No: --- Dated: Dec, 15 2020

डायल 100 योजना के निरंतर संचालन के लिये 31 मार्च 2021 तक मंजूरी

निर्माण कार्यो को गति देने रेत नियम में संशोधन
मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक सम्पन्न 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रि-परिषद की वर्चुअल बैठक हुई।  मंत्रि-परिषद ने डायल 100 योजना के निरंतर संचालन के लिए पूर्व से अनुबंधित फर्म के साथ निविदा की अनुमोदित दरों पर ही अनुबंध अवधि में छह माह अर्थात 1 अप्रैल से 30 सितम्बर 2020 तक तथा पुन: छह माह अर्थात 1 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2021 तक की वृद्वि की स्वीकृति दी हैं।

मध्यप्रदेश रेत नियम 2019 में संशोधन

      मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम 2019 में संशोधन करने की मंजूरी दी। संशोधनों से प्रदेश में रेत खनिज की आपूर्ति आबाधित रूप से संभव हो सकेगी। इससे निर्माण कार्यो को गति मिलेगी तथा श्रमिकों को रोजगार के अवसर सृजित होंगे। राज्य शासन के राजस्व आय प्राप्ति पर भी इसका प्रभाव अपरोक्ष रूप से पड़ेगा।

          संशोधन अनुसार प्रदेश में स्वीकृत की जाने वाली रेत खदानों में रेत खदान की अवधि की गणना अनुबंध दिनांक के स्थान पर आशय पत्र जारी होने की दिनांक से की जायेगी। यदि रेत समूह के किसी निविदाकार द्वारा सभी वैधानिक अनुमतियां प्राप्त होने के बाद भी यदि अनुबंध का निष्पादन नहीं किया जाता़, तब दंण्ड स्वरूप उसके द्वारा जमा सुरक्षा राशि को राजसात किया जा सकेगा।

          खनिज भंण्डारण अनुज्ञप्ति स्वीकृति के लिये खदान से 5 किलोमीटर की परिधि प्रतिबंधित की गई हैं। इसके बाद रेत खनिज के समूह के ठेकेदार तथा शासन द्वारा अधिकृत रेत खनिज के ठेकेदार को इनके पक्ष में स्वीकृत खदान से 5 किलोमीटर की सीमा के बाहर और 8 किलोमीटर की परिधि में खनिज भंण्डारण अनुज्ञप्ति स्वीकृत की जा सकेगी। शासकीय कार्यो में रेत खनिज की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ऐसे जिलें जहां पर रेत खनिज के समूह की खदानें रिक्त है, वहां पर शासकीय विभागों को रेत खनिज की उत्खन्न अनुज्ञा स्वीकृति की जा सकेगी।

खनिज राजस्व बकाया वसूली योजना

          मंत्रि-परिषद ने खनिज साधन विभाग के अंतर्गत खनिज राजस्व बकाया की वसूली के लिये योजना मंजूर की हैं। योजना में वर्ष 1960-61 से वर्ष 2009-10 तक की खनिज राजस्व बकाया में ब्याज की छूट प्रदान की है। इसी प्रकार वर्ष 2010-11 से वर्ष 2017-18 तक की 5 लाख रूपये की बकाया राशि में संपूर्ण ब्याज की छूट दी है। इस अवधि की 5 लाख से 1 करोड़ एवं इससे अधिक की बकाया राशि में ब्याज में 18 प्रतिशत की छूट दी गई हैं।

          छूट के बाद मूल बकाया राशि 43 करोड़ 81 लाख रूपये के विरुद्ध ब्याज सहित 45 करोड़ 14 लाख की वसूली सुनिश्चित हो सकेंगी। योजना 31 जनवरी 2021 तक ही लागू रहेगी। यदि खनिज बकाया के विरूद्व न्यायालयीन वाद प्रचलित है तब इस योजना के अंतर्गत राशि जमा होने पर वाद वापस लिया जा सकेगा। योजना से लंबित बकाया राशि की वसूली होना सुनिश्चित हो सकेगी।

लाईट हाऊस प्रोजेक्ट

          मंत्रि-परिषद ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत लाईट हाऊस प्रोजेक्ट क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार एवं भारत सरकार से एम.ओ.यू. करने की स्वीकृति दी हैं। साथ ही इंदौर नगर पालिक निगम द्वारा प्रेषित प्रस्ताव अनुसार राज्य सरकार के अंशदान की राशि एक लाख रूपये प्रति आवास के आधार पर राशि 10 करोड़ 24 लाख रूपये प्रदान करने की स्वीकृति दी हैं।.

