882 तथा भारतीय प्रतिभूति तथा विनिमय बोर्ड (आधारभूत संरचना ट्रस्ट) के विनियम, 2014 के अंतर्गत स्थापित किया जाएगा। ट्रस्ट का उद्देश्य आधारभूत परियोजनाओं (वित्त मंत्रालय द्वारा परिभाषित) में मुख्य रूप से निवेश करना है। आईएनवीआईटी प्रत्यक्ष रूप से या एसपीवी और या शेयर पूंजी के माध्यम से संपत्ति का स्वामित्व रख सकता है।
The Union Cabinet, chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi, has given its approval to the proposal of Ministry of Road Transport and Highways,authorizingNational Highways Authority of India(NHAI) to set up Infrastructure Investment Trust(s) (InvIT) as per InvIT Guidelines issued by SEBI. This will enable NHAI to monetize completed National Highways that have a toll collection track record of atleast one year and NHAI reserves the right to levy toll on the identified highway.
Impact:
InvIT as an instrument provides greater flexibility to investors and is expected to create the following opportunities:
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Generation of specialized O&M Concessionaires.
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Attract patient capital (for say 20-30 years) to the Indian highway market, as these investors are averse to construction risk and are interested in investment in assets which provide long-term stable returns.
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Retail domestic savings and corpus of special institutions (such as mutual funds, PFRDA, etc.) to be invested in infrastructure sector through InvIT.
Background:
Roads and highways are the lifeline of the economy, connecting remote and far-flung areas and ensuring efficient transportation on regional as well as pan-India basis. Development of National Highways has a multiplier effect in terms of facilitating trade and enhancing the overall economic development of a region.
In October 2017, Government of India launched BharatmalaPariyojana, which is the flagship highway development programme of Government of India for development of 24,800 km of roads for a total investment of Rs. 5,35,000 crore.
Given the magnitude of the Bharatmala program, NHAI would need adequate funds to complete the Projects within the prescribed timelines. As a part of this exercise, a workable option is to monetize the completed and operational NH assets to unlock their value and offer attractive schemes to private players to invest in construction of National Highways.
Implementation:
Using new and innovative financing vehicles has become inevitable for organisations like NHAI that have limited existing sources of funds. The then Finance Minister, in his Budget Speech of year 2018-19, had stated that NHAI may consider organizing its road assets into Special Purpose Vehicles and use innovative monetizing structures such as Toll, Operate and Transfer model and Infrastructure Investment Trusts (InvlTs).
Based on the learning and experience, NHAI has been actively working on setting up an InvIT to monetize its completed and operational national highways projects with the objective of mobilizing additional resources through capital markets.
NHAI's InvIT will be a Trust established by NHAI under the Indian Trust Act, 1882 and Securities and Exchange Board of India (Infrastructure Investment Trusts) Regulations, 2014. The InvIT Trust will be formed with an objective of investment primarily in infrastructure projects (as defined by Ministry of Finance). InvIT may hold assets either directly or through an SPV or a holding.
Courtesy – Press Information Bureau, Government of India