No: --- Dated: Mar, 19 2025

कैबिनेट ने महाराष्ट्र में जेएनपीए पोर्ट (पगोटे) से चौक (29.219 किमी.) तक बीओटी (टोल) मोड पर 6-लेन एक्सेस नियंत्रित ग्रीनफील्ड राजमार्ग के निर्माण को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने महाराष्ट्र में जेएनपीए पोर्ट (पगोटे) से चौक (29.219 किमी.) तक 6 लेन की एक्सेस नियंत्रित ग्रीनफील्ड हाई स्पीड राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना को 4500.62 करोड़ रुपये की कुल पूंजी लागत पर बिल्डऑपरेट और ट्रांसफर (बीओटी) मोड पर संपन्‍न किया जाएगा।

देश में बड़े और छोटे बंदरगाहों को बुनियादी ढांचे से जोड़ने वाली सड़क का विकास पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान सिद्धांतों के तहत एकीकृत बुनियादी ढांचा नियोजन के मुख्य फोकस क्षेत्रों में से एक है। जेएनपीए बंदरगाह पर कंटेनर की संख्‍या में वृद्धि और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास के साथइस क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग कनेक्टिविटी को बढ़ाने की जरूरत महसूस की गई।

वर्तमान में, महाराष्‍ट्र के पलास्पे फाटाडी-पॉइंटकलंबोली जंक्शनपनवेल जैसे शहरी क्षेत्रों में भारी भीड़भाड़ के कारण जेएनपीए पोर्ट से एनएच-48 के धमनी स्वर्णिम चतुर्भुज (जीक्यू) खंड और मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे तक वाहनों को जाने में 2-3 घंटे लगते हैंजहां लगभग 1.8 लाख पीसीयू/दिन ट्रैफिक रहता है। 2025 में नवी मुंबई हवाई अड्डे के शुरू होने के बादसीधी कनेक्टिविटी की जरूरत और भी बढ़ने की उम्मीद है।

तदनुसारयह परियोजना इन कनेक्टिविटी जरूरतों को पूरा करने और जेएनपीए बंदरगाह तथा नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को जोड़ने की लॉजिस्टिक्‍स दक्षता में सुधार करने के लिए डिज़ाइन की गई है।

यह परियोजना जेएनपीए बंदरगाह (एनएच 348) (पगोटे गांव) से शुरू होती है और मुंबई-पुणे राजमार्ग (एनएच-48) पर समाप्त होता हैजबकि मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-66) को भी यह जोड़ती है।

पहाड़ी इलाकों में घाट खंड के बजाय सहयाद्री से होकर गुजरने वाली दो सुरंगें वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए प्रदान की गई हैंजिससे बड़े कंटेनर ट्रकों को तेज गति से आवागमन में आसानी सुनिश्चित होती है।

नया लेन ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट कॉरिडोर बेहतर बंदरगाह कनेक्टिविटी की ओर ले जाएगाजिससे सुरक्षित और कुशल माल ढुलाई में मदद मिलेगी। यह परियोजना मुंबई और पुणे के आसपास के विकासशील क्षेत्रों में विकासप्रगति और समृद्धि के नए रास्ते खोलेगी।

कॉरिडोर का मानचित्र

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India

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