मंत्रिमंडल ने सिक्किम माइनिंग कॉरपोरेशन द्वारा लिए गए चार करोड़ रुपये से अधिक के ऋण और उस पर ब्याज के पुनर्भुगतान को माफ करने की स्वीकृति दी
No: --- Dated: Nov, 27 2019
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति ने सिक्किम माइनिंग कॉरपोरेशन द्वारा लिए गए चार करोड़ रुपये से अधिक ऋण और उस पर ब्याज के पुनर्भुगतान को माफ करने की स्वीकृति दे दी है। सिक्किम माइनिंग कॉरपोरेशन पर 01.04.2019 से 54 लाख रुपये ऋण है और इस ऋण पर ब्याज 370.40 लाख रुपये होता है, जो ब्याज राशि को जोड़कर 424.40 लाख रुपये बैठता है।
लाभः
मूल ऋण पर आगे एकत्रित होने वाला ब्याजा समाप्त हो जाएगा और कॉरपोरेशन की तरलता प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
पृष्ठभूमिः
सिक्किम माइनिंग कॉरपोरेशन सिक्किम सरकार तथा भारत सरकार के संयुक्त उद्यम प्रतिष्ठान के रूप में 27 फरवरी, 1960 को स्थापित हुआ। कंपनी प्रारंभ से ही घाटे में चलती रही। कंपनी की वित्तीय सेहत को बढ़ाने के लिए 1999 में एक सलाहकार की सेवा ली गई, जिसने अन्य बातों के साथ कंपनी की गतिविधियों को फैलाने और निचले स्तर पर जरूरत से अधिक कर्मियों की सेवा समाप्त करने के साथ तकनीकी स्टाफ को मजबूत बनाने की सलाह दी। कंपनी के प्रारंभ से ही घाटे में चलने के तथ्य को ध्यान में रखते हुए संयुक्त उद्यम के साझेदारों (राज्य तथा केन्द्र सरकार) ने सिक्किम के महा-लेखाकार की सिफारिश तथा तत्कालीन योजना आयोग के परामर्श से 2003 में कंपनी के भविष्य को संवारने के उपाय बताने के लिए सलाहकार नियुक्त किया। सलाहकार की रिपोर्ट तथा सिक्किम राज्य विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) की 107वीं रिपोर्ट के आधार पर राज्य और केन्द्र सरकारों ने संयुक्त रूप से कंपनी के खनन कार्यों को बंद करने तथा सभी बकायों तथा देनदारियों को पूरा करने का निर्णय लिया।
परिणाम स्वरूप 01-01-2007 से भोतांग तथा पाछेखानी खदानों में खनन कार्य बंद कर दिया गया। कंपनी के कर्मचारियों के वीआरएस मद् की देनदारियां योजना आयोग (3.41 करोड़ रुपये) तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (2.51 करोड़ रुपये) द्वारा जारी राशि से पूरी की गईं। सिक्किम सरकार द्वारा उसके प्रति कॉरपोरेशन की 685.60 लाख रुपये की देनदारियां माफ कर दी गईं। मशीनों के स्क्रैप की बिक्री से प्राप्त 11.21 लाख रुपये भारत सरकार को वापस कर दिए गए।
The Cabinet Committee on Economic Affairs, chaired by Prime Minister Shri Narendra Modi has accorded its approval for waiver of repayment of loan of Rs.54 lakh and interest thereon, amounting to Rs.370.40 lakh, totalling Rs. 424.40 lakh plus the amount of interest that will accrue on total amount, from 01.04.2019 till this approval outstanding against the Sikkim Mining Corporation.
Benefit:
Further accumulation of interest on the principal loan will get extinguished and the liquidation process of the Corporation will get completed.
Background:
Sikkim Mining Corporation (SMC) was established on the 27th February, 1960 as Joint Venture undertaking of Government of Sikkim and Government of India. It was incurring losses every year since its inception. To optimise the financial health of the Corporation, a Consultant was engaged in 1999 which inter alia suggested diversification of activities of the Corporation and also strengthening of technical staff in conjunction with the retrenchment of excess manpower at lower levels. However, keeping in view the recurring losses incurred by the Corporation since its very inception, recommendation of Accountant General of Sikkim, and advice tendered by the erstwhile Planning Commission both the partners of JVC (State and Central Government) engaged a Consultant to spell out a road map for the future of the Corporation in 2003. On the basis of report of the consultant & 107th Report of Public Accounts Committee (PAC) of State Legislative Assembly of Sikkim, State and Central Governments took joint decision to close down the mining operations of the Corporation and to settle all its dues and liabilities.
Consequently, mining operations of the Corporation at Bhotang and Phachey Khani mines were closed down with effect from 01.01.2007. Liabilities towards VRS etc of employees of the corporation were settled from the amount released by erstwhile Planning Commission (Rs.3.41 crore) and Ministry of Development of North Eastern Region (Rs.2.51 crore). Liabilities of the Corporation to the tune of Rs.685.60 lakhs towards the State Government of Sikkim were waived off by the State Government of Sikkim. An amount of Rs. 11.21 lakh accrued from the sale of scraps of machineries of the corporation was returned to Government of India.
Courtesy – Press Information Bureau, Government of India