No: -- Dated: Aug, 09 2024

आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 को मंजूरी दे दी है। पीएमएवाई-यू 2.0 पांच वर्षों में शहरी क्षेत्रों में घर बनानेखरीदने या किराए पर लेने के लिए राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों/प्राथमिक ऋण संस्थानों (पीएलआई) के माध्यम से 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को केंद्रीय सहायता प्रदान करेगी। इस योजना के तहत ₹ 2.30 लाख करोड़ की सरकारी सहायता प्रदान की जाएगी I

प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी विश्व की सबसे बड़ी किफायती आवास परियोजनाओं में से एक है। 2015 में शुरू की गई इस योजना ने देशभर में करोड़ों परिवारों को सभी बुनियादी सुविधाओं सहित उनका अपना पक्का आवास प्रदान कर उन्हें नई पहचान दिलाई है। पीएमएवाई-यू के तहत 1.18 करोड़ आवासों को स्वीकृति दी गई थीजिनमें से 85.5 लाख से अधिक आवास पूरे कर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं और बाकी आवास निर्माणाधीन हैं । 

माननीय प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2023 को लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के भाषण में घोषणा की थी कि भारत सरकार आने वाले वर्षों में कमजोर वर्ग और मध्यम वर्ग के परिवारों को घर के स्वामित्व का लाभ प्रदान करने के लिए एक नई योजना लाएगी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 जून 2024 को पात्र परिवारों की संख्या में वृद्धि के कारण उत्पन्न होने वाली आवास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 3 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण और शहरी परिवारों को घरों के निर्माण के लिए सहायता प्रदान करने का संकल्प लिया था। माननीय प्रधानमंत्री के विजन के अनुसरण में, ₹10 लाख करोड़ के निवेश के साथ पीएमएवाई-यू 2.0 योजना के तहतएक करोड़ पात्र परिवारों की पक्के आवास की आवश्यकता को पूरा किया जाएगा तथा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक नागरिक बेहतर जीवन जी सके।

इसके अलावाआर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस)/निम्न आय वर्ग (एलआईजी) को उनके पहले घर के निर्माण/खरीद के लिए बैंकों/हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी)/प्राथमिक ऋण संस्थानों से लिए गए किफायती आवास ऋण पर क्रेडिट रिस्क गारंटी का लाभ प्रदान करने के लिए क्रेडिट रिस्क गारंटी फंड ट्रस्ट (सीआरजीएफटी) का कॉर्पस फंड ₹1,000 करोड़ से बढ़ाकर ₹3,000 करोड़ कर दिया गया है। साथ हीक्रेडिट रिस्क गारंटी फंड का प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) से राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी कंपनी (एनसीजीटीसी) को हस्तांतरित किया जाएगा। क्रेडिट रिस्क गारंटी फंड योजना का पुनर्गठन किया जा रहा है और संशोधित दिशानिर्देश आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा जारी किए जाएंगे। 

पीएमएवाई-यू 2.0 संबंधी पात्रता मापदंड

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस)/निम्न आय वर्ग (एलआईजी)/मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) परिवारजिनके पास देश में कहीं भी अपना कोई पक्का घर नहीं हैवे पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत घर खरीदने या निर्माण करने के पात्र होंगे ।

• ₹3 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को ईडब्ल्यूएस,

• ₹3 लाख से ₹6 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को एलआईजीऔर

• ₹6 लाख से ₹9 लाख तक वार्षिक आय वाले परिवारों को एमआईजी के रूप में परिभाषित किया गया हैI

योजना का कवरेज

जनगणना 2011 के अनुसार सभी वैधानिक शहर और बाद में अधिसूचित शहरजिसमे अधिसूचित योजना क्षेत्रऔद्योगिक विकास प्राधिकरण/विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण/शहरी विकास प्राधिकरण या ऐसे किसी भी प्राधिकरण जिसे राज्य विधान के तहत शहरी नियोजन और विनियमों के कार्य सौंपे गए हैं, के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र शामिल हैंउन्हें भी पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत शामिल किया जाएगा।

योजना के अंतर्गत घटक

पीएमएवाई-यू 2.0 का कार्यान्वयन निम्नलिखित चार घटकों के माध्यम से किया जाएगा:

