कैबिनेट ने गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर, जामनगर में आयुर्वेद संस्थानों के समूह को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने को मंज़ूरी दी
No: --- Dated: Jan, 08 2020
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर, जामनगर में आयुर्वेद संस्थानों जैसे (क) आयुर्वेद में परा स्नातक शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, (ख) श्री गुलाबकुनवर्बा आयुर्वेद महाविद्यालय और (ग) फार्मेसी इकाई समेत आयुर्वेद फार्मास्यूटिकल्स साइंसेज और महर्षि पतंजलि योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान को आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के स्वस्थवृत्त विभाग में शामिल कर इसे (आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान) राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने को मंज़ूरी दे दी है।
आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, जामनगर को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने के लिए इससे संबंधित विधेयक को संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा।
भारत में जन स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने में आयुष व्यवस्थाओं की तेजी से बढ़ती भूमिका को देखते हुए इसे राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने से सार्वजनिक स्वास्थ्य में आयुर्वेद की भूमिका और महत्व को प्रोत्साहन मिलेगा। आयुर्वेद को बढ़ावा देने से स्वास्थ्य के मद पर भारत सरकार का खर्च घटेगा क्योंकि रोग निवारक दृष्टिकोण की वजह से आयुर्वेद किफायती होता है।
दुनिया भर में आयुर्वेद से संबंधित जानकारी, इसकी सेवाएं और इसमें लोगों की रुचि बढ़ रही है। भारत आयुर्वेद की जननी है और पूरी दुनिया आयुर्वेद के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण और प्रशिक्षण के उन्नत संस्थान के लिए भारत की ओर आशा की दृष्टि से देख रही है।
प्रस्तावित संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा मिलने से इसे आयुर्वेद शिक्षण का स्तर बढ़ाने, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मांग के अनुरुप विभिन्न पाठ्यक्रम तैयार करने, उन्नत मूल्यांकन कार्य पद्धति अपनाने में स्वायत्तता मिल सकेगी। इसे लोगों में आयुष की गहरी पैठ बनाने के लिए अपना प्रमाणन पाठ्यक्रम बनाने का अधिकार मिल जाएगा और जन स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में इसकी क्षमता को उभारने की क्षमता भी बढ़ेगी।
The Union Cabinet, chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi, has given its approval to confer the status of Institution of National Importance to the Institute of Teaching and Research in Ayurveda Jamnagar by conglomerating the cluster of Ayurveda Institutes at Gujarat Ayurveda University campus, Jamnagar , namely, (a) Institute for Post Graduate Teaching and Research in Ayurveda (b) Shri Gulabkunwerba Ayurveda Mahavidyalaya and (c) Institute of Ayurveda Pharmaceutical Sciences including Pharmacy Unit and to subsume the Maharshi Patanjali Institute for Yoga & Naturopathy Education & Research into the Department of Swasthvritta of the Institute of Teaching and Research in Ayurveda.
The Bill to that effect is to be introduced in the ensuing Session of Parliament to declare Institute of Teaching and Research in Ayurveda, Jamnagar as Institution of National Importance.
Considering the rapidly growing role of AYUSH Systems in addressing the Public Health challenges of India, conferring the status of National Importance will boost the role and importance of Ayurveda in Public Health. The strengthening of Ayurveda will reduce government expenditure on health as Ayurveda is cost-effective because of its preventive and curative approaches.
There is rising interest and demand for knowledge and services of Ayurveda all over the world. India is the country of origin of Ayurveda and the world is looking up to India to showcase the state of art institutions providing international level education and training in Ayurveda. Elevation of the proposed Institute to the status of Institution of National Importance will provide it the autonomy to upgrade the standard of Ayurveda education, frame various courses in Ayurveda as per national and international demand, adopt advanced evaluation methodology, etc. It will have the mandate to frame its own certification courses for deeper penetration of AYUSH across masses and will give the capacity to bring out the unrealized potential of Ayurveda for addressing the major public health challenges faced by the country. It will help the institute to develop tertiary care in Ayurveda and to secure inter-disciplinary collaborations to give a contemporary thrust to Ayurveda.
Courtesy – Press Information Bureau, Government of India