No: ---- Dated: Jan, 27 2015

Analogue Semiconductor Fabrication Investment Policy endorsed

Madhya Pradesh first state to frame this policy 
Cabinet decisions

Bhopal : Tuesday, January 27, 2015, 19:26 IST

A cabinet meeting chaired by Chief Minister Shri Shivraj Singh Chouhan endorsed Analogue Semiconductor Fabrication Investment Policy-2015 here today. Madhya Pradesh is the first state in the country to frame this policy. The policy will help in tapping immense potential in Semiconductor fab sector in the state.

Electronic system designing and manufacturing (ESDM) sector will also develop speedily with establishment of industries in Semiconductor fab sector. Other units will come up near fab units including fabless designing companies, electronics production units, electronics manufacturing service, assembly, testing and other units. State will have a new identity in ultra high modern tech. Foreign exchange will be saved since microchips have to be imported from other countries at present.

As per the policy endorsed by the cabinet, free land and 75 percent of building construction cost will be provided to the unit investing minimum Rs. 3000 crore. The unit will be supplied 24X7 power as per requirement, uninterrupted power through 2 grids, sewage infrastructure, quality road from unit to airport, free trade zone at airport, chemical firefighting near airport etc.

Each unit established with Rs. 5 thousand crore investment will provide jobs directly to about 1000 highly skilled persons and 10 thousand persons indirectly. The unit will enjoy all benefits as per Government of India’s policy.

Other decisions

  • The cabinet decided to exempt from stamp duty the companies given such exemption by high-level committee headed by the Chief Secretary. The companies which have already paid stamp duty, it will be refunded the same amount from departmental budget.

  • The cabinet decided to constitute a cabinet committee to replace apex investment empowered committee constituted under Investment Promotion Act. An applicant distressed by decision of district/state-level committee can now move revision application within 90 days instead of 30 days. Cabinet committee may also consider revision application even after 90 days in justifiable cases. Option for application or revision will be available only once, but there would be provision for second appeal in cases of extension of period pertaining to start of commercial production.

  • The cabinet decided to amend work allocation rules to place schemes for welfare of transgender persons under Social Justice and Disabled Persons Welfare Department.

  • The cabinet decided to amend the allotment of 50 hectare land allotted at Fanda Farm for establishment of Indian Regional Pulses Research Centre, Kanpur.

  • The cabinet endorsed Chief Minister’s order not to auction agriculture land of government-managed temples and place it under possession of priests till May 31, 2015.

D.K. Malviya

 

मध्यप्रदेश एनॉलॉग सेमी कन्डक्टर फेब्रिकेशन निवेश नीति का अनुमोदन

मध्यप्रदेश यह नीति बनाने वाला पहला राज्य 
मंत्री-परिषद् के निर्णय

Bhopal : Tuesday, January 27, 2015, 18:16 IST

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सम्पन्न मंत्री-परिषद् की बैठक में मध्यप्रदेश में फेब उद्योग को प्रोत्साहित और आकर्षित करने एनॉलॉग सेमी कन्डक्टर फेब्रिकेशन निवेश नीति-2015 का अनुमोदन किया गया। यह नीति बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। इस नीति से सेमी कन्डक्टर फेब के क्षेत्र में निवेश की असीम संभावनाओं को धरातल पर लाने में मदद मिलेगी।

प्रदेश में सेमी कन्डक्टर फेब्रिकेशन के क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना होने से इलेक्ट्रानिक सिस्टम डिजाइनिंग एण्ड मेन्युफेक्चरिंग (ESDM) सेक्टर में तेजी से विकास होगा। फेब इकाई के आसपास कई अन्य इकाइयाँ स्थापित होंगी। जिनमें फेबलेस डिजाइन कम्पनियाँ, इलेक्ट्रानिक उत्पाद इकाइयाँ, इलेक्ट्रानिक विनिर्माण सेवा, असेम्बली और टेस्टिंग इकाइयाँ आदि शामिल है। प्रदेश को अल्ट्रा हाई मॉडर्न तकनीक के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी। विदेशी मुद्रा की बचत होगी क्योंकि वर्तमान में भारत को माइक्रो चिप दूसरे देशों से आयात करना पड़ता है।