(i) लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी)- इस घटक के माध्यम से ईडब्ल्यूएस श्रेणियों से संबंधित व्यक्तिगत पात्र परिवारों को उनकी भूमि पर नए आवास बनाने के लिए केन्द्रीय सहायता प्रदान की जाएगी। जिन लाभार्थियों के पास उनकी अपनी भूमि नहीं हैउन्हें राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा भूमि अधिकार (पट्टा) प्रदान किया जाएगा।

(ii) भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी)– इस घटक के तहत किफायती आवासों का निर्माण सार्वजनिक/निजी संस्थाओं द्वारा किया जाएगा और ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर आवंटन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

• यदि लाभार्थी निजी क्षेत्र की परियोजनाओं में आवास खरीदता है तो लाभार्थियों को रिडीमेबल हाउसिंग वाउचर के रूप मे केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी। राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों/यूएलबी द्वारा ऐसी परियोजनाओं को व्हाइटलिस्ट किया जाएगा।

• नवीन निर्माण तकनीकों का उपयोग करने वाली एएचपी परियोजनाओं को टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रांट (टीआईजी) के रूप में ₹1,000 प्रति वर्गमीटर की दर से अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जाएगा।

(iii) किफायती किराये के आवास (एआरएच)- इस घटक में शहरी प्रवासियों कामकाजी महिलाओं/औद्योगिक श्रमिकों/शहरी प्रवासियों/बेघर/निराश्रित/छात्रों और अन्य समान हितधारकों के लाभार्थियों के लिए पर्याप्त किराये के आवासों का निर्माण किया जाएगा। एआरएच उन शहरी निवासियों के लिए किफायती और रहने की स्वच्छ जगह सुनिश्चित करेगा जो स्वामित्व में अपना घर नहीं चाहते हैं या जिनके पास घर बनाने/खरीदने की वित्तीय क्षमता नहीं हैलेकिन उन्हें अल्पावधि के लिए आवास की आवश्यकता है।

एआरएच को निम्नलिखित दो मॉडलों के माध्यम से लागू किया जाएगा:

• मॉडल 1: सरकार द्वारा वित्तपोषित खाली आवासों को किराये के आवास में परिवर्तित किया जाएगा।

• मॉडल 2: सार्वजनिक/निजी संस्थाएं नए किराये के आवास का निर्माण करेंगी।

नवीन निर्माण तकनीकों का उपयोग करने वाली परियोजनाओं को टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रांट के रूप में ₹5,000 प्रति वर्गमीटर की दर से अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जाएगा (भारत सरकार - ₹3,000/वर्गमीटर+ राज्य सरकार- ₹2000/वर्गमीटर)।

(iv) ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस)– यह घटक ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी परिवारों के लिए गृह ऋण पर सब्सिडी का लाभ प्रदान करेगा। ₹35 लाख तक की कीमत वाले मकान के लिए ₹25 लाख तक का गृह ऋण लेने वाले लाभार्थी 12 वर्ष की अवधि तक के पहले 8 लाख रुपये के ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी के पात्र होंगे। पात्र लाभार्थियों को 5-वार्षिक किश्तों में पुश बटन के माध्यम से ₹1.80 लाख की सब्सिडी जारी की जाएगी। लाभार्थी वेबसाइटओटीपी या स्मार्ट कार्ड के जरिए अपने खाते की जानकारी ले सकते हैं।

पीएमएवाई-यू 2.0 के बीएलसीएएचपी और एआरएच घटकों को केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जाएगा जबकि ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस) घटक को केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में लागू किया जाएगा। लाभार्थी योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु चारों घटकों में से अपनी पात्रता और पसंद के अनुसार एक घटक का चुनाव कर सकते हैं।

वित्त पोषण तंत्र

आईएसएस घटक को छोड़करबीएलसीएएचपी और एआरएच के तहत घर निर्माण की लागत मंत्रालयराज्य/केन्द्र शासित प्रदेश/यूएलबी और पात्र लाभार्थियों के बीच साझा की जाएगी। पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत एएचपी/बीएलसी घटकों में सरकारी सहायता ₹2.50 लाख प्रति वर्ग होगी। राज्य/ केन्द्र शासित प्रदेश का हिस्सा अनिवार्य होगा। बिना विधायिका वाले केन्द्र शासित प्रदेशों के लिएकेंद्रीय: राज्य शेयरिंग पैटर्न 100:0 होगाविधायिका वाले केन्द्र शासित प्रदेशों (दिल्लीजम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी)उत्तर-पूर्वी राज्यों और हिमालयी राज्यों (हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) के लिए शेयरिंग पैटर्न 90:10 होगा। अन्य राज्यों के लिए शेयरिंग पैटर्न 60:40 होगा। घरों की सामर्थ्य में सुधार के लिएराज्य/केन्द्र शासित प्रदेश और यूएलबी लाभार्थियों को अतिरिक्त सहायता दे सकते हैं।

आईएसएस घटक के तहतपात्र लाभार्थियों को 5-वार्षिक किश्तों में ₹1.80 लाख तक की केंद्रीय सहायता दी जाएगी।

विस्तृत शेयरिंग पैटर्न नीचे दिया गया है।

 

क्र. सं.

