No: -- Dated: Jul, 14 2021

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर लोक चिकित्सा संस्थान (एनईआईएफएम) के नामकरण और मैन्डेट को पूर्वोत्तर आयुर्वेद और लोक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (एनईआईएएफएमआर) के रूप में बदलने को मंजूरी दी

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज पूर्वोत्तर लोक चिकित्सा संस्थान (एनईआईएफएम) के नामकरण और मैन्डेट को पूर्वोत्तर आयुर्वेद और लोक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (एनईआईएएफएमआर) के रूप में बदलने को अपनी मंजूरी दे दी है।

विवरण:

समय की मांग को ध्यान में रखते हुए, पासीघाट, अरुणाचल प्रदेश में आयुर्वेद और लोक चिकित्सा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुसंधान प्रदान करने के लिए पूर्वोत्तर लोक चिकित्सा संस्थान (एनईआईएफएम) के नामकरण और मैन्डेट को पूर्वोत्तर आयुर्वेद और लोक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (एनईआईएएफएमआर) में बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। साथ ही महत्वपूर्ण परिवर्तन मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन और नियमों व विनियमों में भी किए जाएंगे।

प्रभाव:

आयुर्वेद और लोक चिकित्सा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुसंधान प्रदान करने के लिए संस्थान के मैन्डेट में आयुर्वेद को शामिल करना पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों के लिए अत्यधिक फायदेमंद होगा। संस्थान न केवल भारत में बल्कि पड़ोसी देशों जैसे तिब्बत, भूटान, मंगोलिया, नेपाल, चीन और अन्य मध्य एशियाई देशों में आयुर्वेद और लोक चिकित्सा के छात्रों के लिए भी अवसर प्रदान करेगा।

पृष्ठभूमि:

एनईआईएफएम, पासीघाट की स्थापना पारंपरिक लोक चिकित्सा और क्षेत्र की स्वास्थ्य परंपराओं के प्रणालीगत अनुसंधान, दस्तावेजीकरण और प्रमाणीकरण के लिए की गई थी। जिन उद्देश्यों के लिए संस्थान की स्थापना की गई थी, उनमें लोक चिकित्सा के सभी पहलुओं के लिए एक शीर्ष अनुसंधान केंद्र के रूप में कार्य करना, पारंपरिक चिकित्सकों और वैज्ञानिक अनुसंधान, सर्वेक्षण, दस्तावेजीकरण और लोक चिकित्सा पद्धतियों के सत्यापन, संभावित उपयोग के लिए उपचार व उपचार के बीच एक इंटरफेस बनाना शामिल है। इसके साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल और भविष्य के अनुसंधान, उपचार आदि भी शामिल हैं।

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India​​

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