No: --- Dated: Mar, 31 2015

The Cabinet Committee on Economic Affairs, chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi, has approved the change in the definition of a ‘Private Sector Company’ in the guidelines for financial support to Public Private Partnerships in Infrastructure under the Viability Gap Funding Scheme (VGF Scheme). This has been done to remove any ambiguity in interpretation of the term ‘Private Sector Company’ and to align it with the definition of ‘Government Company’ at Section 2 (45) of the Companies Act, 2013. 

The definition of a ‘Private Sector Company’ has been amended to mean a company which is not a “Government Company”, where “Government Company” is defined under Section 2 (45) of the Companies Act, 2013 as …. Any company in which not less than fifty-one per cent of the paid-up share capital is held by the Central Government, or by any State Government or Governments, or partly by the Central Government and partly by one or more State Governments, and includes a company which is a subsidiary company of such a Government company. 

Approval has also been given to the Finance Minister to approve any amendment to the Scheme that does not result in any material alteration to the Scheme. 

This will enable the Department to make quick changes to meet the economic challenges thrown up by the changing economic situation. 

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने कम पड़ रही राशि के वित्‍तपोषण (वीजीएफ) की योजना के तहत बुनियादी ढांचागत क्षेत्र (इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर) में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को वित्‍तीय मदद मुहैया कराने के लिए संबंधित दिशा-निर्देशों में 'निजी क्षेत्र की कम्‍पनी' की परिभाषा में परिवर्तन को मंजूरी दे दी है। 'निजी क्षेत्र की कम्‍पनी' शब्‍द की व्‍याख्‍या में किसी भी तरह के संशय को दूर करने और कम्‍पनी अधिनियम 2013 की धारा 2 (45) में 'सरकारी कम्‍पनी' की परिभाषा से इसे जोड़कर देखने के लिए यह परिवर्तन किया गया है।

'निजी क्षेत्र की कम्‍पनी' की परिभाषा को इसलिए संशोधित किया गया है, ताकि यह स्‍पष्‍ट किया जा सके कि इस तरह की कम्‍पनी कोई 'सरकारी कम्‍पनी' नहीं है। कम्‍पनी अधिनियम 2013 की धारा 2 (45) के तहत 'सरकारी कम्‍पनी' को परिभाषित किया गया है। 'सरकारी कम्‍पनी' से आशय ऐसी कम्‍पनी से है जिसकी चुकता शेयर पूंजी का कम-से-कम 51 फीसदी हिस्‍सा केन्‍द्र सरकार अथवा किसी राज्‍य सरकार या सरकारों अथवा आंशिक तौर पर केन्‍द्र सरकार एवं आंशिक तौर पर एक या एक से ज्‍यादा राज्‍य सरकारों के पास रहता है। यही नहीं, इस तरह की किसी सरकारी कम्‍पनी की किसी सहायक कम्‍पनी को भी सरकारी कम्‍पनी माना जायेगा।

इसके साथ ही योजना में किसी ऐसे संशोधन को स्‍वीकृति देने के लिए वित्‍त मंत्री को भी अनुमति दी गई है, जिससे योजना में कोई वास्‍तविक परिवर्तन न होता हो।

इससे बदलते आर्थिक परिदृश्‍य में उभर कर सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए विभाग को त्‍वरित बदलाव लाने में सहूलियत होगी। 

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