केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मोबाइल सेवा से वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाओं की संतृप्ति के लिए कुल 26,316 करोड़ रुपये की लागत वाली एक परियोजना को मंजूरी दी
No: -- Dated: Jul, 27 2022
सभी के लिए डिजिटल समावेश और कनेक्टिविटी सरकार के ‘अंत्योदय’ विजन का एक अभिन्न हिस्सा है। पिछले साल सरकार ने 5 राज्यों के 44 आकांक्षी जिलों के 7,287 वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाएं उपलब्ध कराने की परियोजना को मंजूरी दी थी।
वर्ष 2021 में अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सरकारी योजनाओं को पूर्णता प्रदान करने का आह्वान किया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज देश भर के समस्त मोबाइल सेवा से वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाओं को पूर्णता प्रदान करने के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी, जिस पर 26,316 करोड़ रुपये की कुल लागत आएगी।
इस परियोजना के तहत देश के दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में अवस्थित 24,680 वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इस परियोजना में पुनर्वास, नई बस्तियों, मौजूदा ऑपरेटरों द्वारा अपनी सेवाओं को वापस ले लेने, इत्यादि को ध्यान में रखते हुए 20 प्रतिशत अतिरिक्त गांवों को शामिल करने का प्रावधान है। इसके अलावा, केवल 2जी/3जी कनेक्टिविटी वाले 6,279 गांवों को अपग्रेड करके वहां 4जी कनेक्टिविटी सुलभ कराई जाएगी।
इस परियोजना को बीएसएनएल द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत’ के 4जी प्रौद्योगिकी स्टैक का उपयोग करते हुए कार्यान्वित किया जाएगा और इसका वित्त पोषण यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड के जरिए किया जाएगा। 26,316 करोड़ रुपये की परियोजना लागत में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) और 5 साल का परिचालन व्यय (ओपेक्स) शामिल है।
बीएसएनएल पहले से ही ‘आत्मनिर्भर 4जी प्रौद्योगिकी स्टैक’ का उपयोग करने की प्रक्रिया में है, जिसका उपयोग इस परियोजना में भी किया जाएगा।
यह परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के सरकार के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना से मोबाइल ब्रॉडबैंड के माध्यम से विभिन्न ई-गवर्नेंस सेवाएं, बैंकिंग सेवाएं, टेली-मेडिसिन, टेली-एजुकेशन, इत्यादि सुलभ कराने को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन होगा।
Courtesy – Press Information Bureau, Government of India