 

राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश

पीएमएवाई-यू 2.0 घटक

बीएलसी एवं एएचपी

एआरएच

आईएसएस

  1.  

उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के राज्यहिमाचल प्रदेशउत्तराखंड और केन्द्र शासित प्रदेश (यूटी) जम्मू-कश्मीरपुडुचेरी और दिल्ली

केंद्र सरकार- 2.25 लाख रुपये प्रति आवास

राज्य सरकार- न्यूनतम 0.25 लाख रुपये प्रति आवास

 

प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान
 

भारत सरकार: 3,000 रुपये/वर्गमीटर प्रति आवास

राज्य का हिस्सा: 2,000 रुपये/वर्गमीटर प्रति आवास

गृह ऋण सब्सिडी - केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में भारत सरकार द्वारा प्रति आवास 1.80 लाख रुपये  (वास्तविक रिलीज) तक

  1.  

अन्य सभी केंद्र शासित प्रदेश

केंद्र सरकार - 2.50 लाख रुपये प्रति आवास

  1.  

शेष राज्य    

केंद्र सरकार- 1.50 लाख रुपये प्रति आवास

राज्य सरकार- न्यूनतम 1.00 लाख रुपए प्रति आवास

टिप्पणियां:

  • पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश का हिस्सा अनिवार्य होगा। राज्य के न्यूनतम हिस्से के अलावाराज्य सरकारें वहनीयता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त टॉप-अप शेयर भी प्रदान कर सकती हैं।

बी. केंद्रीय सहायता के अलावा,  आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय कार्यान्वयन एजेंसियों को 30 वर्ग मीटर प्रति इकाई के लिए निर्मित क्षेत्र (आंतरिक बुनियादी ढांचे सहित) पर एएचपी परियोजनाओं के तहत किसी भी अतिरिक्त लागत असर के प्रभाव की भरपाई के लिए 1,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से नवीन निर्माण सामग्रीप्रौद्योगिकियों और प्रक्रियाओं का उपयोग करने वाली परियोजनाओं के लिए प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान (टीआईजी) प्रदान करेगा।

प्रौद्योगिकी एवं नवाचार उप-मिशन (टीआईएसएम)

प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 के तहत प्रौद्योगिकी और नवाचार उप-मिशन (टीआईएसएम) राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों/शहरों को जलवायु स्मार्ट भवनों और रिज़िल्यन्ट आवासों के निर्माण के लिए आपदा प्रतिरोधी और पर्यावरण अनुकूल निर्माण तकनीकों के उपयोग में सहायता करेगी।

किफायती आवास नीति

पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत लाभ प्राप्त करने हेतुराज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सार्वजनिक/निजी संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने और 'किफायती आवास नीतिमें ऐसे सुधार शामिल होंगे जिससे 'किफायती आवासकी अफोर्डेबिलिटी में सुधार होगा।

प्रभाव

प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी श्रेणी के आवास के सपनों को पूरा करके 'सबके लिए आवासके विजन को प्राप्त करेगी। यह योजना झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालोंअनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजातिअल्पसंख्यकोंविधवाओंविकलांग व्यक्तियों और समाज के अन्य वंचित वर्गों की आवश्यकताओं को पूरा करके जनसंख्या के विभिन्न वर्गों में समानता सुनिश्चित करेगी। पीएमस्वनिधि योजना के तहत चिन्हित सफाईकर्मियोंस्ट्रीट वेंडरों और प्रधानमंत्री-विश्वकर्मा योजना के तहत विभिन्न कारीगरोंआंगनवाड़ी कार्यकर्ताओंभवन और अन्य निर्माण श्रमिकोंझुग्गी-झोपड़ियों/चॉलों के निवासियों और पीएमएवाई-यू 2.0 के संचालन के दौरान पहचाने गए अन्य समूहों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India

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