मंत्री-परिषद् अनुमोदित नीति के अनुसार न्यूनतम 3000 करोड़ का पूँजी निवेश करने वाली इकाई को नि:शुल्क भूमि और भवन निर्माण की 75 प्रतिशत लागत का भुगतान किया जायेगा। इकाई को जरूरत के अनुसार 24 घंटे अबाध जल आपूर्ति, दो ग्रिड के माध्यम से निर्बाध बिजली आपूर्ति, सीवेज अधोसंरचना, इकाई से एयरपोर्ट तक अच्छी गुणवत्ता की सड़कें, एयरपोर्ट पर फ्री ट्रेड जोन, फेब के पास केमिकल फायर फाइटिंग आदि की सुविधा दी जायेगी।

पाँच हजार करोड़ के निवेश वाली एक इकाई की स्थापना से लगभग 1000 अत्यन्त कुशल व्यक्ति को सीधे और लगभग 10 हजार व्यक्ति को परोक्ष रोजगार उपलब्ध होगा। इकाई को भारत सरकार की नीति के अनुसार भी सभी लाभ प्राप्त होंगे।

अन्य निर्णय

  • मंत्री-परिषद् ने बंद/बीमार उद्योगों का पुनर्वास करने दी जाने वाली सुविधाओं में से ऐसी इकाइयों जिन्हें स्टाम्प ड्यूटी से छूट दिये जाने की सुविधा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति द्वारा स्वीकृत की गई हो, उन्हें स्टाम्प ड्यूटी से छूट देने का निर्णय लिया। यदि इकाइयों द्वारा स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान कर दिया गया हो, तो उन्हें विभागीय बजट से उतनी राशि वापस की जायेगी।

  • मंत्री-परिषद् ने निवेश संवर्धन अधिनियम के अन्तर्गत गठित शीर्ष स्तरीय निवेश संवर्धन साधिकार समिति के स्थान पर निवेश संवर्धन के विषय में मंत्री-परिषद् समिति प्रस्थापित करने का निर्णय लिया। जिला/राज्य स्तरीय समिति के विनिश्चय से व्यथित होने पर आवेदक द्वारा पुनर्विचार के लिए अनुरोध 30 दिन के स्थान पर 90 दिन के भीतर किया जा सकेगा। युक्तिसंगत कारणों से 90 दिन के बाद भी निवेश संवर्धन पर मंत्री-परिषद् समिति विचार कर सकेगी। अपील या पुनर्विचार के लिए विकल्प केवल एक बार ही उपलब्ध होगा, लेकिन वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किये जाने संबंधी अवधि की सीमा बढ़ाये जाने वाले प्रकरणों में द्वितीय अपील का प्रावधान होगा।

  • मंत्री-परिषद् ने सिंहस्थ-2016 के भू-अर्जन कार्य के लिए संविदा आधार पर 50 पद राजस्व विभाग के अधीन स्वीकृत किये।

  • मंत्री-परिषद् ने ट्रांसजेंडर के लिए कल्याणकारी योजनाओं को सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के अधीन करने के लिए कार्य आवंटन नियम में संशोधन करने का निर्णय लिया।

  • मंत्री-परिषद् ने भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर के क्षेत्रीय दलहन अनुसंधान केन्द्र की स्थापना के लिए कृषि प्रक्षेत्र फंदा की 50 हेक्टेयर भूमि आवंटन में संशोधन करने का निर्णय लिया।

  • मंत्री-परिषद् ने शासन द्वारा संधारित मंदिरों की कृषि भूमि की नीलामी न कर 31 मई 2015 तक उसे मंदिर के पुजारियों के हवाले रखे जाने संबंधी मुख्यमंत्री के आदेश का अनुसमर्थन किया।

दिनेश मालवीय

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