          प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी अंतर्गत भारत सरकार आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा भवन निर्माण की नई तकनीकों को प्रोत्साहित करने के लिए ग्लोबल हाउसिंग टेक्नालॉजी चैंलेंज अंतर्गत लाईट हाउस प्रोजेक्ट तैयार कराये गए हैं। इसका उद्देश्य नई नवाचार निर्माण तकनीकों का उपयोग कर कम से कम समय में परियोजनाओं को पूर्ण करना तथा इन तकनीकों को भविष्य में उपयोग में लाने के लिए बढ़ावा देना हैं। इस योजना में 14 राज्यों के 22 नगरों द्वारा भाग लिया गया था। इनमें से पूरे देश में कुल छह नगरों में प्रदेश से इंदौर नगर का चयन किया गया है। परियोजना में 1024 ई.डब्लू.एस. आवासों का प्री-फ्रेब्रीकेटिड सेण्डविच पैनल सिस्टम तकनीकी से निर्माण किया जायेगा।

अन्य निर्णय

      मंत्रि-परिषद ने शासन की नीतियों, कार्यक्रमों और जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए जनसंपर्क विभाग के अंतर्गत 375 अस्थाई पदों को 1 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2021 तक निरंतर रखने का निर्णय लिया है।

          मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद को संस्था के मूल उदे्श्यो की पूर्ति के परिप्रेक्ष्य में प्रशासनिक कार्य सुविधा की दृष्टि से महानिदेशक, मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद का नवीन पद, महानिदेशक मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद को शासी निकाय का सदस्य सचिव एवं कार्यकारिणी सभा के सभापति के रूप में नामांकित करने का निर्णय लिया। निदेशक प्रशासन के पद को समर्पित करने एवं कार्यपालक निदेशक के पद की अर्हताओं में आंशिक संशोधन किया गया।

          मंत्रि-परिषद ने पूरे देश में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश के पालन में न्यायिक अधिकारियों का एक समान पदाभिधान करने के लिए संशोधन करने की मंजूरी दी हैं। शेट्टी वेतन आयोग (प्रथम राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग) ने देश में उच्चतर न्यायिक सेवा तथा निम्नतर न्यायिक सेवा के सदस्यों के एक समान पदाभिधान अंगीकृत करने की अनुशंसा की है, जो माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा रिट याचिका (सिविल) ऑल इंडिया जजेस एसोसिएशन विरूद्व यूनियन ऑफ इंडिया तथा अन्य में पारित निर्णय 8 फरवरी 2001 द्वारा अनुमोदित  की गई हैं।

          मंत्रि-परिषद ने प्रदेश की विद्युत कंपनियों के लिये कार्यशील पूजीऋण/नगद साख सुविधा के लिए शासकीय प्रत्याभूति प्रदान करने की मंजूरी दी। एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी एवं तीनों विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उदय योजना में तय की गई सीमा अनुसार आगामी 5 वर्षो तक वित्तीय संस्थाओं/बैंकों से प्राप्त किये जाने वाले साख सुविधा/कार्यशील पूंजी ऋण के लिये शासकीय प्रत्याभूति प्रदान करने के लिये सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। उक्त सीमा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में एम.पी.पावर मैनेजमेंट कंपनी के लिये राशि 3200 करोड़ रूपये की नगद साख सुविधा एवं वितरण कंपनियों के लिये राशि 4900 करोड़ रूपये की कार्यशील पूंजी ऋण के लिये प्रत्याभूति प्रदान की जायेगी।

          पावर जनरेटिंग/ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के लिये विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय की गई सीमा आगामी 5 वर्षो तक साख सुविधा/कार्यशील पूंजी ऋण के लिए शासकीय प्रत्याभूति प्रदान करने के लिये सैद्धांतिक सहमति दी। वित्तीय वर्ष 2020-21 में पावर ट्रांसमिशन कंपनी के लिये प्रत्याभूति की आवश्यकता नही होने के कारण पावर जनरेटिंग कंपनी के लिये राशि 1300 करोड़ रूपये की कार्यशील पूंजी ऋण के लिये प्रत्याभूति प्रदान की जायेगी।

          विद्युत कंपनियों के लिये स्वीकृत उपरोक्त नगद साख सीमा/कार्यशील पूंजी ऋण के लिये बैंकों/वित्तीय संस्थाओं को प्रत्याभूति के नवीनीकरण की स्वीकृति आवश्यकतानुसार वित्त विभाग द्वारा आगामी 5 वर्षो तक दी जायेगी। उक्त प्रस्तावित गारंटी पर मात्र 0.5 प्रतिशत की दर से प्रत्याभूति शुल्क लिया जाएगा।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

 

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