No: --- Dated: Dec, 28 2018

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्‍सो) अधिनियम, 2012 में संशोधन की मंजूरी दी

 

   प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बच्‍चों के खिलाफ  यौन अपराध करने पर दंड को अधिक कठोर बनाने के लिए बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो ) अधिनियममें संशोधन के लिए अपनी मंजूरी दी।

मुख्‍य बातें:

  1. पोक्‍सो अधिनियम 2012 को बच्‍चों के हित और भलाई की सुरक्षा का ध्‍यान रखते हुए बच्‍चों को यौन अपराधयौन उत्‍पीड़न और पोर्नोग्राफी से संरक्षण प्रदान करने के लिए लागू किया गया था। यह अधिनियम बच्‍चे को 18 वर्ष से कम आयु के व्‍यक्ति के रूप में परिभाषित करता है और बच्‍चे का शारीरिकभावनात्‍मकबौद्धिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित करने के लिए हर चरण को ज्‍यादा महत्‍व देते हुए बच्‍चे के श्रेष्‍ठ हितों और कल्‍याण का सम्‍मान करता है। इस अधिनियम में लैंगिक भेदभाव नहीं है।
  2. पोक्‍सो अधिनियम, 2012 की धारा - 4, धारा – 5, धारा – 6धारा – 9धारा – 14धारा – 15और धारा – 42 में संशोधन बाल यौन अपराध के पहलुओं से उचित तरीके से निपटने के लिए किया गया है। यह संशोधन देश में बाल यौन अपराध की बढ़ती हुई प्रवृति को रोकने के लिए कठोर उपाय करने की जरूरत के कारण किया जा रहा है। 
  3. बाल यौन अपराध की प्रवृति को रोकने के उद्देश्‍य से एक निवारक के रूप में कार्य करने के लिए इस अधिनियम की धारा - 4, धारा – 5और धारा – 6का संशोधन करने का प्रस्‍ताव किया गया हैताकि बच्‍चों को यौन अपराध से सुरक्षा प्रदान करने के लिए आक्रामक यौन अपराध करने के मामले में मृत्‍युदंड सहित कठोर दंड का विकल्‍प प्रदान किया जा सके।
  4. प्राकृतिक संकटों और आपदाओं के समय बच्‍चों को यौन अपराधों से संरक्षण और आक्रामक यौन अपराध के उद्देश्‍य से बच्‍चों की जल्‍द यौन परिपक्‍वता के लिए बच्‍चों को किसी भी तरीके से हार्मोन या कोई रासायनिक पदार्थ खिलाने के मामले में इस अधिनियम धारा – 9 में संशोधन करने का भी प्रस्‍ताव किया गया है।
  5. बाल पोर्नोग्राफी की बुराई से निपटने के लिए पोक्‍सो अधिनियम, 2012 की धारा – 14 और धारा-15 में भी संशोधन का प्रस्‍ताव किया गया है। बच्‍चों की पोर्नोग्राफिक सामग्री को नष्‍ट न करने/डिलिट न करने/ रिपोर्ट करने पर जुर्माना लगाने का प्रस्‍ताव किया गया है। ऐसे व्‍यक्ति को इस प्रकार की सामग्री का प्रसारण/प्रचार/किसी अन्‍य तरीके से प्रबंधन करने के मामले में जेल या जुर्माना या दोनों सजाएं देने का प्रस्‍ताव किया गया है। न्‍यायालय द्वारा यथा निर्धारित आदेश के अनुसार ऐसी सामग्री का न्‍यायालय में सबूत के रूप में उपयोग करने के लिए रिपोर्टिंग की जा सकेगी। व्‍यापारिक उद्देश्‍य के लिए किसी बच्‍चे की किसी भी रूप में पोर्नोग्राफिक सामग्री का भंडारण/अपने पास रखने के लिए दंड के प्रावधानों को अधिक कठोर बनाया गया है।  

लाभ:

     इस संशोधन से इस अधिनियम में कठोर दंड देने के प्रावधानों को शामिल करने के कारण बाल यौन अपराध की प्रवृति को रोकने में सहायता मिलने की उम्‍मीद है। इससे परेशानी के समय निरीह बच्‍चों के हित का संरक्षण होगा और उनकी सुरक्षा और मर्यादा सुनिश्चित होगी। इस संशोधन का उद्देश्‍य यौन अपराध और दंड के पहलुओं के संबंध में स्‍पष्‍टता स्‍थापित करना है। 

 

The Union Cabinet chaired by Prime Minister Shri Narendra Modi has approved the proposal for Amendment in the Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act, 2012 to make punishment more stringent for committing sexual crimes against children.

Salient Features:

  1. The POCSO Act, 2012 was enacted to Protect the Children from Offences of Sexual Assault, Sexual harassment and pornography with due regard for safeguarding the interest and well-being of children. The Act defines a child as any person below eighteen years of age, and regards the best interests and welfare of the child as matter of paramount importance at every stage, to ensure the healthy physical, emotional, intellectual and social development of the child. The act is gender neutral.
  2. The amendment in Section-4, Section-5, Section-6, Section-9, Section-14, Section-15 and Section-42 of Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act, 2012, is made to address the aspects of child sexual abuse in appropriate manner. The modification is made to address the need for stringent measures required to deter the rising trend of child sex abuse in the country.
  3. To discourage the trend of child sexual abuse by acting as a deterrent Section-4, Section-5 and Section-6 are proposed to be amended to provide option of stringent punishment, including death penalty, for committing aggravated penetrative sexual assault crime on a child to protect the children from sexual abuse.
  4. The amendments are also proposed in section-9 to protect children from sexual offences in times of natural calamities and disasters and in cases where children are administered, in any way, any hormone or any chemical substance, to attains early sexual maturity for the purpose of penetrative sexual assault.

 

  1. Section-14 and Section-15 of the POCSO Act, 2012 are also proposed to be amended to address the menace of the child pornography. It is proposed to levy fine for not destroying/or deleting/ or reporting the pornographic material involving a child. The person can be further penalized with jail term or fine or both for transmitting/propagating/administrating such material in any manner except for the purpose of reporting as may be prescribed and for use as evidence in court. Penal provisions have been made more stringent for storing/possessing any pornographic material in any form involving a child for commercial purpose.

 

Benefits:

          The amendment is expected to discourage the trend of child sexual abuse by acting as a deterrent due to strong penal provisions incorporated in the Act. It may protect the interest of vulnerable children in times of distress and ensures their safety and dignity. The amendment aims to establish clarity regarding the aspects of child abuse and punishment thereof.

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India

Recent Cabinet Decisions