Award of Ratna and R-series Fields
No: --- Dated: Mar, 10 2016
The Cabinet Committee on Economic Affairs, chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi, has approved cancellation of the Letter of Award dated 12.03.1996 issued in favour of consortium of M/s. Essar Oil Limited and M/s. Oil Pacific UK Ltd awarding the medium sized discovered field of Ratna& R-Series and decided to revert the Ratna and R-Series Fields to ONGC.
These Fields were planned to be awarded under the Discovered Field Policy of the Government announced during 1992 – 93 in the wake of economic liberalization. It was envisaged that the development of these fields through private sector / joint sector development by signing the Production Sharing Contract (PSC) would facilitate in creating additional value for the country from such projects. However, the PSC in respect of these Fields could not be signed during last two decades owing to number of reasons and the intended contribution of the Ratna and R-series fields in achievement of overall policy objective could not be attained.
The Government noted that in the intervening period of more than twenty years there have been substantial changes in the terms and conditions prevalent at the time of issue of Letter of Award dated 12.03.1996.
Considering huge financial stakes for the Government in terms of the statutory levies accruing from crude and natural gas production from these fields and with an overall objective of increasing domestic hydrocarbon production by expeditious development of these fields, the Government decided that the Fields may be reverted back to the original licensee, ONGC, who had initially developed these fields partially and operated and obtained production from these fields till 1994.
रत्न एवं आर-सीरिज फील्ड्स का अनुबंध |
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज मेसर्स एस्सार ऑयल लिमिटेड एवं मेसर्स ऑयल पैसिफिक यूके लिमिटेड के महासंघ के पक्ष में 12-03-1996 को रत्न एवं आर-सीरिज के मझोले आकार के खोजे गए तेल क्षेत्रों के लिए जारी अनुबंध पत्र को रद्द करने को मंजूरी दे दी एवं रत्न एवं आर-सीरिज फील्ड्स को वापस ओएनजीसी को लौटा देने का फैसला किया। इन तेल क्षेत्रों को आर्थिक उदारीकरण के बाद 1992-93 के दौरान सरकार द्वारा घोषित तेल क्षेत्र खोज नीति के तहत प्रदान किये जाने की योजना बनाई गई थी। ऐसी परिकल्पना की गई थी कि उत्पादन साझा अनुबंध (पीएससी) पर हस्ताक्षर करने के द्वारा निजी क्षेत्र/ संयुक्त क्षेत्र विकास के जरिये इन तेल क्षेत्रों का विकास ऐसी परियोजनाओं से देश में अतिरिक्त मूल्य का सृजन करने में सहायक होगा। बहरहाल, इन क्षेत्रों से संबंधित पीएससी पर कई वजहों से पिछले 2 दशकों के दौरान हस्ताक्षर नहीं हो पाया और समग्र नीति लक्ष्य को अर्जित करने में रत्न एवं आर-सीरिज का लक्षित योगदान अर्जित नहीं किया जा सका। सरकार ने महसूस किया कि 20 वर्षों से भी अधिक समय के अंतराल के कारण 12-03-1996 को जारी अनुबंध पत्र के समय की व्याप्त स्थितियों एवं शर्तों में उल्लेखनीय बदलाव आ गए हैं। इन तेल क्षेत्रों से कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस उत्पादन पर लगने वाले वैधानिक लेवी के लिहाज से सरकार के लिए भारी वित्तीय आवश्यकता पर विचार करते हुए एवं इन तेल क्षेत्रों के त्वरित विकास द्वारा घरेलू हाइड्रोकार्बन उत्पादन बढ़ाने के समग्र उद्देश्यों के साथ सरकार ने फैसला किया कि इन तेल क्षेत्रों को उनके मूल लाइसेंसी ओएनजीसी को वापस लौटा दिया जाए। उल्लेखनीय है कि ओएनजीसी ने प्रारंभ में इन तेल क्षेत्रों को विकास किया था, उसने इसका संचालन किया तथा इन तेल क्षेत्रों से 1994 तक उत्पादन प्राप्त किया था। |